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मुलायमसिंह यादव द्वारा कृषि-सिंचाई हेतु चलाई योजनाएं

 

mulayamsingh yadav
नेताजी मुलायमसिंह यादव 

नेताजी मुलायमसिंह यादव ने अपने शासनकाल में किसानों के लिए सिंचाई पर प्रमुख रूप से ध्यान दिया था. उन्होंने कहा था-वर्तमान समाजवादी शासन की प्रतिबद्धता है कि 3 वर्ष के अंदर एक-एक इंच भूमि के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाए.

कृषि और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देने के लिए किए गए वायदे के अनुसार नेताजी श्री मुलायमसिंह यादव जी ने ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों के लिए प्रतिदिन 16 घंटे की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर सुनिश्चित करने के अपने निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया और लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं को 24 घंटे, विश्व बैंक की सहायता से लगे नलकूपों को 18 घंटे तथा अन्य नलकूपों को 14 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने का काम किया गया. उन्होंने सभी नहर-रजवाहों और छोटी नहरों के माध्यम से अंतिम खेत तक पानी पहुंचाने के सख्त निर्देश दिए गए थे.

नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार द्वारा निजी और सरकारी क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा बढ़ाई गई. इसके फलस्वरूप पहले के मुकाबले अधिक सिंचाई की जानी शुरू हुई. जैसे रवि फसल में 28,86,000 लाख हेक्टेयर की सिंचाई की गई. जबकि 1992-93 में 26,00,000 68000 लाख हेक्टेयर की सिंचाई हुई थी, फसली 1402 में 22,53,000 हेक्टेयर की सिंचाई की गई. जबकि वर्ष 1992 में 20 लाख हेकटेयर हुई थी.

सिंचाई क्षमता में नेताजी के कार्यकाल में वृद्धि की गई एवं मध्यम सिंचाई परियोजना से दिसंबर 1993 से अक्टूबर 9457 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए अतिरिक्त क्षमता सृजित की गई. इस तरह लागू सिंचाई योजना के तहत दिसंबर 1993 से अक्टूबर 1994 तक 12,606 हेक्टेयर अर्जित की गई. इस अवधि में 74 नलकूपों की बोरिंग हुई 126 नलकूपों का किया गया 164 स्थल से नलकूपों का निर्माण किया गया तथा 150 स्थल या फेल हुए नलकूपों का करके क्षमता का विस्तार और स्थापन किया गया. उनके द्वारा किये गए गए प्रयास अग्रलिखित हैं-

1.  हमीरपुर जनपद तथा बांदा जनपद में कृषि के आधुनिकीकरण के लिए कार्य किया गया 12 पिछड़े जनपदों में 10,00000 नलकूप योजना के तहत 22.67 करोड रुपए खर्च करके विभिन्न रोजगार योजनाओं के द्वारा नहरों के नवीनीकरण और बाढ़ सुरक्षा बांधों का निर्माण तथा नालों का निर्माण कार्य कराया गया.

2.  फसलों के उचित मूल्य को दिया जाना- नेताजी की सरकार द्वारा किसानों को फसलों के उचित मूल्य दिलाने के लिए अपने कार्यकाल में किसानों की फसलों के उचित मूल्य प्राप्त न होने को लेकर विशिष्ट कदम उठाए गए. और किसानों को उनकी फसल और उनके उत्पादन को सही रूप में प्रदान करने के लिए व्यवस्था की गई. इसके अंतर्गत किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गेहूं, धान तथा मोटे अनाज को प्रदेश के बाहर भेजने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया. जिससे किसान अपने कृषि उत्पादों को दुसरे राज्यों में ले जा सकते थे.

3.  नेताजी की सरकार ने मंडी परिषद तथा मंडी समितियों में उन्हीं सदस्यों को प्रतिनिधित्व देने का काम किया था, जो वास्तव में कृषक अथवा व्यापारी थे. मंडी शुल्क निर्धारण और वसूली की प्रक्रिया को भी युक्तिसंगत और आसान बनाने की व्यवस्था की गई.

4.  नेताजी ने ड्रिप तथा स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली की योजना के अंतर्गत अनुदान देने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया ताकि उसका अधिकतम लाभ किसानों को मिल सके.

5.  कृषि कार्यों में शोध को बढ़ावा देने के लिए नेताजी ने 5 लाख रूपया की  एक कृषि निधि की स्थापना की थी. जो कृषि विश्वविद्यालयों में शोध कार्यक्रम को गति प्रदान करने में सहायक सिद्ध हुई.

