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औधोगिकीकरण और रोजगार को समर्पित नेताजी मुलायमसिंह यादव सरकार की उद्योग नीति

Industrial policy of Netaji Mulayam Singh Yadav government dedicated to industrialization and employment
Mulayamsingh Yadav-Akhilesh yadav 

नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र के विकास के अंतर्गत अवस्थापना सुविधाओं में विद्युत उत्पादन एवं वितरण, दूरसंचार सुविधाओं का विकास, वायु यातायात का विकास, एक्सप्रेस, हाईवे, बायपास, ब्रिज का निर्माण, इनलैंड कंटेनर डिपो, कंटेनर डिपो स्टेशनों की स्थापना तथा टेक्नोलॉजी पार्क का विकास प्राथमिकता के आधार पर विकसित किए गए. औद्योगिक विकास की रणनीति के तहत समाजवादी सरकार ने उच्च स्तर की भौतिक एवं सामाजिक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराई. समाजवादी सरकार ने उद्योग स्थापित करने के लिए अनिवासी भारतीयों एवं देश के उद्यमियों की सहभागिता से भी पूंजी निवेश को प्रोत्साहन करने का काम किया. समाजवादी सरकार ने इस कार्य की पूर्णता हेतु प्रशासन तंत्र के दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन में सबसे बड़ी बाधा ‘इंस्पेक्टर राज’ को समाप्त करने का काम किया. नेताजी की समाजवादी सरकार ने उद्योग की स्थापना में स्वीकृति हेतु त्वरित निर्णय तथा प्रभावी समन्वय स्थापित कर अविलंब समस्याओं का निराकरण और निवारण करने के लिए प्रभावी कदम उठाए थे.

1.  नेताजी की सरकार ने छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए बिक्रीकर समाप्त करके इसके स्थान पर व्यापार कर लागू किया गया और बड़ी राहत देने का काम किया था.

2.  आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज न करने के आदेश जारी किए गए थे और इससे छोटे व्यापारियों को राहत देने का काम किया था. पूर्ववर्ती सरकारों के शासन के दौरान इस मामले को लेकर व्यापारियों द्वारा किए गए आंदोलन में जो मुकदमे उन पर लगाए गए थे, उन्हें वापस लेकर व्यापारियों को राहत देने का कम किया गया था.

3.  व्यापारियों के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत चल रहे सभी मामलों को समाप्त करके राहत देने का काम किया गया.

4.  नेताजी की सरकार ने प्रदेश स्तर के उद्योग-व्यापार के मामलों से इंस्पेक्टर राज को समाप्त करने का काम किया गया था.

5.  नेताजी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने में सहूलियत और सुविधाएँ देने के दृष्टिकोण से निर्णय प्रक्रिया को तीव्रता से काम लेने के लिए एक सक्षम प्राधिकृत समिति का गठन किया गया था.

6.  नेताजी द्वारा उत्तर प्रदेश की मंडी परिषद द्वारा दाल मिलों के व्यापारियों के लिए समाधान योजना लागू कराने का काम किया गया था.

7.  उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए 12.50 एकड़ जमीन खरीदने की अनुमति शासन स्तर पर देने के बजाय मंडल स्तर पर मंडल आयुक्त के माध्यम से देने का आदेश जारी करके उद्योग लगाने को जमीन सम्बन्धी मामलों को सिथिल किया गया.

8.  नेताजी के द्वारा निर्यात परक उद्योगों की सुविधा के लिए नयी ‘निर्यात नीति’ घोषित की गई और उन्हें विशेष सुविधा देने का निर्णय लिया गया. 

9.  नेताजी ने उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बेहतर सुविधाएँ देने और वर्गीकृत करने के लिए ‘स्टार केटेगरी’ देने की योजना संचालन करने का काम किया था.

