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मुलायमसिंह यादव: युवाओं के लिए रोजगार और कार्यक्रम

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मुलायमसिंह यादव: युवाओं के लिए रोजगार और कार्यक्रम

देश की भविष्य में बागडोर सँभालने वाले युवा के लिए नेता जी द्वारा हमेशा चिंता जताती जाति रही है. वे युवाओं को बेहतर भारत के भविष्यनिर्माता के रूप में देखतें हैं. किसी व्यक्ति को उसकी क्षमता एवं योग्यता के अनुसार कार्य दिये जाने के लिए नेता जी ने हमेशा प्राथमिकताओं में रखा है. लघु-कुटीर उद्योग के माध्यम से रोजगार सृजन को लेकर नेता जी ने हमेशा प्रयास किये हैं. इसी को लेकर समाजवादी पार्टी के युवा और विजनरी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव भी कार्य करते रहे हैं, लेपटॉप देने के साथ-साथ युवाओं की शिक्षा-स्वास्थ्य की चिंता करते हैं. नेता जी का युवाओं को लेकर स्पष्ट मानना है कि आर्थिक विकास की गति तेज करना हो, सामाजिक शांति स्थापित करना हो तो युवाओं की शक्ति को सदुपयोग किया जाना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति रोजगार पाने हेतु प्रथम शिक्षित होगा तत्पश्चात रोजगार प्राप्त करेगा. अपने कार्य के दौरान संबंधित विभाग की सेवा करेगा तो विभाग के साथ-साथ देश एवं प्रदेश की भी सेवा हो जाएगी. इससे स्पष्ट होता कि कि रोजगार से हमारे प्रदेश को कितने लाभ है किंतु यदि उसके नीचे एक और बेरोजगार व्यक्ति धन कमाने के लिए ऐसे कदम भी उठा सकता, जो देश और समाज के लिए हितकर न हो अर्थात वह अपराध की राह पर जा सकता है. यदि यही अपराधी शिक्षित है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है क्योंकि शिक्षित व्यक्ति बुद्धिमता से अपराध करेगा और उसे पकड़ पाना और अधिक कठिन होता जाएगा. ऐसा व्यक्ति स्वयं में तो एक होता है परंतु वह सारे समाज को पीड़ा पहुंचाता है. किसी भी सरकार का यह नैतिक उत्तरदायित्व अपने राज्य के निवासियों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराएं ताकि युवा प्रतिभाओं का उपयोग कर सके. विशाल युवा वर्ग के लिए उद्योग एवं विशेष रूप से लघु एवं कुटीर उद्योग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

वर्ष 1994-95 के बजट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय नेता जी श्री मुलायम सिंह यादव जी ने अपने बजट भाषण में कहा था कि उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास से प्रथम बार गरीबों की सरकार बनी है. जिसकी परिकल्पना महात्मा गांधी ने हिंद स्वराज की रूपरेखा में इस प्रकार की थी. यह गरीबों का राज्य होगा, जिसमें सभी जाति-धर्म एवं भाषा को बराबरी का स्थान होगा, उसमें में न कोई भूखा-नंगा रहेगा, ना कोई अनपढ़ होगा और ना ही कोई बेरोजगार होगा. आजादी की लड़ाई के दौरान हमारे समाज के शोषित-पीड़ित, पिछड़े और दलित वर्गों में अवस्था परिवर्तन की जो भूख लगाई थी, वह अभी तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है. यह समाज शोषण, अन्याय और विषमता से मुक्ति के लिए तड़प रहा है और यह समाजवादी सरकार उसी की सामूहिक अभिव्यक्ति है.

