पिछड़े-दलितों के सामाजिक-राजनीतिक उत्थान हेतु मुलायमसिंह यादव के कार्यक्रम-योजना-परियोजनाएँ
किसी
भी देश या प्रदेश के आम व्यक्ति के आर्थिक विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि करनी होती है. उनमें
प्रमुख हैं-प्रति व्यक्ति आय, नागरिकों का जीवन स्तर में उत्थान, राष्ट्रीय आय तथा
आर्थिक समृद्धि, उद्योग, उत्पादन क्षमता, सकल लाभ, राजनीतिक विकास में सत्ता का
विकेंद्रीकरण, प्रशासन में पारदर्शिता तथा सरकारी नीतियों एवं योजनाओं का प्रभावी
क्रियान्वयन शामिल है. जिसका लाभ आम जनता के साथ-साथ औधोगिकरण को बढ़ावा दिया जाना
बहुत आसान हो जाता है तथा सरकार एवं जनता का सीधा संवाद होना आरम्भ हो जाता है. इनके
अभाव में सही मायनों में लोकतंत्र की आशा नहीं की जाती. सामाजिक विकास का अर्थ है
कि समाज में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति का विकास हो तथा उसके स्वयं के विकास करने
हेतु सभी को समान अवसर मिले. जाति-धर्म-संप्रदाय को लेकर भेदभाव ना हो. वर्ग भेद
की असमानता कम से कम हो तथा सभी के लिए स्वास्थ्य, सुरक्षा और शिक्षा की पर्याप्त
व्यवस्था हो. विकास
के क्षेत्रों यथा आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक विकास के माध्यम से ही मानव के
साथ-साथ प्राकृतिक संरक्षण संभव है. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, उसका विकास और
संतुष्टि का स्तर हर्जबर्ग मास्लों के सिद्धांतों में देखा जा सकता हैं कि उसे
कैसे अपने जीवन को बेहतर करने के लिए काम करना है.
उत्तर
प्रदेश के विभिन्न धार्मिक-सामुदायिक वर्गों के सामाजिक विकास के लिए नेता जी की
सरकारों के दौरान विभिन्न पहल आरम्भ की गयी थी. नेता जी श्री मुलायम सिंह जी की
सरकारों के द्वारा ऐसी नीति बनाई गयी थी, जिनके माध्यम से विभिन्न धार्मिक-सामुदायिक
वर्गों के निर्धन लोगों और महिलाओं का कल्याण हुआ. ग्रामीण जनता लाभान्वित हुई, जिससे
दलित-पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब लोगों को उनके जीवन को बेहतर बनाने के
लिए सुविधाएं प्राप्त हुई. गरीब जनता गरीबी के दुष्चक्र से निकलकर रचनात्मक कार्य करते
हुए उत्तर प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकती हैं. इस संदर्भ में नेताजी
श्री मुलायम सिंह जी की सरकार द्वारा किए गए प्रयास
अग्रलिखित है-
पिछड़े
एवं दलितों के लिए किए गए कार्य:-
1.
मंडल
कमीशन की अनुशंसाओं के आधार पर सरकारी सेवा में पिछड़े वर्ग के लिए 27% अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए 21% आरक्षण का प्रावधान कानून द्वारा किया गया. इस प्रकार सी.पी.एम.टी. मेडिकल
कॉलेज तथा पॉलिटेक्निक में पिछड़े वर्ग के लिए 27%, अनुसूचित
जाति के लिए आरक्षण दिया गया. आज भी देश के कई राज्यों में पिछड़े और दलित वर्गों
के लिए 27% और 21% आरक्षण प्राप्त नहीं हुआ है.
2.
बूढ़े
और बिन सहारा पाने वृद्धों को नेता जी ने ‘वृद्धा पेंशन योजना’ शुरू की थी. जिसके अंतर्गत
उत्तर प्रदेश के 100000/एक
लाख गरीब वृद्धों को 1994 में वृद्धा पेंशन देकर गरीब संरक्षण के लिए विशिष्ट पहल
शुरू की .
3.
उत्तर
प्रदेश में नेता जी सरकार ने विधवा पेंशन योजना शुरू करने का काम किया था. इसके
अंतर्गत जिला स्तर पर जाँच कराकर तुरंत 25,000 नए मामलों को वर्ष 1994 में
पेंशन देने का काम किया गया था.
4.
