समाजवादी हिंडन/गाजियाबाद
एलिवेटेड रोड
गाजियाबाद में भारत का सबसे लम्बा एलिवेटेड रोड!
उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने आम लोगों के दिल्ली आने-जाने की समस्याओं का अंत कर दिया । गाजियाबाद में देश की सबसे लम्बे 6 लेन एलिवेटेड रोड को बजट से पैसा दिया गया ताकि आम आदमी सडकों पर घंटों
जाम से मुक्ति पाए । 6 लेन एलिवेटेड रोड जो दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर बनाई गयी । बनेगी. समाजवादी सरकार ने अपने विजन के साथ 10.50 किमी की रोड के लिए 1142 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया था. इस 6 लेन एलिवेटिड रोड के चलते दिल्ली से गाजियाबाद जाने और आने में काफी आसानी हो चुकी है. इसके अलावा नैशनल हाइवे 24 से एनएच 58 पहुंचना भी आसान हो गया. सर्वे आधारित अनुमान है कि इस एलिवेटिड रोड से प्रतिघंटा 4,000 वाहन गुजरते हैं. गाजियाबाद से दिल्ली जाने और वापस आने के लिए यह रोड बेहद उपयोगी हो चूका हैं, इस रोड के खुलते ही गाजियाबाद के लोगों का दिल्ली जाना आसान हो गया और यहां से सिर्फ 15 मिनट में दिल्ली पहुंच जाते हैं।
यूपी गेट की तरफ से आने वाले वाहन चालकों को
रात में एलिवेटिड रोड डेढ़ किलोमीटर दूर से ही दिखाई पड़ेगा । इस गेट पर रेट्रो रिफ्लेक्टिव हाई क्वॉलिटी
शीट्स लगाई गईं हैं, जिनपर गाड़ी की
लाइट पड़ते ही यह दिखने लगेंगी । इन शीट्स का रंग गुलाबी और हरा रखा गया है । एलिवेटिड
रोड पर चढ़ने के लिए एंट्री गेट तैयार किया गया है और इसे बनाने में इस्तेमाल की
गई शीट्स जंग रोधी हैं. इसलिए उन्हें बार-बार र िपेयर की जरूरत नहीं पड़ती है। सिंगल पिलर पर बनी इस एलिवेटिड रोड का काम अप्रैल, 2017 में ही पूरा होना था, लेकिन प्रॉजेक्ट दिसंबर तक
पूरा हो सका । इस देरी में बड़ा कारण
इन्वायरनमेंटल क्लियरेंस के चलते भी यह तीन महीने तक अटका रहा, अन्यथा अखिलेश यादव
समयबद्धता और अनुशासन से काम करने के लिए जाते हैं, इसका बड़ा उदाहरण लखनऊ-आगरा
एक्सपेस वे का रिकोर्ड 22 महीने में बनना रहा है ।
इस एलिवेटिड सड़क पर ट्रक और बस जैसे भारी वाहन नहीं चल सकेंगे।
साइकल, बाइक और कारों के इस्तेमाल के
लिए इस तैयार किया गया है। मार्ग के दोनों
छोरों पर भारी वाहनों के प्रवेश को रोकने के लिए लो हाइट बैरियर लगाए गए हैं ।
इस समाजवादी एलिवेटेड रोड से पहले
बारापूला एलिवेटिड रोड एनसीआर की सबसे लंबी एलिवेटिड सड़क थी, इसकी लंबाई 9.5
किलोमीटर है, जबकि द्वारका एक्सप्रेस-वे पर बना एलिवेटेड रोड देश के
सबसे लम्बे एलिवेटिड रोड्स में से एक है, इसकी लंबाई 9 किलोमीटर
है, जो दिल्ली से हरियाणा को जोड़ती है ।
कम हुई गाजियाबाद से दिल्ली की दूरी
11,00 करोड़ रुपये की लागत से बनी 6 लेन यह एलिवेटिड रोड 10.30 किलोमीटर लंबी
है । यह एलिवेटिड सड़क यूपी गेट से सीधे राजनगर एक्सटेंशन को जोड़ती है । इस
रोड के खुलने के साथ ही गाजियाबाद के लोगों का दिल्ली जाने की दूरी कम हो गयी है,
अब कम समय में लोग दिल्ली आते-जाते हैं । यह देश की सबसे लंबी छह
