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रक्षा मंत्री के रूप में नेताजी मुलायमसिंह यादव

 

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रक्षा मंत्री मुलायमसिंह यादव 


        देश के रक्षा मंत्री के रूप में माननीय नेता जी श्री मुलायम सिंह यादव ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की. डेढ़ वर्ष की अल्प अवधि और राजनीतिक अस्थिरता के माहौल में नेता जी ने देवगौड़ा जी और गुजराल जी की गठबंधन की सरकारों के दौरान कर्मठता और पहल करने में सामंजस्य स्थापित किया था.

 

1.     नेता जी श्री मुलायमसिंह सिंह यादव जी रक्षा मंत्री रहते हुए हर सप्ताह उच्च सैनिक एवं असैनिक अधिकारियों की बैठक में स्वयं रक्षा की तैयारियों की समीक्षा करते थे और उन्होंने स्वयं अपनी अध्यक्षता में केंद्रीय सैनिक बोर्ड संसदीय सलाहकार समिति हल्के लड़ाकू विमान उच्चाधिकारी समिति कैंटीन स्टोर्स डिपार्मेंट हिंदी सलाहकार समिति सीमा सड़क विकास मॉडल जैसे संस्थाओं और संगठनों की बैठक आयोजित की गई.

2.    रक्षा मंत्री रहते हुए माननीय नेता जी ने अपने निवास पर हर सप्ताह जनता दरबार लगाए, जिसमें उन्हीं लोगों की शिकायत सुनी और इन शिकायतों को दूर करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा समुचित कार्यवाही की गई.

3.    मंत्रालय के सरकारी कामकाज में राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया गया.

4.    नेता जी श्री मुलायमसिंह सिंह यादव जी के ईमानदार नेतृत्व में रक्षा अनुबंधों से बिचौलियों को दूर करने के लिए रक्षा सामान की खरीद के लिए अनुबंध में कुछ सख्त धाराएं जोड़ी गई.रक्षा मंत्री के रूप में देश को बताया कि किस तरह हथियार  सौदागर/दलाल उनके पीछे पड़े हुए हैं. परंतु वे उनके चक्कर में नहीं आए और किसी रक्षा सौदे में दलाल को अपने पास फटकने की इजाजत नहीं दी. उन पर रक्षा मंत्री रहते कोई दाग नहीं लगा.

5.    नेताजी श्री मुलायमसिंह सिंह यादव जी के ईमानदार नेतृत्व में बंगलुरु में प्रथम अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रदर्शनी इंटरनेशनल एयर शो का सफल आयोजन किया गया था.

6.    पनडुब्बियों की खरीद, आधुनिक जेट ट्रेनर-30 शिक्षा परियोजना भी उनके काल में ही अपने अंतिम चरण में पहुंचाई गई और स्वदेशी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हवाई जहाज रक्षा जहाज ‘टोही विमान’ के देश में ही निर्माण की योजनाएं बनाई गई थी.

7.    रक्षा सेनाओं के मनोबल को बनाए रखने के लिए नेता जी ने स्वयं जम्मू कश्मीर, राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा किया ताकि वे उन स्थितियों का स्वयं जायजा ले सके, जिनमें वहां सेना के अधिकारी और जवान रहते हैं. रक्षा मंत्री ने स्वयं कई वायु सैन्य अड्डों का भी दौरा किया. अरब सागर में आईएनएस विराट के युद्धाभ्यास का स्वयं निरीक्षण किया. इसके अलावा इस अवधि के दौरान राजस्थान के मरुस्थल में भारतीय सेना तथा वायु सेना द्वारा किये गए अभ्यास को स्वयं जाकर देखा कि हमारी सेना की कैसी तैयार है.

8.     नेता जी श्री मुलायमसिंह सिंह यादव जी के ईमानदार नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के लिए सुखोई विमान की आपूर्ति के अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के बाद रूस ने इन विमानों की पहली खेप भारत भेजी  थी. नवंबर 1996 में हस्ताक्षरित अनुबंध के तहत रूसी एजेंसियों ने इस विमान के लिए अन्य अनुसंधान एवं विकास कार्यों में रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन को भागीदारी बनाने की अनुमति दी थी. इस अनुबंध के अंतर्गत बाद की आपूर्ति के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को भारत में ही इस विमान के लाइसेंस उत्पादन की अनुमति दी गई. यह sukhoi-30 की लक्ष्य भेदन क्षमता बहुत ही शानदार है और इसका जीवन काल भी काफी लंबा है.