रोजगार से आशय है कार्य करने के इच्छुक लोगों को उनकी सामर्थ्य एवं योग्यता के अनुसार कार्य प्रदान करना ताकि कार्य के प्रतिफल में मिलने वाले धन से अपनी जीविका उपार्जन कर सकें. सामाजिक और आर्थिक विकास को गति प्रदान करने में रोजगार एक महत्वपूर्ण कारक है. सामाजिक विकास हेतु रोजगार के अभाव में व्यक्ति में कार्यहीनता तथा श्रमहीनता समा जाती और वह पतन के मार्ग पर चलने लगता है. जिससे संपूर्ण समाज पीड़ित होता है और प्रदेश की युवा शक्ति का ह्रास होता है. आर्थिक विकास और रोजगार एक दूसरे के पूरक होते हैं. जहां आर्थिक संपन्नता होगी वहां रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. रोजगार से व्यक्तियों के जीवन में संपन्न आएगी, उनका जीवन स्तर बढ़ेगा, प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी तथा इसके साथ ही उनके क्रय शक्ति में भी वृद्धि होगी. शक्ति में वृद्धि से अधिक उत्पादों एवं सेवाओं का करिए और उपभोग कर सकेंगे तथा उत्पादों एवं सेवाओं के बिक्री में वृद्धि होने से नए उद्योगों को फलने फूलने का अवसर प्राप्त होगा यह प्रक्रिया अमृत चलते रहने से आर्थिक विकास तथा रोजगार के अवसर दोनों को लाभ पहुंचाता है.

अपने कार्यकाल के दौरान नेता जी ने रोजगार के अनेक अवसर सृजित करने का काम किया. करके तथा अपने नैनो के द्वारा रोजगार अवसरों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष सहायता प्रदान की मुलायम सिंह जी के अनुसार केवल सरकारी क्षेत्र एवं गृह उद्योग हमारे प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या को समाहित करने में सक्षम नहीं है उनके अनुसार केवल सरकारी क्षेत्र एवं वह क्षेत्र हमारी बढ़ती जनसंख्या को समाहित करने में सक्षम नहीं है इसके लिए आवश्यकता है कि गांवों को उद्योगों से सराबोर किया जाए कुटीर उद्योगों को गांव-गांव गली-गली तक फैलाया जाए ताकि स्थानीय लोग अल्प शिक्षित एवं अशिक्षित जनता भी इन में समाहित हो सके इस उद्देश्य हेतु उन्होंने अपने आर्थिक नीतियों में कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया.

 

नेताजी की सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए          अग्रलिखित विशिष्ट कदम उठाए गए थे- 

युवाओं के लिए रोजगार एवं अन्य कार्यक्रम

1.   नेता जी की सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के वर्ष 1991-92 के बजट में रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने के लिए लघु-कुटीर उद्योग स्थापित करने हेतु 50,00,00,000 रू. की एक विशेष निधि की स्थापना की गई थी.

2.   रोजगार सृजन हेतु प्रत्येक विकासखंड में कम से कम 30 औद्योगिक इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया गया था.

3.   आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत प्रत्येक जिले के एक चयनित ग्राम के समस्त बेरोजगार व्यक्तियों को आवश्यक प्रशिक्षण देकर स्वतः रोजगार में नियोजित करने का निर्णय लिया गया था और इसके लिए 6,30,00,000 रू. की धनराशी आरक्षित करने का काम किया गया था.

4.   युवक मंगल दल के सदस्यों को स्वतः रोजगार प्रदान करने हेतु व्यवसायिक प्रशिक्षण दिए जाने की नवीन योजना आरंभ की गई थी.

5.   माध्यमिक शिक्षा के व्यवसायीकरण की योजना को 710 इंटर कॉलेजों में लागू करने का काम नेताजी की सरकार द्वारा किया गया था.

6.   10,000 रिक्त पदों पर बीटीसी प्रशिक्षित व्यक्तियों को सेवानियोजित करने का भी कार्य माननीय नेता जी की सरकार द्वारा किया गया था.

7.   नेताजी की जन कल्याणकारी सरकार ने गैर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विध्यालयों में सी.टी., एल.टी. प्रवक्ता के पदों पर कार्यरत अध्यापकों को  विनियमितीकरण करने का काम किया गया था. नेता जी की सरकार के द्वारा लिया गया यह इतना बड़ा कदम था कि इसके लिए आज भी संघर्ष हो रहे हैं. माननीय नेताजी ने गैर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-प्रवक्ता पदों पर कार्य करने वाले लोगों को स्थाई किया था.

8.   नेता जी गैर शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालयों में भी एल.टी. ग्रेड एवं प्रवक्ता ग्रेड में पदोन्नति के कोटे को 40% से बढ़ाकर 50% कर दिया था.

