अखिलेश यादव द्वारा किये पिछड़ा वर्ग हेतु समाज कल्याण
प्रदेश की कुल जनसंख्या का 54
प्रतिशत जनसंख्या पिछड़े वर्ग के लोगों की है । नेताजी मुलायमसिंह
यादव द्वारा 2 अगस्त 1995 को इस वर्ग
के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग नाम से एक अलग विभाग की
स्थापना की गई । वर्तमान में पिछड़े वर्ग में प्रदेश की 79 जातियां
शामिल है.
उत्तर प्रदेश राज्य
पिछड़ा वर्ग आयोग- मार्च
1993
में उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की स्थापना की गई । इसमें
एक अध्यक्ष दो उपाध्यक्ष व 17 सदस्य होते हैं अध्यक्ष को
राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त होता है ।
उत्तर प्रदेश पिछड़ा
वर्ग वित्त विकास निगम- पिछड़े
वर्गों के चौमुखी विकास में सहायता करने के लिए इस निगम की स्थापना सितंबर 1989
में की गई। यह निगम राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त निगम की चैनलॉजिंग
एजेंसी है निगम द्वारा अपनी योजना का संचालन राष्ट्रीय निगम से ऋण लेकर किया जाता
है, इस निगम द्वारा प्रदेश में मार्जिन मनी ऋण योजना फार्म लोन योजना, महिलाओं में आत्मनिर्भरता लाने के लिए ऋण की नव स्वर्णिमा योजना, शिल्प संपदा योजना, सक्षम योजना, सूक्ष्म क्रेडिट योजना तथा कई अन्य शैक्षिक योजना चलाई जा रही थीं । आरक्षण व्यवस्था- सरकारी सेवाओं, स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालय में 8
लाख वार्षिक से कम आय वाले पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए 27% सीटें आरक्षित हैं।
छत्रपति शाहूजी
छात्रवृत्ति योजना- यह
प्रदेश की सबसे बड़ी छात्रवृत्ति योजना थी जो कि पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए
चलाई जा रही थी इससे प्रदेश के 8 लाख
विद्यार्थी लाभान्वित थे ।
मौलाना मोहम्मद अली
जोहर छात्रवृति योजना- 2005
में ही पिछड़े वर्ग के छात्रों को नियमित छात्रवृत्ति प्रदान करने
के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई ।
दशम पूर्व एवं दशमोत्तर
छात्रवृत्ति योजना- पिछड़े
वर्ग के छात्रों जिनके अभिभावक की आय 2 लाख
रुपये तक वार्षिक है के लिए यह योजना 2004-05 से चलाई जा रही
थी ।