अखिलेश निर्मित अवध शिल्प
ग्राम
बीस एकड़ ज़मीन पर स्थित अवध
शिल्पग्राम की परियोजना को लोगों के सांस्कृतिक राजनैतिकए व्यवसायिक और मनोरंजक
गतिविधियों से परिकल्पित किया गया है। इस हाट का दीर्घ वृत्ताकार बाहर से अंदर की
ओर परिसीमित होता है और परिसंचरण को निर्विघ्र बनाता है। लखनवी बाज़ारों की संघनता
और जातीय संस्कार को बनाए रखने और पुरानी गलियों की यादों को दोहराने के लक्ष्य से
रूपांकित किया गया है। इसकी वास्तुकला रूमी दरवाजा और इमामबाड़ों से प्रेरित है।
पर्याप्त रोशनी और हवा से हाट का अनुभव सुखद बनाया गया है। ‘जाली’ जैसे पारंपरिक अवयवों को समाकालीन शब्दसूची
में संकल्पित किए गये हैं। यहाँ करीब दो सौ हस्तशिल्प की दुकानें प्रेक्षागृह
बैंक्वेट हॉल और विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की सेवाएं उपलब्ध होंगी। अवध
शिल्पग्राम नवाबों के शहर लखनऊ की प्रतिष्ठित और भव्य योजना है।
परिषद
की अवध विहार योजना के अन्तर्गत अवध शिल्पग्राम का संक्षिप्त विवरण
अवध शिल्पग्राम का
क्षेत्रफल |
20 एकड़ |
मा0 मुख्यमंत्री
जी, उ0प्र0सरकार
द्वारा किया गया शिलान्यास |
दिनांक – 22.11.2013 |
अवध शिल्प ग्राम के
आर्कीट्रेक्चरल/ |
मेसर्स आर्क ओह्म, नोएडा |
स्ट्रक्चरल
कन्सलटेन्सी हेतु कन्सलटेन्ट का चयन |
दिनांक – 04.03.2014 |
अवध शिल्पग्राम के
कन्सेप्ट प्लान का अनुमोदन |
दिनांक – 21.05.2014 |
अवध शिल्पग्राम के
निर्माण हेतु |
लागत-207 लाख |
जारी प्रशासनिक एवं
वित्तीय स्वीकृति |
दिनांक – 26.05.2014 |
माननीय मुख्य मंत्री
जी उ0प्र0 द्वारा
अवध शिल्पग्राम का लोकार्पण |
दिनांक – 20.08.2016 |

उत्तर
प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ अपनी समृद्ध संस्कृति शिल्प और धरोहर के लिए मशहूर
है । इस शहर को एक ऐसे मंच की अवश्यकता थी,जहाँ संपूर्ण रूप से पूरे राज्य के और
खास तौर पर अवध क्षेत्र के दस्तकार और कारिगर अपनी कला का प्रदर्शन करें सीखें या
सिखाएँ और बिना किसी बिचौलियों के लोगों और कला प्रेमियों से सम्पर्क करें । उत्तर
प्रदेश के तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इसी जरूरत को संबोधन
करने और शिल्पकारों को प्रोत्साहन देने का विशिष्ट मंच बनाने के लिए ‘अवध
शिल्पग्राम’ के निर्माण कार्य को पूर्ण कराने का काम कराया गया था ।
वातानुकूलित
दुकानें |
प्रदर्शनी हॉल |
शिल्प
दुकानें |
बाह्य
भोजन क्षेत्र |
मंच
दुकाने |
सर्विस प्रांगण |
शयनगृह |
बाह्य
बाल क्रीड़ास्थल |
भोजन
गलियारा |
सर्विस खंड |
शिल्प
कार्यशाला |
बैंक्वेट |
भोजनालय |

समाजवादी
सरकार के विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा अवध विहार योजना में अवध शिल्प ग्राम विकसित किये जाने की आवश्यकता के
बिंदु-
1. समाजवादी
सरकार के भविष्योन्मुखी विकास के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध नेता श्री अखिलेश यादव
द्वारा उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से स्थानीय हस्तशिल्पकारों के कला के संर्वधन,
हस्तशिल्प के सामग्रीयों की बिक्री एवं इनके प्रशिक्षण हेतु एक ही