9.    माध्यमिक विद्यालय एवं डिग्री कॉलेजों के समस्त तदर्थ (ADHOC) शिक्षकों के विनियमितीकरण करने का निर्णय समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया नेता जी श्री मुलयम सिंह यादव की सरकार द्वारा लिया गया था. आज भी हजारों स्कूल-कॉलेज के तदर्थ शिक्षक-शिक्षकाएं इसी इन्तजार में है. नेता जी की सरकार ने डिग्री कॉलेज के तदर्थ शिक्षकों को विनियमितीकरण करने का काम किया गया था. जिसके अंतर्गत हजारों शिक्षक असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे पदों पर स्थाई किए गए.

10.                  ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विद्यालयों को खेलकूद सुविधा हेतु अनुदान देने के लिए एक नई योजना आरंभ की गई थी.

11.                  प्राइमरी तथा जूनियर हाई स्कूलों में 2000 उर्दू अध्यापकों की नियुक्ति करने का काम माननीय नेता जी की सरकार द्वारा किया गया था.

12.                  नेता जी सांप्रदायिक दंगों के विषय में अच्छी तरह से जानते हैं. उन्होंने इसी समस्या के निवारण के लिए शांति सुरक्षा बल का गठन किया था. जिसमें 5000 कांस्टेबलों की नई भर्ती करने का काम समाजवादी पार्टी की सरकार द्वारा किया गया.

13.                  युवा महिला उद्यमियों को स्वतः रोजगार दिलाने हेतु मार्जिन मनी ऋण योजना के लिए 30,00,00,000 रू. स्वीकृत किए गए थे.

14.                  पर्वतीय क्षेत्र के पारंपरिक उद्योग के विकास के लिए  ‘ऊन बैंक’ की स्थापना की गई थी. जिसमें हजारों लोगों को स्वतः रोजगार के अवसर प्राप्त हुए और उनके जीवन स्तर का उत्थान हुआ.

15.                  रेशम उद्योग के उत्थान हेतु विश्व बैंक पोषित 4.5 करोड रुपए की परियोजना से स्वतः रोजगार के नए अवसरों का सृजन किया गया था.

16.                  कुम्हार/प्रजापति को बर्तन बनाने के लिए मिट्टी निकालने हेतु भूमि का पट्टा देने का काम किया गया था.

17.                  निषाद/मल्लाह को मत्स्य पालन हेतु तालाब का पट्टा दिया गया था.

18.                  सघन मिनी डेयरी परियोजना हेतु 32,00,00,000 रूपया का प्रावधान किया गया था. जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक आत्मनिर्भरता पैदा की जा सके.

19.                  ऊसर सुधार हेतु ‘भूमि सेना’ का गठन किया गया था. जिससे एक और भूमि को उपजाऊ बनाया गया वहीं दूसरी ओर इस्सके माध्यम से 45 लाख श्रमिक दिवस रोजगार सृजित किए गए थे.

20.                  गैर शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालयों में 14 जुलाई 1981 एवं 9 मई 1986 के बीच स्थान्तरित अध्यापकों के स्थानांतरण को विधिक मान्यता नेताजी की सरकार के द्वारा ही की गई थी.

21.                  महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था करने वाले नेताजी ही थे. उन्होंने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 3% पदों पर आरक्षण देने का काम किया था.

22.                  महिला उद्यमियों को स्वतः रोजगार दिलाने हेतु मार्जिन मनी योजना आरंभ की गई थी. इसके प्रयोजन हेतु 30 करोड़ रूपया स्वीकृत किए गए थे.

23.                  महिलाओं के लिए ‘रोजगार कार्यक्रम समर्थन योजना’ चलाई गई थी.

