उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जनपद बाराबंकी में लगभग 236 करोड़ रुपए की लागत से 101 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। तहसील फतेहपुर में बाईपास बनवाया गया था । स्व. मौलाना मेराज अहमद के नाम पर शिक्षण संस्थान खोले जाने की घोषणा भी की गयी थी ।
बाराबंकी की तहसील फतेहपुर में राजकीय महिला
पॉलीटेक्निक बनवाने का काम किया गया था । महिला पॉलीटेक्निक खुलने से छात्राओं को
रोजगार के बेहतर अवसर मिलने शुरू हुए हैं । जनपद के पहले राजकीय महिला पॉलीटेक्निक
का निर्माण कार्य समाजवादी सरकार ने कराया था । समाजवादी सरकार द्वारा महिला
पॉलीटेक्निक के लिए 15 करोड़ 34 लाख
रुपए स्वीकृत किये गये थे ।
विजनरी मुख्यमंत्री श्री
अखिलेश यादव ने समाज कल्याण, कृषि, पशुपालन,
श्रम, विकलांग जन, डूडा,
ग्राम विकास, राजस्व सहित 17 विभागों की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लाभार्थियों को चेक, स्वीकृति पत्र आदि वितरित किए गए थे। उन्होंने 483 मेधावी
छात्र-छात्राओं को लैपटॉप, 1 हजार समाजवादी पेंशन स्वीकृति
पत्र, 500 श्रमिकों को साइकिल, 100 विकलांगजन
को ट्राई-साइकिल, 10 लाभार्थियों को बैट्री रिक्शा सहित कुल 2,627
पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया था ।
कानून व्यवस्था को चाक-चौबन्द किये जाने की
व्यवस्था सुनिश्चित करने के अंतर्गत ‘100’ नम्बर डायल जैसी
बड़ी परियोजना को शुरू कराने का काम किया गया था जिसके तहत डायल करने पर पुलिस 15
से 20 मिनट के अन्दर घटना स्थल पर पहुंच जाती
है । प्रदेश सरकार द्वारा ऋण पर ई-रिक्शा दिए जाने के बजाय निःशुल्क ई-रिक्शा
वितरित किये गए थे । बालिकाओं की शिक्षा के लिए कन्या विद्या धन, श्रमिकों के लिए निःशुल्क साइकिल, किसानों के लिए
निःशुल्क सिंचाई की व्यवस्था, मण्डियों की स्थापना सुनिश्चित
की गई थी । इसके साथ-साथ ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा एवं ‘102’
नेशनल एम्बुलेंस सर्विस के माध्यम से राज्य सरकार ने दूर-दराज के
क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य
किया गया था । समाजवादी सरकार बिजली, सड़क, अस्पताल आदि बुनियादी सुविधाओं के विकास पर काम कर रही थी ।
गरीबों, असहायों के लिए संचालित समाजवादी पेंशन योजना के तहत धनराशि सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जा रही थी । युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में तकनीकी शिक्षण संस्थान स्थापित किए जा रहे थे । युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया । हर विभाग में रिक्तियों पर भर्ती की जा रही थी । डेढ़ लाख से अधिक शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया था । पुलिस भर्ती प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया । 35 हजार सिपाही के पदों पर भर्ती की गई थी । मुख्यमंत्री के नेतृत्व में समाज के हर क्षेत्र में तरक्की हुई और समाज के सबसे कमजोर और गरीब वर्गों के लिए कई योजनाएं चलायी गई थी ।