समाजवादी
सरकार द्वारा ऊर्जा उत्पादन हेतु किए गये विशिष्ट प्रयास-
1. जनपद कन्नौज
के ग्राम फकीरपुर तथा चन्दुआहार में मिनी ग्रिड योजना के तहत सौर ऊर्जा उपलब्ध
कराने को अभिनव प्रयास -पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने इन सौर ऊर्जा की योजनाओं को लेकर कहा था कि इन दोनों गांवों के
लिए मिनी ग्रिड परियोजना के माध्यम से प्रदेश के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों को भी सौर
ऊर्जा जैसी बिजली उपलब्ध कराई जा सकती है ।
2. समाजवादी
सरकार ने उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अनेक अभिनव प्रयोग किये, जो देश के
अन्य किसी भी प्रदेश में नहीं हो रहे थे ।
3. वर्ष 2017 तक समाजवादी सरकार
500 मेगावाट सौर विद्युत उत्पादन करने हेतु तेजी से काम कर रही थी ।
4. समाजवादी
पार्टी की सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन की विशाल सम्भावना
को देखते हुए वहां अधिक से अधिक सौर ऊर्जा विद्युत परियोजनाओं को स्थापित कराने का
काम किया था ।
5. समाजवादी
सरकार ने रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टाइक पावर प्लाण्ट नीति के तहत बड़े पैमाने पर सौर
विद्युत उत्पादन को बढ़ावा दिया था ।
6. भारत सरकार को
वर्ष 2022 तक 01 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करना है तो उत्तर प्रदेश को 10 हजार मेगावाट
से अधिक सौर विद्युत उत्पादन करना होगा । इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए समाजवादी
सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रही थी ।
7. अतिरिक्त
ऊर्जा स्रोत की बढ़ोतरी के लिए समाजवादी सरकार ने ऊर्जा विभाग के बजट को तीन गुना
कर दिया था ।
8. विजनरी मुख्यमंत्री
श्री अखिलेश यादव ऊर्जा उत्पादन के लिए व्यक्तिगत रुचि लेते थे और उत्तर प्रदेश के दूर-दराज के गांवों के लिए
मिनी ग्रिड योजना, लोहिया आवास में सोलर पावर पैक तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट एवं
स्कूलों में सोलर आरओ जैसी योजनाएं उनकी देन है । समाजवादी सरकार ने लोहिया
ग्रामीण आवास योजना के तहत बनाए जा रहे आवासों पर सोलर पावर पैक की व्यवस्था की थी, जिसमें
लाभार्थी को 2 एलईडी लाइट तथा 01 पंखे की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी ।
9. समाजवादी सरकार ने विभाग की वेबसाइट पर बायोमास पालिसी का ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए डाला था । क्योंकि उत्तर प्रदेश में बायोमास के माध्यम से विद्युत उत्पादन की काफी सम्भावनाएं हैं ।
स्टेट
लोड डिस्पैच सेण्टर भवन
मुख्यमंत्री
श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की बिजली आपूर्ति के नये शेड्यूल को लागू कराया था।
जिसके अंतर्गत समाजवादी सरकार के विजनरी मुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय,
मण्डल मुख्यालय, महानगर व औद्योगिक क्षेत्र को
24 घण्टे, तहसील एवं बुन्देलखण्ड
क्षेत्र को 20 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्र में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति शुरू कराने का काम कराया गया था ।
तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री
ने गोमतीनगर में नवनिर्मित स्टेट लोड डिस्पैच सेण्टर भवन का लोकार्पण करने के
साथ-साथ 200 उपकेन्द्रों का उद्घाटन भी किया था । इनमें
पारेषण क्षेत्र के 220 के.वी. के 06 उपकेन्द्र (कुल लागत 373.34 करोड़ रुपए), 132 के.वी. के 20 उपकेन्द्र
(कुल लागत 681.83 करोड़ रुपए) एवं वितरण क्षेत्र के 33/11
के.वी. के 174 उपकेन्द्र
