इत्र पार्क कन्नौज
अन्तर्राष्ट्रीय इत्र म्यूजियम, कन्नौज
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन
विजनरी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की सुगंध नगरी कन्नौज में परंपरागत इत्र
उद्योग को विकसित करने का काम सुनिश्चित कराया था, जिससे कन्नौज को अन्तर्राष्ट्रीय
स्तर पर वह पहचान मिले । कन्नौज में करीब 600 हेक्टेयर में फूलों
की खेती होती है । जबकि कानपुर नगर, आगरा से भी फूल कन्नौज
मंगाया जाता है । इस कारोबार को बढ़ाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने
2016 में इत्र पार्क की घोषणा की थी । यही नहीं अनुपूरक बजट
में पार्क के लिए 100 करोड़ रुपया जारी करने की घोषणा की गयी
थी ।
फ्रांस
से इत्र उद्योग को विकसित और प्रमोट करने का फंडा लेकर आए तत्कालीन मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने 'सुगंध नगरी' के नाम से
विख्यात कन्नौज में अंतरराष्ट्रीय इत्र संग्रहालय स्थापित करने की घोषणा की थी । उत्तर
प्रदेश के विकास के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव ने कन्नौज में परंपरागत इत्र उद्योग
को विकसित करने के लिये तीन कार्ययोजना प्रस्तुत की थी । इनके जरिये सुनिश्चित
किया जाएगा कि कन्नौज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह पहचान हासिल हो, जिसका वह हकदार है । तत्कालीन मुख्यमंत्री ने नौजवानों को इत्र उद्योग में
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जा रही आधुनिक तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराने की
जरूरत पर जोर देते हुए कहा था कि इससे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे । इन
कार्ययोजनाओं के तहत-
v
ओडीओपी योजना के तहत सरकार इत्र
से जुड़े कारोबारियों को सहूलियत देना,
v
इत्र की ऑनलाइन बिक्री को
प्रोत्साहित करने के लिये बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफार्म इस्तेमाल किया
जाना,
v
कन्नौज में परफ्यूम पार्क एवं
म्यूजियम विकसित किये जाने के लिये कार्ययोजना
उत्तर प्रदेश के विकास के प्रति
समर्पित और प्रतिबद्ध विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कन्नौज में परफ्यूम
पार्क एवं म्यूजियम विकसित किये जाने के लिये बनाई गयी कार्ययोजना पर नियमानुसार
कार्यान्वयन युद्ध स्तर पर कराये जाने के निर्देश दिये थे । उत्तर प्रदेश औद्योगिक
विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक को निर्देश दिये गये कि वे इत्र के निर्माण एवं
विपणन से जुड़े उद्यमियों से वार्ता कर उनको आवश्यक अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध
कराने की कार्यवाही करें ।
योजना के कार्यान्वयन के लिये अर्जित भूमि पर म्यूजियम, औद्योगिक
पार्क, दुकान एवं होटल सम्बंधी अन्य सुविधाएं विकसित किये
जाने के लिये आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराने का काम कराया गया था । इत्र ओडीओपी
योजना के अन्तर्गत चिन्हित उत्पाद है ।
तत्कालीन समाजवादी सरकार ने
फूलों की खेती करने वाले किसानों को सौगात देते हुये जनपद कन्नौज के पैथाना और
बलनापुर गांव में लगभग दो सौ एकड़ क्षेत्रफल में परफ्यूम पार्क एवं म्यूजियम की
स्थापना की योजना बनाई थी । वर्ष 2016 में तत्कालीन
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस प्रोजेक्ट के कांसेप्ट प्लान को मंजूरी देते हुये
यूपिको को इस प्रोजेक्ट का डीपीआर और डिजाइन बनाने के लिए कंसलटेंट नामित किया था ।
425 करोड़ रुपये से प्रस्तावित यह परफ्यूम पार्क तत्कालीन
