नेताजी
की सरकार द्वारा बेरोजगार युवकों को ग्राम उद्योग की स्थापना करने के लिए विशेष
प्रोत्साहन दिया गया. जिसके अंतर्गत 25% पूजी उपादान दिया गया. इस सन्दर्भ में निर्बल वर्ग को आर्थिक सहायता
देने का काम नेताजी की सरकार द्वारा किया गया था. नेताजी ने 50% इकाइयां पिछड़ी जाति एवं अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए आरक्षित करने काम किया गया था.
इन इकाइयों की स्थापना हेतु ग्राम सभाओं की भूमि में ‘कार्यशाला कम आवास’ बनाने के
लिए भूमि का आवंटन करने का काम किया गया था. नेताजी की सरकार द्वारा 3 वर्षों में 11,2000 व्यक्तियों
को ग्रामीण उद्योग क्षेत्रों में इकाइयों की स्थापना हेतु ब्याज उपादान या ब्याज
में छूट देने का काम किया गया था. इसमें चयनित व्यक्तियों को प्रशिक्षण सहित योजनाओं
के क्रियान्वयन हेतु समुचित सुविधाएं प्रदान करने का काम किया गया था. राज्य के
प्रमुख नगरों में विपणन की दृष्टि से ग्रामोद्योग के माध्यम से बाजार स्थापित करने
के लिए आधुनिक पहल उठाने का काम किया गया था. मंडल, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर
ग्रामोद्योग प्रदर्शनियों का आयोजन कराया गया था. इसके साथ ही भारत सरकार की नीति
के अंतर्गत राज्य व्यापार विकास प्राधिकरण के द्वारा खादी ग्रामोद्योग के उत्पादों
हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी लगाई गई और व्यापार कर की छूट यथावत जारी
रखी गई थी.
नेताजी
सरकार द्वारा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के विकास हेतु कृषि उत्पादन आयुक्त की
अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था. जो औद्योगिक विकास को गति
देने के लिए निर्यात में वृद्धि करने हेतु कार्य करती थी. प्रधान सचिव एवं खाद्य
प्रसंस्करण के सचिव इस समिति के सदस्य बनाए गए. इनके स्तर पर एक प्रसंस्करण इकाई
का भी गठन किया गया था. नेताजी की सरकार के द्वारा आठवीं पंचवर्षीय योजना के अंत
तक 400 टन रेशम उत्पादन का तय लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया था. उच्च गुणवत्ता वाले बाई-बोल्टिन
प्रजाति के रेशम के धागों में बढ़ोतरी हेतु नेता जी की सरकार प्रयासरत रही. सरकार कृषि
और उद्योग के स्वरुप को देखते हुए शहतूत के पौधे से रेशम उद्योग इकाइयों को बढ़ावा
देने के काम में आगे रही. इसमें निजी क्षेत्र की इकाइयों, स्वेच्छिक संगठनों,
सहकारी समितियों के साथ-साथ व्यक्तिगत सहयोग साथ लिया गया. महिलाओं की सहभागिता के
लिए विशिष्ट योजनाएं तैयार करने के काम किया गया.
नेताजी की सरकार ने चीनी मिलों द्वारा 35% गन्ने की पेराई क्षमता को बढ़ाकर 50% करने का काम किया गया. इसके लिए गन्ने के सह-उत्पादों का सृजन का किया
गया. जिसके अंतर्गत श्री मुलायमसिंह सरकार ने चीनी, मिल, डिस्टलरी, पेपर मिल, रासायनिक
इकाई, विद्युत उत्पादन के इंटीग्रेटेड कांप्लेक्स स्थापित करने हेतु काम किया गया.
आज कोरोना काल में जिस सेनेटाईजर की सबसे ज्यादा जरुरत है, वे सब इन्ही कंपनियों
में बने रहे हैं.
समाजवादी
सरकार ने कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति तथा मुख्यमंत्री की
अध्यक्षता में बोर्ड का गठन किया गया था. बोर्ड निर्यात संवर्धन योजना तथा समिति
निर्यात उद्योग को बढ़ावा देने पर विचार करके निर्णय लेती थी.
पिछड़े-दलितों के सामाजिक-राजनीतिक उत्थान हेतु मुलायमसिंह यादव केकाम
कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों के हिमायती मुलायमसिंह यादव
मुलायमसिंह यादव द्वारा मजदूरों का हित संरक्षण
नेताजी
की सरकार द्वारा बिक्री कर का सरलीकरण करके बिक्री कर को व्यापार कर में बदलने का
काम किया था. इसके अंतर्गत पूर्व में नयी व्यवस्था के पंजीकरण तथा रिटर्न प्रस्तुत
करने को आसन बनाया गया. व्यापार में सुविधा देने के लिए पूर्व में प्रचलित 9 फार्मों की संख्या को घटाकर 4 फार्म कर दिए गए.