9.    रूस के रक्षा मंत्री जनरल रूस के रक्षा मंत्री जनरल के भारत दौरे के समय भारत तथा रूस के बीच परस्पर सेना सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जिसमें दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं के बीच और अधिक निकट संबंध बनाने तथा समय-समय पर आपसी सैनिकों के मामलों पर सूचनाओं और विचारों का आदान प्रदान करने तथा सैन्य विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति की भी व्यवस्था की गई.

10.                    भारत-अमेरिका रक्षा पॉलिसी ग्रुप अक्टूबर 1996 में नई दिल्ली में दूसरी बैठक हुई और उसमें जनवरी 1995 में नई दिल्ली में हस्ताक्षरित रक्षा सहयोग समझौते का अनुपालन करते हुए इस दल की सितंबर 1995 में वाशिंगटन में हुई पहली बैठक में शुरू किए गए रक्षा सहयोग मामलों पर आगे बातचीत की गई.

11.                    रक्षा मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने 31 मार्च 1997 को समाप्त वर्ष के दौरान 1296 करोड रुपए का कारोबार किया गया जो इस उपकरण के पिछले वर्ष के कारोबार से 15% अधिक था.

12.                    भारत के समय के गाइडेड मिसाइल कार्यक्रम में भी 1996 के दौरान उल्लेखनीय प्रगति हुई इस कार्यक्रम के अंतर्गत वायु सेना के लिए सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल की 250 किलोमीटर रेंज का सफल परीक्षण किया गया और भारतीय सेना के लिए इस मिसाइल की 150 किलोमीटर रेंज के उपभोक्ता परीक्षण का पहला चरण सफलतापूर्वक किया गया.

13.                    सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की विकास आकाश मिसाइल के परीक्षण उड़ान भी सफलतापूर्वक पूरी की गई तथा रेगिस्तान में इस मिसाइल के स्वर्ण उदित लांचर के परीक्षण की सफलता पूर्वक किए गए.

14.                    तीसरी श्रेणी के टैंक भेदी मिसाइल परीक्षण उड़ान में भी सफल रहीं जिनमें विजिबल चार्टर्ड यंत्र प्रणालियों का उपयोग किया गया इस अवधि के दौरान प्रतिक्रिया वाली थोड़ी दूरी की मिसाइलों का विकास परीक्षण किया गया.

15.                    नेताजी को आशा है कि भारत का हल्का लड़ाकू विमान चालू वर्ष के दौरान उड़ान भरने लगेगा जो कि सबसे छोटा सबसे हल्का लड़ाकू विमान होगा तथा कीमत और क्षमता की दृष्टि से विश्व भर में ऐसा अन्य विमानों के सर्वश्रेष्ठ होगा.

16.                    रिमोट कंट्रोल के पायलट रहित विमान निशांत की विकास परीक्षण उड़ान की गई निशांत को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह युद्ध क्षेत्र में हवाई टोली सकता है अगले वर्ष के दौरान इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा तथा इसे सेना को सौंप दिया जाएगा.

17.                    विमानों को उन्नत करने का काम नेताजी की रक्षा मंत्री रहते ही शुरू हुआ और प्रथम चरण में 125 विमानों को प्रोन्नत किया गया.

18.                    अंगोला में प्रभावशाली ढंग से सफलता पूर्वक अपना शांति स्थापना करके 14 पंजाब बटालियन का ग्रुप वापस लौट आया और उसके स्थान पर अगस्त 1996 में 15 बटालियन का ग्रुप अंगोला भेजा गया.

19.                    भारतीय नौसेना के नए प्लांट आईएस ज्योति को जुलाई 1996 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में किया गया जो भारतीय भारत पहुंचकर भारतीय नौसेना के पश्चिम में शामिल हुआ.

20.                    स्वदेश में निर्मित आधुनिक काल का हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को सौंपा गया जिसका डिजाइन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने तैयार किया था और इसी कंपनी से इन्हें इसे विकसित भी किया था.