लेन वाले एलिवेटेड रोड है । 10.30 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड का निर्माण नवंबर 2014
में शुरू हुआ था । अब यूपी गेट से राजनगर एक्सटेंशन तक पहुंचने में लोगों को महज
8 मिनट का समय लगता है । इस रोड पर वाहनों
की स्पीड लिमिट 80 Km प्रति घंटा तय की गई है । 227
सिंगल पिलर्स से बने एलिवेटेड रोड पर कहीं भी यू-टर्न नहीं रखा गया है, क्योंकि
यू-टर्न से हादसे होने का खतरा बना रहता है । इस रोड पर यातायात संचालन बेहद
सुरक्षित और सुहाना हो गया है । मेरठ,
हरिद्वार और देहरादून की तरफ जाने वाले लाखों वाहन चालकों को इसका
लाभ मिल रहा है । इस सड़क के शुरू होने से
शहर से जाम की समस्या भी काफी हद तक खत्म हो चुकी है ।
हिंडन/गाजियाबाद एलिवेटेड रोड की विशेषताएं-
1)
हिंडन एलिवेटेड
रोड देश की सबसे लंबी एलिवेटेड रोड है ।
2)
इसकी कुल लंबाई 10.3
किलोमीटर है।
3)
हिंडन एलिवेटेड
रोड राजनगर एक्सटेंशवन को यूपी गेट से जोड़ती है। इस एलिवेटेड सड़क के चलने से
दोनों के बीच की दूरी 9 मिनट तक सीमित रह गयी है ।
4)
इस प्रोजक्ट को
पूरा करने में कुल 1,147 करोड़ का खर्च
आया ।
5)
10.3 किलोमीटर
लंबी इस एलिवेटेड सड़क को मजबूती 228 सिंगल पिलर दे रहे हैं ।
6)
एलिवेटेड सड़क पर
औसत स्पीड 80 किलोमीटर प्रति
घंटा तय की गयी है ।
7)
इस प्रोजेक्ट को
बनने के बाद इस पर परिचालन शुरु करने के लिए कई सारी केंद्रीय एजेंसियों से
क्लीयरेंस लेने की जरूरत पड़ी ।
8)
हिंडन एलिवेटेड
सड़क वाहन चालकों को एन एच 24 से
भी जोड़ती है ।
9)
एलिवेटेड सड़क के
चलते चालकों और यात्रियों के हिंडन एयरबेस पहुंचना भी आसान हो रहा है,
जो टोल गेट से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर
है ।
हिंडन
एलिवेटेड रोड देश की सबसे लंबी एलिवेटेड रोड है । इसकी कुल लंबाई 10.3
किलोमीटर है । इस रोड का इस्तेमाल कर मात्र 15 मिनट में लोग दिल्ली
पहुंच सकते हैं । सड़क में सीसीटीवी कैमरे व सेंसर युक्त कूड़ेदान स्थापित किये
जायेंगे । कूड़ा भरते ही यह कूड़ादान सेंसर के माध्यम से नगर निगम को सूचित करेंगे
और सफाई भी की जायेगी । ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों की रिकार्डिंग भी की जायेगी
। भारत में कई शहरों में एलिवेटेड रोड है. इनमें चंडीगढ़, नोएडा
और बेंगलुरू शहर में एलिवेटेड रोड शामिल है लेकिन सबसे लंबा एलिवेटेड रोड
गाजियाबाद का ही है ।
क्यों बनाया जाता है
एलिवेटेड रोड?
एलिवेटेड रोड का निर्माण उन जगहों पर होता है,
जहां ट्रैफिक ज्यादा रहती है । एलिवेटड रोड तकनीकी रूप से एक पुल की
तरह होता है । वैसे इलाकों में एलिवेटेड
रोड निर्माण को प्राथमिकता दी जाती है । जहां घनी आबादी की वजह से जमीन का
अधिग्रहण मुश्किल हो जाता है । इसके अतिरिक्त नजदीकी इलाकों को भी एलिवेटड रोड के
सहारे जोड़ा जा सकता है । आज दुनिया भर के वैसे शहर जहां आबादी घनी और ट्रैफिक ज्यादा है, वहां
एलिवेटेड रोड के निर्माण में वृद्धि देखी जा रही है ।