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अखिलेश यादव के बनाये मेडिकल कॉलेज Medical college built by Akhilesh Yadav

 

अखिलेश सरकार की चिकित्सा शिक्षा विभाग की विभिन्न परियोजनाएँ-


       श्री अखिलेश यादव के नेतृत्ववाली समाजवादी सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को कैंसर, लिवर, हार्ट तथा किडनी जैसी गम्भीर बीमारियों का मुफ्त इलाज सरकारी अस्पतालों में मुहैया कराया गया था । इसके अलावा 18 मण्डलीय जिलों के राजकीय चिकित्सालयों में किडनी के मरीजों के लिए हीमोडायलिसिस की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई गयी । साथ ही गम्भीर रोगों से ग्रस्त गरीब मरीजों के इलाज के लिए विधायक निधि से 25 लाख रुपए व्यय करने का भी प्राविधान किया गया था । कम से कम समय में मरीजों को सरकारी अस्पताल पहुंचाने के लिए शुरू की गई ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा और ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस जरूरतमंदों के लिए कारगर साबित हो रही थी । इन स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ बड़े पैमाने पर लोगों को मिला ।

 

मेडिकल कॉलेज

       समाजवादी पार्टी के प्रगतिशील और विजनरी मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा विभाग की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया था । स्वास्थ्य के क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से समाजवादी शासन के पहले चार साल में ही 11 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना कर दी गयी थी । डॉक्टर्स की कमी से निपटने के लिए राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में लगभग दुगनी वृद्धि करके 1140 से बढाकर 2140 कर दिया गया था और 1,000 मेडिकल सीटों का इजाफा किया गया था ।

       समाजवादी सरकारों ने हमेशा जनता को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने की कोशिश की है । पिछली समाजवादी सरकारों द्वारा भी प्रदेश के अनेक जनपदों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का कार्य किया गया था । युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार ने भी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को प्राथमिकता से बनवाया था । प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के मद्देनजर राज्य सरकार इस बात का भी प्रयास कर रही थी कि गांवों के लोगों को प्रशिक्षित कर नर्सों की कमी को पूरा किया जा सके ।

मेडिकल सुविधाओं के उन्नयन के लिए समाजवादी सरकार के कार्य निम्नलिखित हैं-

v गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के परिसर में बनाए गए 500 बेड के अतिविशिष्ट बाल चिकित्सालय का ओपीडी भवन,

v गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कोबाल्ट प्लाण्ट (टेलीथेरेपी, ब्रेकीथेरेपी) तथा सी.टी. स्कैन मशीन स्थापना कार्य,

       उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के इलाके में जापानी मस्तिष्क ज्वर, इंसेफलाइटिस आदि रोगों का प्रकोप ज्यादा रहता है, जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। इस अतिविशिष्ट बाल चिकित्सालय के शुरू हो जाने से इस इलाके के बाल रोगियों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिली । कोबाल्ट प्लाण्ट की स्थापना से पूर्वांचल इलाके के मुंह, गले, स्त्रियों की छाती, बच्चेदानी तथा सांस की नली के कैंसर रोगियों के इलाज की सुविधा गोरखपुर में ही मिलने लगी ।

v गोरखपुर मेडिकल कॉलेज परिसर में निर्मित फार्मेसी, नर्सिंग, पैरामेडिकल महाविद्यालय के भवन

v जनपद बरेली में यूनानी मेडिकल कॉलेज

v जनपद शाहजहांपुर में राजकीय ऐलोपैथिक मेडिकल कॉलेज- इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण 24.84 एकड़ भूमि में लगभग 196 करोड़ रुपए की लागत से कराया गया था ।

v एमबीबीएस में सीटों की बढ़ोतरी -समाजवादी सरकार के पहले चार वर्षों के कार्यकाल दौरान में एमबीबीएस में 1000 सीटों की बढ़ोतरी की गयी थी । वर्ष 2012 के पहले जहां प्रदेश में एमबीबीएस की मात्र 1140 सीटें ही उपलब्ध थीं, वे अब बढ़कर 2140 हो गई थी । प्रदेश सरकार ज्यादा से ज्यादा सरकारी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का प्रयास कर रही थी, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ने का मौका मिले । साथ ही, राज्य के लोगों को उनके निवास के नजदीक ही उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा भी हासिल हो सके ।