24.                  नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार ने समस्त प्रशासनिक कामकाज हिंदी में करने का ऐतिहासिक फैसला किया और प्रादेशिक सेवा में चयन के लिए अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी. इसके साथ ही प्रदेश में दूसरे राज्यों की भाषाओं के पठन-पाठन हेतु 8 जनपदों में विशेष व्यवस्था की गई थी. हिंदी भाषा को समस्त सरकारी कार्यों में लागू करने और प्रदेशीय सेवाओं के चयन में अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त करके ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को सामान अवसर देने का काम नेता जी के द्वारा किया गया था.  नेता जी के इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को रोजगार की प्राप्ति में अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा लाभ पहुंचाया था. क्योंकि अंग्रेजी भाषा में अल्प ज्ञान होने के कारण ग्रामीण छात्र-छात्राओं में समुचित प्रतिभा होते हुए भी वे शहरी छात्र-छात्राओं से मुकाबला करने में असमर्थ थे. इन ग्रामीण क्षेत्र के अंग्रेजी ज्ञान के कारण जो अवसर प्राप्त नहीं होते थे उन को अवसर देने के लिए माननीय नेता जी की सरकार के द्वारा विशिष्ट कदम उठाए गए जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभाशाली छात्रों को नियुक्ति और अन्य क्षेत्रों में प्राप्त हुआ.

25.                  रोजगार के क्षेत्र में उपेक्षित वर्गों को विशेष अवसर प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत नेताजी की सरकार ने आरक्षण हेतु अध्यादेश लाकर कानून बनाया तथा जानबूझकर इसका पालन न करने वाले को पहली बार में ही कार्यवाही और आर्थिक दंड दोनों की व्यवस्था की इस आरक्षण व्यवस्था के अंतर्गत सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के आरक्षण कोटे में 3% की वृद्धि करके 18 से 21 परसेंट कर दिया था. पिछड़ी जातियों के लिए सरकारी नौकरियों में 27 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया था.

26.                  सामान्य जातियों के आर्थिक दृष्टि से कमजोर-गरीब लोगों को सरकारी नौकरियों में 8 फ़ीसदी आरक्षण दिया गया था.

27.                  महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 3% आरक्षण दिया गया था.

28.                  पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों के लिए सरकारी नौकरियों में 2% आरक्षण दिया गया था.

29.                  नेता जी सरकार द्वारा ग्रामीण जनता को उत्पादक एवं लाभकारी रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जवाहर रोजगार योजना के अंतर्गत 1994 में 650 करोड़ का प्रावधान किया गया था. इसके अंतर्गत प्रदेश के अत्यंत पिछड़े 12 जिलों में 17 करोड़ 40 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया था.

30.                  एकीकृत ग्राम्य विकास कार्यक्रम के अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को रोजगार हेतु ऋण प्रदान किए गए. 1993-94 एकीकृत ग्राम्य विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 202 करोड़ की राशि से 4,45,403 परिवारों को लाभान्वित किया गया, जबकि 1992 में यह केवल 144 करोड रू. की राशि वितरित की गई थी.

31.                  भूमि सेना-उसर भूमि की जटिल समस्याओं को दूर करने हेतु नेता जी की सरकार के द्वारा एक अत्यंत बुद्धिमता पूर्ण निर्णय लेते हुए भूमि सेना का गठन किया गया. जिसमें उत्तर प्रदेश की कुल कृषि योग्य क्षेत्रफल में 12,000 हेक्टेयर भूमि की वृद्धि हुई तो वहीं दूसरी तरफ 45 लाख श्रमिक दिवस रोजगार का सृजन हुआ, जिससे गरीब और असहाय ग्रामीण जनता लाभान्वित हुई.

32.                  प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाया गया और भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को दंडित करके बाहर किया.

33.                  आदर्श ग्राम योजना के तहत हर जिले के एक गांव के सभी बेरोजगार युवकों को आवश्यक प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार दिलाने का निर्णय लिया गया और उसके लिए 7 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई थी.

उपयुक्त रोजगार कार्यक्रमों के द्वारा नेता जी की समाजवादी और कल्याणकारी सरकार ने प्रदेश में बड़ी मात्रा में युवाओं को रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराएं. जिससे प्रदेश में विकराल रूप धारण कर चुकी बेरोजगारी पर आंशिक रूप से ही सही पर कुछ हद तक अंकुश लगा तथा रोजगार पाए युवाओं और महिलाओं में आशा का संचार हुआ. इसे प्रदेश की आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना गया है.

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