10.             नेताजी ने अवस्थापना सुविधाओं के विकास में निजी क्षेत्र का सहयोग लेने का निर्णय लिया था, ताकि निजी पूँजी और तकनीक को उत्तर प्रदेश के विकास में इस्तेमाल किया जा सके. इस प्रकार उत्तर प्रदेश में अवस्थापना निर्माण और सुविधाओं के विकास में निजी क्षेत्र का सहयोग लेने की नीति पर काम होना शुरू हुआ.

11.             नेताजी ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास हेतु परामर्श देने के लिए एक सक्षम औद्योगिक सलाहकार परिषद का गठन किया था.

12.             नेताजी द्वारा लघु और कुटीर उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए बुनकरों की ऋण माफ़ी के लिए 24 करोड़ की धनराशि आवंटित करने का काम किया था.

13.             नेता जी के द्वारा लघु जल विद्युत परियोजनाओं को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय लिया गया.[1]

  औद्योगिकीकरण हेतु मुलायमसिंह यादव की नवीन औद्योगिक नीति के उद्देश्य-

1.  उत्तर प्रदेश में अधिकतम रोजगार के अवसरों का सृजन हो.

2.  उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य, उत्साहजनक एवं प्रगतिशील औद्योगिक वातावरण का सृजन हो.

3.  कृषि एवं उद्योग के समन्वित विकास के आधार पर प्रदेश का आर्थिक विकास संभव हो.

4.  उत्तर प्रदेश के गरीब, अनुसूचित जाति-जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों को निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाए जाने के लिए विशेष प्रोत्साहन प्राप्त हो.

5.  समानता एवं संपन्नता के आधार पर समाजवाद की स्थापना हो.

6.  प्रदेश में पूर्व के स्थापित उद्योगों की क्षमता में वृद्धि कर औद्योगिक विकास को गति प्रदान किया जाना.

7.  उत्तर प्रदेश में संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलें.

8.  भारी उद्योग, मध्यम उद्योग, लघु उद्योग और कुटीर उद्योग एवं ग्रामीण उद्योगों के जरिए सामाजिक न्याय की स्थापना किया जाना.

9.  उत्तर प्रदेश में उधमिता विकास को प्रोत्साहन दिया जाना.

10. परम्परागत और स्थानीय प्रौद्योगिकी का संरक्षण-संवर्धन के साथ-साथ विकास किया जाना.

11. प्रदेश में उपलब्ध नैसर्गिक संसाधनों एवं अनुकूल परिस्थतियों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित करके औद्योगिक विकास किया जाना.

 नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने उद्योगों के विकास हेतु आधारभूत सुविधाएं बेहतर ढंग से उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प रही. आधारभूत सुविधाओं में भूमि, जल, ऊर्जा, सड़क, ड्रेनेज, दूरसंचार, यातायात और अन्य सामुदायिक सुविधाएं जैसे बैंक, पोस्ट ऑफिस, पुलिस स्टेशन आदि मुख्य रहे. इसके अतिरिक्त सामुदायिक सुविधाएं भी समाजवादी सरकार द्वारा यथासंभव उपलब्ध कराई गई. जिससे उद्यमियों को बहुमुखी प्रोत्साहन प्राप्त हो सके. इसके अंतर्गत आवास, शिक्षा, चिकित्सा, वाणिज्य केंद्र, मनोरंजन, सामुदायिक कल्याण जैसी सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर मुहैया कराई गई,

नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में सुविधाओं की निरंतर और नियमित आधार पर जांच करने के लिए मैपिंग का कार्य शुरू किया गया था. जिससे यह सूक्ष्म स्तर पर स्पष्ट हो सके कि औद्योगिक क्षेत्र में कौन सी सुविधाएं उपलब्ध हैं और भविष्य में कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मैप चिन्हित किया जाए, ताकि उन्हें यथाशीघ्र प्रदान किया जा सके. इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने में सरकार द्वारा निजी क्षेत्रों को प्रोत्साहन दिया गया. जिससे आधारभूत सुविधाओं के विकास को बल मिल सके. उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार द्वारा इन सभी सुविधाओं से परिपूर्ण आदर्श औद्योगिक क्षेत्र के विकास हेतु प्रथम चरण में पश्चिम, मध्य एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के भागों में एक-एक आदर्श औद्योगिक नगर विकसित करने का संकल्प लिया गया था. जिसमें गाजियाबाद, अकबरपुर, कानपुर देहात एवं गोरखपुर शामिल थे. इसके अतिरिक्त सघन औद्योगिक विकास के लिए गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, कानपुर देहात, अकबरपुर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मथुरा, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, इटावा, गोरखपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, जौनपुर, झांसी, पौड़ी गढ़वाल-उत्तराखंड को सम्मिलित किया गया था. समाजवादी सरकार ने निजी क्षेत्र के साथ संयुक्त क्षेत्र के रूप में औद्योगिक विकास क्षेत्रों के अंतर्गत नोएडा, ग्रेटर नोएडा, उपीड़ा, यूपीएसआ पिकअप द्वारा सहायता लेकर औद्योगिक नगरों में पृथक-पृथक संयुक्त क्षेत्र में एक कंपनी स्थापित कराई. जिसकी लागत इक्विटी सहभागिता ग्रुप में लगाई गई थी. समस्त औद्योगिक क्षेत्रों के विकास हेतु आये प्रस्तावों पर गहन विचार करने के लिए समाजवादी सरकार ने भारी उद्योगों के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक सक्षम समिति का गठन किया था. जो आये हुए प्रस्तावों पर तीव्र निर्णय लेने में सक्षम थे.

नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार द्वारा संयुक्त क्षेत्र के विकास हेतु निम्न सुविधाएं उपलब्ध कराई गई.

1.  विशिष्ट औद्योगिक क्षेत्र को प्रमुख मार्गो से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण एवं जल निकासी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यथासंभव प्रयास किए गए.

2.  निजी क्षेत्रों के सहयोग से स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु भारत सरकार से वांछित सुविधाएं मुहैया कराने में नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग प्राप्त किया.

3.  औद्योगिक क्षेत्रों का आकार उचित स्तर तक पहुंचाने में शासन की ओर से प्रमुख विभागों जिनमें श्रम, पर्यावरण, उद्योग, व्यापार कर, ऊर्जा विभाग के  अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के साथ-साथ उन्हें सक्षम शक्तियां देने का काम किया जिससे औद्योगिकरण में आने वाली किसी भी तरह की समस्याओं को एक साथ निपटाया जा सके.

4.  नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने निजी क्षेत्र के सहयोग से औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक एंपावर्ड कमेटी (सक्षम समिति) का गठन किया गया था.

5.  नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने आधारभूत संरचना निर्माण हेतु इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की स्थापना की थी. माननीय नेता जी की सरकार द्वारा 100 करोड रुपए की इक्विटी से इंफ्रास्ट्रक्चर फंड और स्थापना कोष की स्थापना की थी. इसका उपयोग उच्चस्तरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए किया गया था. इस अवस्थापना कोष की स्थापना में राज्य सरकार के अतिरिक्त विभिन्न राज्य स्तरीय संस्थाओं निगमों एवं राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के अतिरिक्त बैंक, निजी प्रतिष्ठानों सहित अंतरराष्ट्रीय स्रोतों की सहभागिता से वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम किया गया था. समाजवादी सरकार के प्रयत्नों से इस फंड में केंद्र सरकार द्वारा उपयुक्त सहायता प्रदान की गई थी.

6.  नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को अनुकूलतम स्तर पर विद्युत की आपूर्ति हेतु सर्वोच्च प्राथमिकता दी थी. विद्युत आपूर्ति तभी अवरोधित हो सकती है, जब पावर ग्रिड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका हो. अतः विद्युत उत्पादन की वृद्धि के लिए सरकार द्वारा निजी क्षेत्र में एम.ओ.यू-एस.ओ.यू हस्ताक्षरित करने की पहल की गई. ताकि 2300 मेगावाट क्षमता की अतिरिक्त उत्पादन क्षमता का सृजन किया जा सके. इसके साथ ही विद्युत उपकरणों के रखरखाव हेतु सरकार ने रिप्लेसमेंट कार्य योजना भी प्रारंभ की थी. विद्युत उत्पादन के प्रश्न पर नीति तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार द्वारा विद्युत परिषद द्वारा औद्योगिक संगठनों के माध्यम से को-जनरेशन की व्यवस्था करने का काम किया था. इसके साथ ही कैपिटल पावर जनरेशन को प्रोत्साहन दिया गया था और इसके लिए विद्युत परिषद को अनुमति दी गई थी.