v शाहजहांपुर में मेडिकल कॉलेज

v फैजाबाद में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पतालों को भी उच्चीकृत करके मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला समाजवादी सरकार के प्रगतिशील नेतृत्व में संपन्न हुआ था ।

v फिरोजाबाद में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पतालों को भी उच्चीकृत करके मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला समाजवादी सरकार के प्रगतिशील नेतृत्व में संपन्न हुआ था ।  

v बस्ती में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पतालों को भी उच्चीकृत करके मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला समाजवादी सरकार के प्रगतिशील नेतृत्व में संपन्न हुआ था ।

v बहराइच में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पतालों को भी उच्चीकृत करके मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला समाजवादी सरकार के प्रगतिशील नेतृत्व में संपन्न हुआ था ।  

v जिला अस्पतालों को भी उच्चीकृत करके मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला समाजवादी सरकार के प्रगतिशील नेतृत्व में संपन्न हुआ था ।

v सहारनपुर मेडिकल कॉलेज- एमबीबीएस के पहले बैच के 100 छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका था,

v बांदा मेडिकल कॉलेज-वर्ष 2016-17 के लिए बांदा में स्थापित किए गए नये बांदा मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीटों पर प्रवेश के लिए एमसीआई ने मंजूरी दे दी थी ।

v  बदायूं मेडिकल कॉलेज में भी ओपीडी सेवाएं शुरू की जा चुकी थी ।

v  बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 100 सीट 

v       लखनऊ के डा. लोहिया संस्था में एमबीबीएस की 150 सीटों के लिए दाखिला शुरू करने का का काम कराया गया

v       ग्रेटर नोएडा की मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की 150 सीटों के दाखिला शुरू करने का का काम कराया गया

v       जनपद जौनपुर में मेडिकल कॉलेज

v        चंदौली में मेडिकल कॉलेज

v       नजीबाबाद (बिजनौर) में भी मेडिकल कॉलेज

v         गोरखपुर में एम्स की स्थापना- समाजवादी राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध करवाई गयी थी । साथ ही, इसे फोरलेन रोड से भी जोड़ दिया गया था । विद्युत आपूर्ति की भी व्यवस्था कराई गई थी ।

v     रायबरेली में एम्स की स्थापना के लिए भी भूमि उपलब्ध करा दी गई थी । तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा था कि प्रदेश की जनता को अच्छी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के दृष्टिगत मेडिकल कालेजों की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार जितनी जमीन चाहेगी वह राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी । राज्य सरकार आम जनता के स्वास्थ्य के लिए सजग है और वह केन्द्र सरकार से इसमें पूरा सहयोग चाहती है।

v प्रदेश में डाक्टरों की कमी को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा डाक्टरों की सेवा निवृत्ति आयु 65 वर्ष कर दी गई थी ।

v ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा को शानदार बनाया गया था  

v ‘102’ नेशनल एम्बुलेंस सर्विस को शानदार बनाया गया था  

v सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों सहित नवीन उच्चीकृत चिकित्सा इकाइयों की भी स्थापना करायी जा रही थी ।

v रायबरेली रोड स्थित ट्राॅमा सेण्टर-2 के साथ-साथ इलेक्ट्राॅन माइक्रोस्कोपी, लीनियर एक्सेलरेटर एवं मेमोग्राफी मशीन भी शामिल थी। 

v 18 मण्डलीय जिलों के राजकीय चिकित्सालयों में किडनी के मरीजों के लिए हीमोडायलिसिस की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया गया।

v कैंसर जैसे दुःसाध्य रोग से निपटने के लिए लखनऊ में एक उच्चस्तरीय कैंसर संस्थान की भी स्थापना की जा रही है। 

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