मल्लाह-निषाद
जैसी परम्परागत मछली पालन करने वाली जातियों को अनिवार्य रूप से तालाब के पट्टे देकर
मछुआ समुदाय के गरीब और निशक्त व्यक्तियों को देने का काम किया गया था.
5.
नेता
जी की सरकारों ने कुम्हार/प्रजापति समुदाय के व्यक्तियों को मिटटी के बर्तन बनाने
के लोइए सहजता से मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिकता के आधार पर भूमि के पट्टे
देने का शासनादेश जारी किया था.
6.
महिला सफाई कर्मियों की घरेलु जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए नेता जी की
सरकार ने नगरपालिका और नगरनिगमों में महिला सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति का समय
बदल कर 8:30 बजे तक कर दिया गया, ताकि उन्हें स्कूल जाने
वाले अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए समय मिल सके.
7.
नेता
जी मजदूरों के लिए काम करने में हमेशा आगे रहें हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश के पश्चिम
उत्तर प्रदेश वाले हिस्से के खेतिहर मजदूरों का मेहनताना 25/-रू. से बढ़ाकर 35/-रू एवं पूर्वी
उत्तर प्रदेश के स्थानों में 23रू./- से बढ़ाकर 33 रू./- करके उस समय बड़ी राहत देने का काम किया था.
8.
नेता
जी ने बीडी श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी बढाने का भी काम किया था. उन्होंने बीडी
श्रमिक की न्यूनतम मजदूरी 20रू/1000 से बढ़ाकर 35 रू./1000 कर दी थी.
9.
नेता
जी श्री मुलायम सिंह के शासनकाल के दौरान चयनित अंबेडकर ग्रामों के विकास का
कार्यक्रम तैयार किया गया था. इसके अंतर्गत 10,000 अंबेडकर गांवों के विकास का कार्यक्रम तैयार
किया गया था.
10.
महिलाओं
की सहभागिता बढाने के लिए नेता जी सरकार ने महिलाओं को 3% आरक्षण देने का काम किया
था.
11.
नेता
जी के द्वारा ही सामान्य जातियों के आर्थिक दृष्टि से पिछड़े लोगों को सरकारी
नौकरियों में 8% आरक्षण
देने का काम किया गया था.
12.
प्रशासन
में पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों की सहभागिता बढाने के लिए सरकारी नौकरियों में
2% आरक्षण देने काम नेता जी की सरकार ने ही किया था.
(उस समय उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा था)
13.
नेता
जी सरकार ने विधवा, विकलांग एवं वृद्धावस्था पेंशन की दर को 60 रू. प्रति माह के स्थान पर बढ़ाकर 100 रू. प्रतिमाह करने काम किया गया था.
14.
नेता
जी सरकार के द्वारा 2,46,762 निराश्रित विधवाओं को पेंशन देने के लिए 745
करोड़ की भारी रकम की व्यवस्था की गई थी.
15.
वृद्धावस्था
पेंशन के अंतर्गत नेता जी सरकार ने अतिरिक्त 5,00,000 वयोवृद्ध
नागरिकों को वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा देने के लिए 60 करोड रुपए का खर्चा प्रति
वर्ष किया गया था.
16.
देश
के अपना योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन को 401 रू. प्रति माह से बढ़ाकर
500 रू. प्रतिमाह करके सम्मान देने का काम किया गया
था.
17.
नेता
जी सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने वाले भूतपूर्व सैनिकों और उनकी
विधवाओं को सम्मान देने के लिए 100 रूपया प्रति माह अतिरिक्त पेंशन देने का काम किया गया था. इसके अंतर्गत 35000
परिवार स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को लाभान्वित किया गया था.
18.
लगभग 13.5 लाख गरीब और असहाय वर्गों के जरूरतमंद छात्रों की
शिक्षा में सहायता देने के लिए 35,00,00,000 रू. छात्रवृत्ति पर खर्च करके छात्रवृत्ति देने
वाली योजना शुरू की थी.
19.
नेता
जी की सरकारों ने अंतरजातीय विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि 1000 रू से बढ़ाकर 10,000
रू. करने का काम किया गया था. ताकि उत्तर प्रदेश में जाति टूटने की
परंपरा बन सके और समाज में सोहार्द्र बन सके.
20.
35 वर्ष
से कम आयु की विधवाओं से विवाह करने को बढ़ावा देने के लिए नेता जी सरकार ने 11000
रूपया का अनुदान देने का काम किया था. ताकि विधवाओं का पुनर्विवाह
होने से उनके जीवन को पुनः मुख्यधारा में लाया जा सके.