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था । इस प्रोजेक्ट के धरातल
पर आने से सिर्फ कन्नौज ही नहीं बल्कि कानपुर नगर व देहात, हरदोई,
उन्नाव आदि जनपदों के हजारों किसान जो फूलों की खेती करते हैं
उन्हें फायदा मिलता । इस परियोजना के मूर्तरूप लेने से इन किसानों को औने-पौने दाम
पर फूल नहीं बेचने पड़ते । इतना ही नहीं कन्नौज में इत्र बनाने वाले उद्यमी भी अब
नई तकनीक सीखकर अपना कारोबार बढ़ा सकते थे ।
उत्तर
प्रदेश के विकास के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव द्वारा परफ्यूम पार्क एवं म्यूजियम की इस परियोजना में होटल व रेस्टोरेंट का
निर्माण भी प्रस्तावित था । इत्र पार्क में नवनिर्मित म्यूजियम में विभिन्न देशों
के इत्र रखे जाएंगे ।
इत्र
पार्क की स्थापना के लिए तत्कालीन समाजवादी सरकार के कार्यकाल में योजना बनी थी कि
लगभग सौ करोड़ रुपये लघु उद्योग विभाग यूपीएसआईडीसी को देने के लिए शासन स्तर से
इसे इस शर्त पर मंजूरी मिली थी कि जब यूपीएसआईडीसी प्रबंधन विभाग को डीपीआर देगा, तभी यह
धनराशि दी जानी थी ।
पार्क में इत्र व परफ्यूम की बिक्री के लिए दुकानें, होटल और
रेस्टोरेंट का निर्माण भी प्रस्तावित था । साथ ही केमिकल वर्कशॉप, एप्लीकेशन लैब, टेस्टिंग लैब, ब्लेंडिंग
यूनिट, पैकेजिंग यूनिट, ईडब्ल्यूएस
आवास, अफसरों के आवास का निर्माण भी होना था। पर, वर्ष 2017 में सत्ता परिवर्तन के साथ ही
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के निर्माण की रफ्तार रुक
गई थी ।
उत्तर
प्रदेश की इत्र नगरी के नाम से देश और दुनिया में मशहूर कन्नौज को अगर समाजवादी
सरकार को एक और अवसर मिलता तो कन्नौज को विश्व में एक नई पहचान मिलती । प्रदेश की
समाजवादी पार्टी सरकार ने कन्नौज को इत्र के मामले में दुनिया के नक्शे पर
लाने के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की थी । कन्नौज के इत्र उद्योग को दुनिया में
महकाने के लिए फ्रांस की मदद ली जा रही थी । कन्नौज में इत्र को विदेशी खरीदारों
को एक छत के नीचे सभी तरह के उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए विशेष मार्ट बनाया जाना
था । साथ ही कन्नौज के इत्र एशोसिएशन ने भी ले-आउट की सराहना की थी कि यह पार्क 126145 वर्ग
मीटर क्षेत्र में विकसित होने से उनके कारोबार में वृद्धि हो जायेगी । प्रथम चरण
में 68 भूखण्डों का आवंटन किया जाना था । जैसे-जैसे भूमि की
उपलब्धता होती जायेगी, वैसे ही पार्क का विस्तार किया जाता
जाना था ।
प्रस्तावित
‘‘इत्र
म्यूजियम एण्ड पार्क’’ में समाजवादी सरकार कामन फैसेलिटी
सेंटर (सी.एफ.सी.) की सुविधा इत्र व्यवसायियों को सुलभ कराने
का काम कर रही थी य। साथ ही नवनिर्मित म्यूजियम में इत्र के विकास आदि का पूर्ण
विवरण प्रदर्शित किया जाना था और इसमें कैफेटेरिया एवं इत्र की दुकानें भी स्थापित
करने की योजना प्रस्तावित थी । इससे म्यूजियम का अवलोकन करने वाले पर्यटकों तथा
दर्शनार्थियों को एक ही स्थान पर इत्र से संबंधित जानकारी प्राप्त हो सकती थी तथा
इत्र का क्रय भी करने का अवसर प्राप्त होने लगता । इत्र म्यूजियम एण्ड पार्क को
आधुनिक अवस्थापना सुविधाओं से युक्त किया जाना था । इत्र पार्क में सुरक्षा,
पेयजल, बैंक सहित गैस पाइपलाइन आदि की भी
व्यवस्था की जानी थी ।
उत्तर प्रदेश के विकास के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध
विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की योजना इस पार्क के जरिए एक ही छत के नीचे
इत्र कारोबारियों को सभी सुविधाएं देने की थी लेकिन 2017 में उनकी सरकार चली गयी.
