समाजवादी
विकास विजन का शानदार नमूना
एलिवेटेड रोड नोएडा
समाजवादी सरकार ने नोएडा का पहला एलिवेटेड
रोड तैयार कराया जिससे वाहन
चालक आसानी से अपनी गाड़ियों को सड़को पर आसानी से समय बचाकर अपने घर-ऑफिस समय से
पहुँच रहे हैं । इस सड़क का प्रयोग करने वाले वाहन चालकों को शहर के तीन चौराहे और
छह तिराहों पर लगने वाले जमा से निजात दिलाने में समाजवादी सरकार के कुशल नेतृत्व
के विजन को देखा जा सकता है। अब दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहन चालकों को सेक्टर - 71 के बाद अब कहीं रूकने की जरूरत नहीं पड़ती है, बल्कि
सेक्टर-71 से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर जाने के
लिए भी वाहन चालकों को अपनी गाड़ी की रफ्तार भी कम नहीं करनी पडती है।
समाजवादी
विजन पर तैयार हुए इस 4.80 किलोमीटर लंबे एलिवेटड रोड के निर्माण में अखिलेश सरकार ने 415 करोड़ का खर्च करके रोजमर्रा के काम से जाने वाले लोगों के समय को बचाया ।
नवबंर 2015 मे तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा इस
एलिवेटेड रोड़ के 2.40 किलोमटर हिस्से को वाहन चालकों के लिए
खोले जाने का लोकार्पण किया गया था। बाद में इस एलिवेटेड रोड को पूरी तरह से खोल
दिया गया।
मास्टर प्लान रोड़ नंबर दो को जाम मुक्त करने के लिए नोएडा प्राधिकरण
द्वारा अप्रैल 2015 में
एलिवेटेड रोड का शिलान्यास किया गया था। एलिवेटड का निर्माण विश्व भारती पब्लिक
स्कूल से शाप्रिक्स मॉल सेक्टर - 61 चौराहे तक के लिए किया
गया है। इसके जरिए एनटीपीसी चौराहे से बाये मुड़कर गाजियाबाद सेक्टर, -62,
63, 64, 65 व एनएच-नौ तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। वहीं दूसरी
तरफ फ्लेक्स चौराहे से इस्कॉन मंदिर की ओर उतरकर बायं ओर सिटी सेक्टर 33,
35, 39, 51, 52 भंगेल व एनएसईजेड पहुंचा जा सकता है। इस सड़क का प्रयोग करने वाले
वाहन चालक शहर के तीन चौराहे और छह तिराहों पर लगने वाले जाम से निजात पा
चुके हैं.
वहीं, इसके जरिए दिल्ली से नोएडा वाया गाजियाबाद जाने वाले
वाहन चालक नोएडा प्रवेश द्वार से एमपी-2 होते हुए सीधे
एलिवेटड के जरिए सेक्टर-62 पहुंच जाते हैं। वहीं फिल्म सिटी
से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की तरफ जाने वाले वाहन चालकों को भी कहीं रूकने की जरूरत
नहीं होती है। इस रोड़ का इस्तेमाल करके लोग कम से कम समय में अधिक दूरी तय करते
हैं और सुरक्षित पहुँचते हैं। यहां अंडरपास का प्रयोग भी किया जा सकता है। पूरी
एलिवेटड रोड को छह लेन का बनाया गया
है। इससे वाहनों को जाम से निजात मिल चुकी हैं। इसका इस्तेमाल करने वाले समाजवादी
सरकार के कार्य कराने के विजन के कायल हैं और समाजवादी नेतृत्वकर्ता अखिलेश यादव
का बार-बार आभार करते देखे जाते हैं.
125 पिलरों पर टिका है नोएडा का पहला एलिवेटेड रोड
सेक्टर-28 विश्वभारती स्कूल से सेक्टर-61 शॉप्रिक्स मॉल तक 4.80 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड 125
पिलरों पर टिका हुआ है। यह नोएडा का पहला एलिवेटेड रोड है,
14 दिसंबर 2016 को इसका लोकार्पण तत्कालीन
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था । रोड को बनाने में 79 हजार
मिट्रिक टन सीमेंट लगी और 26 हजार टन स्टील का प्रयोग किया
गया है । परियोजना का काम 15 अक्तूबर 2014 को शुरू किया गया था, जिसे 14 अक्तूबर
2017 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया, लेकिन खास बात यह रही कि लक्ष्य से चार महीने पहले ही यह काम पूरा कर लिया
गया। समाजवादी विजनरी नेता अखिलेश यादव की समयबद्धता के साथ काम कराने का कोई
विकल्प भारत में दिखाई नहीं देता. इस एलिवेटेड रोड पर दो रैम्प भी बनाए गए हैं जो
कि सेक्टर-33 और निठारी में है। इसके माध्यम से पुराने एनएच-24,
डीएनडी, मामूरा, सेक्टर-49
सहित अन्य स्थानों को जोड़ने में मदद मिली। इसके बनने से छह ट्रैफिक
सिग्नल हटा दिए गए, जिससे वाहन चालकों की राह दिल्ली व अन्य
शहरों के लिए सुगम बन सकी। एलिवेटेड रोड की उपयोगिता को बढ़ाने के लिए इस पर दो
स्थानों पर वाहनों के उतारने और चढ़ने की सुविधा भी दी गई है।
जानें पुल की खासियत
चौड़ाई- 6 लेन
लंबाई- 4.8 किमी
बजट - 415 करोड़
प्रॉजेक्ट शुरू- अक्टूबर 2014
डेडलाइन- जून 2017
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एलिवेटेड रोडस की विशेषताएं-
इस
रोड का इस्तेमाल कर मात्र 15 मिनट में लोग दिल्ली पहुंच सकते हैं, सड़क में सीसीटीवी कैमरे व सेंसर
युक्त कूड़ेदान स्थापित किये जायेंगे. कूड़ा भरते ही यह कूड़ादान सेंसर के माध्यम
से नगर निगम को सूचित करेंगे और सफाई भी की जायेगी. ट्रैफिक नियमों को तोड़ने
वालों की रिकार्डिंग भी की जायेगी. भारत में कई शहरों में एलिवेटेड रोड है. इनमें
चंडीगढ़, नोएडा और बेंगलुरू शहर में एलिवेटेड रोड शामिल है
लेकिन सबसे लंबा एलिवेटेड रोड गाजियाबाद का ही है.