6.  गन्ना किसानों को उचित मूल्य प्रदान किया जाना- नेताजी के सरकार ने गन्ना किसानों के हित में गन्ने के खरीद मूल्य में 4.50 रू. प्रति कुंतल की वृद्धि का निर्णय 1 जनवरी 1994 से लागू किया गया था, नेताजी द्वारा उसी गन्ना सत्र में दोबारा वृद्धि से गन्ना किसानों को 12 रू. प्रति कुंतल अधिक मूल्य देने का काम किया गया.इस वृद्धि से लगभग 29 लाख गन्ना किसानों को करीब अरबों करोड रुपए से अधिक का अतिरिक्त मूल्य प्राप्त हुआ. इस कदम पर नेता जी सरकार ने गन्ना किसानों को नए वर्ष के तोहफे के रुप में गन्ने की कीमत में 4.5 रू. प्रति कुंतल की वृद्धि की और गन्ना किसानों के हित में फैसले लिए. नेताजी की सरकार द्वारा सर्वाधिक ध्यान किसानों के हितों की ओर दिया गया था. पूर्व में किसानों को गन्ना के मूल्य का भुगतान बैंकों के माध्यम से करने की व्यवस्था थी, जिससे किसानों को गन्ना भुगतान में अनावश्यक विलंब होता था. अतः नेताजी ने गन्ना किसानों के हित में नगद भुगतान समिति के माध्यम से गन्ना का मूल्य भुगतान करने की व्यवस्था की थी, ताकि गन्ना किसान यथाशीघ्र अपने माल का भुगतान पा सकें.

7.  प्राकृतिक आपदा निवारण हेतु कदम- नेताजी की सरकार किसान हितों को पूरा संरक्षण देने में सबसे आगे रही. किसानों के दुर्घटना होने के कारण कमाऊ व्यक्ति के चले जाने या अंग-भंग होने से हुई क्षति की पूर्ति के लिए नेताजी ने दिसंबर 1993 से खलियान दुर्घटना बीमा योजना आरंभ की थी. जिसके द्वारा खलियान में होने वाली किसानों की क्षति की पूर्ति होने लगी.

8.  नेताजी द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को होने वाले नुक्सान की भरपाई करने के लिए फसल बीमा योजना को शुभारंभ करने का काम किया गया था.

9.  कृषि में सहायक कुछ अन्य कदम-सत्ता में आने के तुरंत बाद नेताजी ने ग्रामीण क्षेत्रों एवं कृषि विकास को उच्च प्राथमिकता दी और ‘चलो गांव की ओर’ का नारा दिया था. किसानों को राहत पहुंचाने के लिए नेताजी की सरकार के मंत्री मंडल की पहली बैठक में ही किसानों और बुनकरों तथा खेतिहर मजदूरों तथा ग्रामीण से लिए जाने वाले 10 कारों सहित अन्य दुर्बल वर्गों के के 10,000 रूपया तक के कर्ज माफ किये गए.

10.   60 वर्ष से अधिक आयु तथा ढाई एकड़ से कम भूमि वाले निराश्रित श्रेणी के किसानों को 125 प्रति माह की दर से पेंशन देने का निर्णय नेताजी की सरकार के द्वारा ही लिया गया था.

11.   माननीय नेता जी की सरकार द्वारा किसानों के होनहार बालकों को कृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्र होने की स्थिति में क्रमशः 250 रू. और 300 रू. की छात्रवृत्ति योग्यता के आधार पर दिए जाने की योजना शुरू की गयी थी.

12.   उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार योजना परिव्यय का 70% कृषि तथा ग्रामीण विकास की योजनाओं के लिए निर्धारित करके न केवल पूंजी का प्रभाव गांव की ओर मोड़ा गया अपितु ग्राम में विकास के नए आयाम भी जोड़े गए.

13.   नेताजी की सरकार ने कृषि के विकास पर विशेष बल दिया और बिजली की कमी होने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूपों को 14 घंटे बिजली की आपूर्ति की.

14.   नेताजी की सरकार ने खराब नलकूपों की मरम्मत का अभियान चलाया और नलकूपों के बंद होने की दर 1990 में 5% से भी कम रही जबकि इससे पहले के वर्षों में यह 20% रहती आई थी.

15.   किसानों की लंबे समय से चली आई मांगे पूरी करने के लिए मुलायम सरकार ने गन्ने की खरीद मूल्य में भारी वृद्धि की. 1990 में यह वृद्धि 8 रू कुंतल रही, इससे 29 लाख गन्ना उत्पादक किसानों को अरबों करोड़ रूपया का लाभ प्राप्त हुआ.

16.   दिसंबर 1989 के बाद उत्तर प्रदेश में लगभग 52,000 भूमिहीनों को 17,800 हेक्टेयर भूमि वितरित की गई और उन्हें भूमि के पट्टे आवंटित किए गए. इस अवधि में 1,00,000 से अधिक परिवारों को आवास भी उपलब्ध कराए गए.

17.   कृषि क्षेत्र में शोध कार्यों को ढंग से संपादित करने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद का गठन भी नेता जी की दूरदृष्टि का ही परिचायक है.

18.   नेताजी श्री मुलायमसिंह की सरकार ने उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय विषमताओं को दूर करने के लिए भी प्रयास किए. जिन क्षेत्रों में विकास की गति कमजोर थी, जो वर्षो से उपेक्षित पड़े थे, उनके लिए नेताजी की समाजवादी सरकार ने 1990 और 1991 के बजट में विशेष प्रावधान किए. पूर्वांचल विकास निधि में 1991 में 20 करोड़ और उससे अगले वर्ष 30 करोड़ की राशि की व्यवस्था की गई थी.

19.   तत्कालीन उत्तर प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए प्राथमिकता से काम किया गया था. पर्वतीय क्षेत्र के विकास के लिए वर्ष 1990-91 में 330 करोड़ रूपया तो 1991-92 में 375 करोड़ रूपया खर्च किया गया था.

 

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