आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों को जनहित में
आधुनिक औषधियों के प्रयोग का अधिकार-
मंत्रिपरिषद ने उ.प्र.भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1939 के तहत आयुर्वेदिक एवं यूनानी के पंजीकृत चिकित्सकों को जनहित में सीमित आधुनिक औषधियां (एलोपैथिक ड्रग्स) लिखने का अधिकार देने का निर्णय लिया था । इसके लिए अधिनियम 1939 की धारा 39 में संशोधन किया था । मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय भी लिया था कि ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत इस सम्बन्ध में एक अधिसूचना भी जारी की जाए ।
समाजवादी सरकार की यह मंशा थी कि प्रदेश के समस्त जनपदों में, विशेष रूप से सुदूर
ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती एवं गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। सुदूर
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां एक तरफ आधुनिक चिकित्सा विधा के चिकित्सकों
(एम.बी.बी.एस. डिग्री धारक) की कमी है, वहीं काफी संख्या में
भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक (आयुर्वेद अथवा यूनानी डिग्री धारक) उपलब्ध
रहते हैं । आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों द्वारा आधुनिक औषधियों के प्रयोग पर
प्रतिबंध होने के कारण रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध नहीं हो पाता है । ग्रामीण
अंचल में आधुनिक चिकित्सकों की अत्यधिक कमी एवं आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों की
उपलब्धता एवं क्षमता के दृष्टिगत इन चिकित्सकों को आधुनिक औषधियों के प्रयोग का
अधिकार दिया गया था । इस परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में विषम/प्राथमिक/ आपातकालीन
परिस्थितियों में रोगियों को त्वरित एवं समुचित उपचार मुहैया कराने के लिए समाजवादी
मंत्रिपरिषद ने आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों को कतिपय विधिक संरक्षणात्मक
प्रतिबंधों के साथ आधुनिक औषधियों के प्रयोग का अधिकार प्रदान किया था ।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य
शिक्षा एवं सूचना अधिकारी पदों की वेतन
विसंगति दूर की-
समाजवादी मंत्रिपरिषद ने
परिवार कल्याण विभाग के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं
सूचना अधिकारी के पदों की वेतन विसंगति के प्रकरण पर मुख्य सचिव समिति की
सिफारिशों को अनुमोदित करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर तत्काल प्रभाव
से उच्चीकृत/संशोधित ग्रेड वेतन 4600 रुपए तथा जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के
पद पर तत्काल प्रभाव से उच्चीकृत/संशोधित वेतन बैण्ड-2 एवं
ग्रेड वेतन 4800 रुपए प्रदान करने का निर्णय लिया था ।
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पद की अर्हता में कम्प्यूटर संचालन का व्यावहारिक ज्ञान
का समावेश किए जाने का निर्णय भी लिया गया था । इस फैसले से लगभग एक हजार कर्मचारी
लाभान्वित हुए तथा इस निर्णय को लागू करने के लिए शासन पर 4 करोड़
3 लाख रुपए का व्यय भार आएया था ।
राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं सम्बद्ध
चिकित्सालय लखनऊ से प्रशिक्षित उपचारिकाओं को
रिक्त पदों पर वर्षवार श्रेष्ठता सूची के आधार पर सेवायोजित कराया गया-
समाजवादी सरकार के
नेतृत्व वाले मंत्रिपरिषद ने राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं सम्बद्ध
चिकित्सालय लखनऊ से सत्र 2007-08 में 01, 2008-09 में
19,
2009-10 में 17 एवं सत्र 2010-11 में
20 प्रवेशित
एवं वर्ष 2014
में कुल 57 प्रशिक्षित आयुर्वेदिक उपचारिकाओं को
प्रदेश के राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालयों एवं राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों
में आयुर्वेदिक उपचारिकाओं के रिक्त पदों पर, वर्षवार श्रेष्ठता सूची के आधार पर
सेवायोजित किए जाने हेतु कार्यकारी आदेश जारी करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया
गया था ।
भारतीय चिकित्सा परिषद के
रजिस्ट्रार एवं कार्मिकों
की अधिवर्षता आयु 58 से 60 वर्ष कराने का काम-
समाजवादी सरकार के
नेतृत्व वाले मंत्रिपरिषद ने भारतीय चिकित्सा परिषद उ.प्र. (परिवर्तित
नाम आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड उ.प्र.) के
रजिस्ट्रार एवं कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष
किए जाने का निर्णय किया गया था ।