स्थल पर व्यवस्था होने की कमी लम्बे समय से अनुभव की जा रही थी ।
2. इसी
के तहत उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार द्वारा कुटीर उद्योग एवं हस्तशिल्प कला के
सर्वधन हेतु विशेष ध्यान दिया जा रहा था ।
3. उस
समय तक उत्तर प्रदेश में हस्तशिल्प कला के प्रदर्शन एवं इससे जुड़ी सामग्री की
बिक्री हेतु केन्द्रीयत स्थल उपलब्ध नहीं था ।
4. 22
करोड़ की आबादी के हमारे प्रदेश (उत्तर प्रदेश) के विभिन्न नगरों
एवं ग्रामों में विभिन्न हस्तशिल्प जैसे सहारनपुर में लकडी़, मुरादाबाद में पीतल के बर्तन/सजावटी सामान,अलीगढ़
में ताले, फिरोजाबाद में चूड़ियाँ, गोरखपुर
में मिट्टी के बर्तन, आगरा व कानपुर में चर्म शिल्प, लखनऊ मे चिकन, जरदोजी व चांदी का वर्क, कन्नौज में इत्र, भदोही में कालीन एवं खुर्जा में
पाटरीज जैसे विभिन्न हस्तशिल्प प्रचलित हैं। जिनकी लोकप्रियता देश एवं विदेश में
भी स्थापित है, को संबोधन करते हुए भविष्योन्मुखी विकास के लिए समर्पित और
प्रतिबद्ध नेता श्री अखिलेश यादव द्वारा ‘अवध शिल्पग्राम’ के निर्माण कार्य को
पूर्ण कराने का काम कराया गया था ।
5. उक्त
हस्तशिल्प के प्रदर्शन एवं बिक्री हेतु एक निश्चित स्थान उपलब्ध न होने के कारण
देश-विदेश के पर्यटकों को समस्त हस्तशिल्प का एकमुश्त प्रदर्शन एवं विक्रय सामग्री
नहीं उपलब्ध हो पा रहा था ।
6. उक्त
कला के प्रदर्शन, प्रोत्साहन एवं विकास
हेतु अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिये दिल्ली हाट की तर्ज पर प्रदेश में भी अवध
शिल्प ग्राम विकसित करने के उद्देश्य से लखनऊ में उ.प्र.
आवास एवं विकास परिषद की अवध विहार योजना के 20 एकड़ क्षेत्र में अवध शिल्पग्राम स्थापित करने का निर्णय लिया गया था ।
7. उक्त
परियोजना के अन्तर्गत दो सौ दुकाने, आडीटोरियम,
एम्फीथियेटर, फूड कोर्ट, प्रदर्शनी हॉल, शिल्पियों व कारीगरों के विश्राम
हेतु डारमेटरी के साथ-साथ अन्य मनोरंजन के साधन भी प्राविधानित किये गये थे ।
8. परियोजना
के अन्तर्गत हस्तशिल्प में रूचि विकसित करने हेतु 24
नग क्राफ्ट कोर्ट भी निर्मित किये गए थे, जिनमें
विभिन्न कलाओं का पर्यटकों एवं ग्राहकों के समक्ष सजीव प्रदर्शन भी किया जा सकता
है ।
9. परियोजना
के अन्तर्गत विकसित किया जा रहे परिसर में सघन हरियाली भी विकसित की गयी थी,
जिससे पर्यटकों/ग्राहकों को मनोरम वातावरण भी उलब्ध हो सका ।
10.
परियोजना को और
आकर्षक बनाने हेतु बच्चों के लिये विभिन्न खेल क्षेत्र भी विकसित किये गए,
जिनमें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण भी स्थापित किये गए ।
11.
आने वाले पर्यटकों
एवं ग्राहकों के थकान मिटाने हेतु एम्फीथियेटर में विभिन्न लोक कलाओं के सजीव
प्रदर्शन भी आयोजित किये जा सकते हैं, जिससे
लोक कलाओं को विकसित करने में सहायता मिल रही है ।
12.
पर्यटकों की
खान-पान की सुविधा हेतु फूड कोर्ट भी स्थापित किया गया है,
जिनमें विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भोज्य पदार्थ उपलब्ध
हो रहे हैं ।