21.                    भारतीय नौसेना के दूसरे जल स्थल मार्ग जहाज घड़ियाल के बिल्डर इंजीनियरिंग लिमिटेड कोलकाता में 14 फरवरी 1997 को किया गया यह देश में ही विकसित अर्जुन टैंक शहीद देश के सभी आधुनिक टैंकों को लाने और ले जाने में सक्षम है जिसके लिए इसके डिजाइन में सफलतापूर्वक परिवर्तन किया गया.

22.                    386 भारतीय इंजीनियरिंग कंपनी इन डेंजर के कार्मिकों को जो कि संयुक्त राष्ट्र अंगोला वेरिफिकेशन मिशन की भारतीय पटल बटालियन का ही अंग है को उल्लेखनीय सेवाओं के लिए यू एन ओ में पद को पदक से सम्मानित किया गया भारत के टुकड़े के 214 सदस्यों ने इस बल के कमांडर से यह सम्मान प्राप्त किया इन डेंजर ने वहां अन्य कार्यो के अलावा 11 पोलो तथा चार मुख्य सड़कों सड़कों का निर्माण किया तथा छह हवाई अड्डों की मरम्मत की.

23.                    गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में 29 फरवरी 1997 को आई एन एस प्रहार को जला वितरित किया गया 56 मीटर लंबे इस जहाज की मारक क्षमता 455 टन है उच्च क्षमता वाले गैस टरबाइन अवरोधित इस जहाज पर चालक दल के 7 अधिकारी और 55 नौसैनिक होंगे.

24.                    एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी के नाम वाले तटरक्षक जहाज कोलकाता बरवा को 29 मार्च 1997 को जला वितरित किया गया तेज गति से पेट्रोलिंग करने वाला देश में समुद्र में भारतीय मछुआरों की रक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा देश की समुद्री हितों की रक्षा करने में सक्षम है.

25.                    सरकार ने सेना में जूनियर कमीशन अफसर एवं जवानों को कमीशन प्रदान करने की एक नई प्रक्रिया का अनुमोदन किया ऐसे अधिकारियों को विशेष कमीशन प्राप्त अधिकारी कहा गया 30 से 35 वर्ष के आयु के जेसीओएम तथा जवान जो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पद्धति कक्षा 11 11 सीनियर स्कूल सर्टिफिकेट पास होंगे और सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड तथा मेडिकल बोर्ड द्वारा समुचित जांच पड़ताल के बाद चुने गए होंगे इस विशेष कमीशन के लिए पात्र होंगे इन्हें कमीशन में पहले 6 माह के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और इस प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा करने के पश्चात ने सेकेंड लेफ्टिनेंट में कमीशन प्रदान किया जाएगा.

26.                    केंद्रीय सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारों के लिए आर्थिक सहायता में भी वृद्धि की है और कई कदम उठाए जिनमें भूतपूर्व सैनिकों तथा उनकी विधवाओं जिनकी आय का कोई साधन नहीं है को दी जाने वाली सहायता की राशि 2 वर्ष के लिए रू. 250 से बढ़ाकर रू. 500 की गई.

27.                    भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं की शादी के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता की राशि रू. 4000 से बढ़ाकर रू. 8000 कर दी गई थी.

28.                    भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं की अपने मकानों की मरम्मत के लिए दी जाने वाली सहायता की राशि भी रू. 5000 से बढ़ाकर रू. 10000 कर दी गई थी.

29.                     चिकित्सा तथा प्राकृतिक आपदाओं के समय इन्हें दी जाने वाली भूतपूर्व सैनिकों की सहायता की राशि रू. 8000 से बढ़ाकर रू. 15000 कर दी गई थी.

30.                     भूतपूर्व सैनिकों तथा उनकी विधवाओं और बच्चों को दी जाने वाली शिक्षण संस्था भी फीस भी बढ़ाकर रू. 35 से बढ़ाकर रू. 100 कर दी गई थी.

        माननीय नेता जी के नेतृत्व में उपलब्धियों का यह नतीजा निकला कि  सामान्य जवानों में स्वस्ति पैदा हुई और मानसिकता वाला तथा उनमें विश्वास का संचार हुआ.

 

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