(कुल लागत 872.72 करोड़ रुपए) शामिल थे ।
समाजवादी सरकार के वर्ष
2012 में सत्ता में आने के समय उत्तर प्रदेश की विद्युत
व्यवस्था एकदम जर्जर थी । समाजवादी सरकार के विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने
स्थिति का आकलन कराया था और इस जर्जर हालत को सुधारने की दिशा में निरंतर निर्णय
लेने शुरू किए थे, जिनका परिणाम आज दिखाई दे रहा है । समाजवादी
सरकार द्वारा कई नये बिजली घरों की स्थापना के साथ-साथ पुराने बिजली घरों का सुदृढ़ीकरण
करवाया गया था । साथ ही, विद्युत पारेषण तथा आपूर्ति
व्यवस्था को भी चुस्त-दुरुस्त किया गया था । समाजवादी सरकार ने सत्ता संभालने के समय प्रदेश की विद्युत उत्पादन
क्षमता को दोगुनी कर दिया था । समाजवादी पहली सरकार थी, जिसने स्वयं द्वारा
शिलान्यास किए गए बिजली घर का उद्घाटन अपने ही कार्यकाल में किया था।
विद्युत
आपूर्ति शेड्यूल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे
विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गयी थी । जिसे भविष्य में किसानों की सुविधा के लिए
इसे 24 घण्टे किए जाने की व्यवस्था करने का लक्ष्य था । समाजवादी
सरकार ने विद्युत व्यवस्था में उत्पादन बढाकर और उसे चुस्त-दुरुस्त बनाकर विद्युत
आपूर्ति की दिशा में नई ऊंचाइयों को छूने का काम किया था । उत्तर प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था
बिजली आपूर्ति को व्यवस्थित करने की दिशा में जितना कार्य विजनरी नेता के नेतृत्व
वाली समाजवादी सरकार ने केवल 5 साल के कार्यकाल में किये, उतना कार्य आजादी के बाद
किसी भी प्रदेश ने कराया था ।
समाजवादी सरकार द्वारा
विद्युत व्यवस्था को सुधारने के लिए निरंतर व्यापक निर्णय लिए थे । समाजवादी
पार्टी की सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 में ऊर्जा विभाग का बजट
लगभग 09 हजार करोड़ रुपये था, को वर्ष 2015-16
में बढ़कर लगभग 51 हजार करोड़ रुपये किया गया था
। ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत आपूर्ति में सुधार के लगातार प्रयास करके ‘लोकल फाल्ट’ को तेजी से
ठीक करने का काम कराये गए थे । समाजवादी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में विद्युत
आपूर्ति के जो लक्ष्य निर्धारित किए गए थे, उन्हें केवल 5
साल के कार्यकाल में पूरा करने का काम कराया गया था । ऊर्जा विभाग ने उत्पादन, पारेषण तथा वितरण को समान एवं प्रभावी रूप से विकसित करने पर जोर दिया था ।
इन तीनों क्षेत्रों में अवस्थापना विकास पर बड़े पैमाने पर काम करके दिखाया गया था ।
विजनरी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इन्ही कामों के कारण वर्तमान में जनपद
मुख्यालयों पर 24 घण्टे, तहसील एवं
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 20 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में
18 घण्टे विद्युत आपूर्ति सम्भव हो पा रही है ।
बिजली उपभोक्ताओं की
शिकायतों के प्रभावी निस्तारण एवं अनुश्रवण के लिए एक ‘केन्द्रीकृत उपभोक्ता
सेवाकेन्द्र’ एवं ब्लॉक स्तर पर विद्युत सुविधा केन्द्रों को समाजवादी सरकार के
कार्यकाल में ही स्थापित करने का महत्वपूर्ण काम कराये गए थे । बिजली का बिल जमा करने के लिए आई.टी. आधारित ऑनलाइन बिलिंग प्रणाली लागू की गयी,
जिससे 01 करोड़ उपभोक्ताओं को इस प्रणाली से
जोड़ा गया था । इसके अन्तर्गत मोबाइल एप के माध्यम से उपभोक्ता का घर पर ही बिजली
का बिल सृजित कर वितरण की व्यवस्था और प्रदेश के 40 हजार जनसुविधा
केन्द्रों के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था की गई थी ।