समाजवादी सरकार के शासन काल के वित्तीय
वर्ष 2015-16 में योजनाएं-
1.
संत
रविदास शिक्षा सहायता योजना - इस
योजना का उद्देश्य पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अधिकतम दो बालक एवं बालिकाओं को
कक्षा 1 से प्रारंभ कर उच्चतर शिक्षा
हेतु छात्रवृत्ति सहायता हेतु प्रदान किया जाना था। इसके अन्तर्गत देय हितलाभ रू
100/- से लेकर रू 5000/- तक निर्धारित किया
गया था ।
2.
एससी- एसटी कल्याण ?
प्रदेश में एससी- एसटी के कल्याण हेतु समाज कल्याण विभाग की स्थापना 1955 में की गई थी । 1995 में इसे अलग कर अनुसूचित जाति
जनजाति कल्याण विभाग की स्थापना की गई थी । इसकी कुछ योजनाएं- छात्रवृत्ति योजना,
बुक बैंक योजना, प्राथमिक पाठशालाओं को अनुदान,
राजकीय आश्रम पद्धति के विद्यालयों एवं छात्रावासों की स्थापना,
निशुल्क बोरिंग योजना, स्पेशल कंपोनेंट योजना
आदि।
● प्रदेश में सरकारी सेवा प्रशिक्षण संस्थाओं में एससी- एसटी के लिए 23% सीटें आरक्षित हैं ।
● राज्य विधानसभा में 89 सीटें एससी- एसटी हेतु सुरक्षित है ।
● अस्पृश्यता की भावना को समाप्त करने तथा उन पर होने वाले
अत्याचारों से रक्षा के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा पारित कानून नागरिक
संरक्षण अधिनियम 1955 तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार
अधिनियम 1989 को पूरे प्रदेश में लागू किया गया है ।
● अनुसूचित जाति जनजाति के मामलों का तेजी से निस्तारण करने के लिए 40
जिलों में विशेष अदालतों का गठन भी किया गया है ।
उत्तर प्रदेश अनुसूचित
जाति वित्त एवं विकास निगम
– इस
निगम की स्थापना 1975 में की गई थी ।
यह निगम प्रदेश में निवास करने वाले गरीब और बेरोजगार अनुसूचित जाति के लोगों को
कई स्वरोजगार योजना संचालित कर रहा है । इसकी कुछ योजनाएं निम्न है-
स्वत रोजगार योजना- गरीबी
रेखा से नीचे के अनुसूचित जातियों के लिए स्वतः रोजगार कि इस योजना का क्रियान्वयन
वर्ष 1980-81 से किया जा रहा है। इसमें
उद्योग, सेवा, व्यवसाय, पशुपालन, ट्रांसपोर्ट तथा सभी आर्थिक विकास की
योजनाएं आच्छादित है ।
कौशल वृद्धि प्रशिक्षण
योजनाएं- प्रदेश
में गरीब एवं बेरोजगार अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के लिए कौशल वृद्धि हेतु
कंप्यूटर, सिलाई कढ़ाई,
ऑटोमोबाइल, टीवी रेडियो मरम्मत, फूड प्रोसेसिंग, एयर कंडीशनर, टंकण
एवं आशुलिपि प्रशिक्षण योजना निशुल्क संचालित की जाती है साथ में प्रशिक्षण अवधि
में रू 600 प्रति माह तक छात्रवृत्ति दी जाती है ।