7.  समाजवादियों की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत संबंधी विवादों के निपटारे के लिए मंडल स्तरीय उद्योग बंधु को अधिकृत किया गया.

8.  नेता जी द्वारा उद्योगों के लिए आवश्यक भूमि से जमीन अधिग्रहण संबंधी सरलीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई. जिससे औद्योगिक इकाई हेतु 12.5 एकड़ भूमि आसानी से प्राप्त की जा सके. समाजवादी सरकार ने अधिग्रहण संबंधी विवादों को निपटाने के लिए एक एंपावर्ड कमेटी का भी गठन किया था. जो विवादों को तेजी से निपटाने के लिए प्रतिबद्ध थी. इसके साथ-साथ उद्योग मंडल आयोग की अनुमति से सीलिंग सीमा से अधिक की भूमि का उपयोग औद्योगिक नगरों के लिए निर्धारित किया गया. उस समय उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन 11 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि उपलब्ध थी. जिसका उपयोग सुधार योजना रोजगार के अवसरों का सृजन करने के लिए औद्योगिक इकाइयों को कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए किया गया था.

9.  नेताजी की समाजवादी सरकार द्वारा वायु यातायात के लिए विभिन्न स्थानों से यातायात को जोड़ने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बहुराष्ट्रीय कंपनी से निजी क्षेत्र में वायु यातायात हेतु अनुबंध किया गया. उत्तर प्रदेश के अनेक स्थानों पर हवाई पट्टी का भी विकास करने का काम किया गया था. ताकि पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिल सके.

10.             दूरसंचार सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स निगम द्वारा सहभागिता के आधार पर सुविधाएं विकसित करने का काम किया गया था.

11.             समाजवादी सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के रखरखाव हेतु इंडस्ट्रियल एरिया मेंटेनेंस का गठन किया गया था. जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम तथा उद्योग विभाग के मुख्य सचिव सदस्य के रूप में शामिल किए गए थे.

12.             समाजवादियों की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों की प्रशासनिक व्यवस्था हेतु सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया गया और विवाद निपटान के लिए मैत्रीपूर्ण और साझेदारी के व्यवहार के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था को पारदर्शी बनाने का काम किया गया था. जिससे प्रक्रियाओं के सरलीकरण से तेजी से निर्णय करके प्रभावी समन्वय के साथ समस्याओं का समयबद्ध निदान किया गया.

13.             समाजवादी सरकार उद्योग सम्बन्धी मार्गदर्शक रूपी सूचनाएं भी उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध थी.

14.             समाजवादी सरकार द्वारा इंस्पेक्टर राज की समाप्त कर दी गई. जिसके तहत वर्तमान प्रशासनिक आदेशों को संशोधित करके नए आदेश निर्गत किए गए. साथ ही निरीक्षण इकाइयों को चिन्हित करके सामान्यतया 5% इकाइयों को रेंडम सेंपलिंग के आधार पर निरीक्षण का कार्य जिलाधिकारी एवं विभाग अधिकारी द्वारा किया गया.

15.             औद्योगिक विकास में अवरोधक बनने वाले नियमों को परिवर्तित करने के लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया गया. इंस्पेक्टर राज के द्वितीय चरण के अंतर्गत सरकार ने वे सभी अधिनियम जो औद्योगिक विकास में बाधक थे. उन्हें चिन्हित करके यथाशीघ्र राज्य स्तरीय अधिनियम के प्रावधानों में परिवर्तन करने का प्रस्ताव पास किया था. इसी दृष्टि से सरकार के वर्किंग ग्रुप्स का गठन किया गया. जो समय-समय पर शासन को अपने सुझाव प्रस्तुत करती थी. यह ग्रुप औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों की संयुक्त चयन के रूप में गठन किया गया था. इनका कार्य बिजली, अवस्थापना, पर्यावरण, श्रम और व्यापार कर जैसे मूलभूत समस्याओं पर विचार विमर्श कर उनके समाधान हेतु सुझाव प्रस्तुत करते थे.

16.             नेताजी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को त्वरित गति देने के लिए एक एंपावर्ड कमेटी को गठन किया था. इस कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव करते थे. कमेटी में 50 करोड़ से अधिक विनियोजन करने वाली औद्योगिक इकाइयों को सुविधाएं मुहैया करने के लिए भी कार्य करती थी.

17.             औद्योगिक विकास और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में चुंगी समाप्त/खत्म करने का काम किया गया था.

नेताजी ने एंपावर्ड कमेटी को निम्न विषयों पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया था-

v ऐसे विद्युत भार की स्वीकृति, जो शासन को संदर्भित हो.

v नगर भूमि सीमा के अंतर्गत नगर इकाइयों हेतु भूमि की स्वीकृति तथा अधिग्रहण की अनुमति.

v अंतर विभागीय समन्वय निश्चित कर अवस्थापना सुविधाएं प्रदान करना.

v भूमि अध्याप्ति  के परिपेक्ष्य में निर्णय. 

v औद्योगिक इकाइयों हेतु विभिन्न विभागों द्वारा कच्चे माल को आवंटित करना.

v व्यापार कर की दरें युक्ति संगत निर्धारित कर औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन दिया जाना.

v पर्यावरण विभाग से सम्बंधित मामलें.

v नहर एवं नदियों से औद्योगिक इकाइयों के लिए जल का वितरण.

v विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा देशों के संबंध में गारंटी संबंधी नियम है.

v नीतियों एवं नियमों तथा अधिनियम की समीक्षा तथा सुधार एवं अन्य कार्यक्रम.

नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार द्वारा ऐसे बड़े उद्योग संगठनों के लिए एक एस्कोर्ट अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान रखा था, जो 50 करोड़ रू. से अधिक पूजी निवेश करने के इच्छुक थे, ये अधिकारी उद्योग की स्थापना में आने वाली बाधाओं को दूर करने हेतु नियुक्त किए गए थे. समाजवादी सरकार द्वारा राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उद्योग बंधु के माध्यम से सिंगल विंडो को क्रियान्वित किया गया था. इसके अतिरिक्त मंडल तथा जिला स्तर पर यहीं सिंगल विंडो मंडलायुक्त तथा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित की गई थी. सिंगल विंडो द्वारा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, अधिकृत समितियों के माध्यम से स्वीकृति प्रदान करने तथा व्यवस्था संबंधी निर्णय लिए जाते थे. इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की एक बैठक में माननीय नेता जी ने कहा था उत्तर प्रदेश में अब उद्योगपतियों को रेड टेप के स्थान पर रेड कारपेट मिलेगा.

नेताजी की सरकार उधोग से सम्बंधित सभी कार्यों को समय सारणी के अनुसार अनुपालन करने के लिए संकल्पबद्ध रही. जिला मंडल तथा राज्य स्तर पर उद्योग बंधु एवं विभिन्न विभागों द्वारा उपयुक्त अधिनियम तैयार करने के काम किए गए, ताकि त्वरित औद्योगिक विकास सुनिश्चित किया जा सके, इस सन्दर्भ में नेताजी का मानना था कि कर्मचारियों की कार्यशैली में परिवर्तन करना आवश्यक है ताकि उनके बदले द्रष्टिकोण से उनकी कार्य करने की क्षमता बढ़ने से उद्योग स्थापना को प्रोत्साहन मिल सके.

 



[1] सूचना एवंम जन संपर्क विभाग उत्तर प्रदेश 

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