इत्र पार्क का निर्माण स्थल-
इस
इत्र पार्क का निर्माण ठठिया के दौलतपुर में 25 हेक्टेयर
में निर्माण होना था । इसमें करीब 83 बीघा सरकारी भूमि है ।
शेष भूमि किसानों की है । विकास खंड उमर्दा के पैथाना, पलटेपुरवा,
बलनापुर, दौलतपुर अलीपुर अहाना के करीब 150
किसानों की भूमि अधिग्रहित होनी थी । राज्य औद्योगिक विकास
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनिल गर्ग द्वारा प्रस्तुत ले-आउट पर प्रमुख
सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा.
नवनीत सहगल ने अपनी सहमति प्रदान कर दी थी । साथ ही कन्नौज के इत्र एशोसिएशन ने भी
ले-आउट की सराहना की थी ।
उत्तर प्रदेश के विकास के प्रति समर्पित और
प्रतिबद्ध विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कन्नौज के इत्र उद्योग के विकास
के लिए की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कन्नौज के
इत्र उद्योग के विकास और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी खास पहचान बनाने के लिए
अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी । उन्होंने प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक
विकास को इन घोषणाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे ।
कन्नौज तथा फ्रांस के ग्रासे शहर के बीच पारस्परिक अनुबन्ध करने की योजना भी
प्रस्तावित थी । उन्होंने कन्नौज में एक परफ्यूम (इत्र) पार्क की स्थापना के लिए
एक माह में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के निर्देश दिए थे । तत्कालीन मुख्यमंत्री ने
कहा था कि कन्नौज के परम्परागत उद्योग को जियोग्राफिकल इण्डिकेशन के रूप में
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलानी आवश्यक है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव ने इस प्रोजेक्ट के कांसेप्ट प्लान को मंजूरी दे दी थी । साथ ही यूपिको को इस
प्रोजेक्ट का डीपीआर और डिजाइन बनाने के लिए कंसलटेंट नामित किया गया था । इसके
दृष्टिगत तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को भारत सरकार के सम्बन्धित
मंत्रालय से अनुमति प्राप्त करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे । इसलिए कन्नौज के पैथाना और बलनापुर गांव में दो
सौ एकड़ क्षेत्रफल में प्रस्तावित परफ्यूम पार्क की स्थापना में अब कोई बाधा नहीं छोड़ी
गयी थी ।
425 करोड़ रुपये का यह परफ्यूम
पार्क मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था । इस प्रोजेक्ट के धरातल पर
आने से सिर्फ कन्नौज ही नहीं बल्कि कानपुर नगर व देहात, हरदोई,
उन्नाव आदि जिलों के हजारों किसान जो फूलों की खेती करते हैं उन्हें
फायदा मिलेगा । तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा था कि कन्नौज के परम्परागत उद्योग को
जियोग्राफिकल इण्डिकेशन के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलानी आवश्यक
है। इसके दृष्टिगत उन्होंने अधिकारियों को भारत सरकार के सम्बन्धित मंत्रालय से
अनुमति प्राप्त करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं ।
श्री यादव ने कहा था कि
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इत्र उद्योग में अपनाई जा रही आधुनिक तकनीक की जानकारी
नौजवानों को उपलब्ध कराना जरूरी है । इससे जहां एक ओर युवाओं को इस क्षेत्र में भी
रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, वहीं दूसरी ओर नवीनतम जानकारियां हासिल कर
वे कन्नौज के इत्र उद्योग के विकास में भी उपयोगी भूमिका निभाएंगे । इसे ध्यान में
रखकर उन्होंने घोषणा की थी कि इत्र उद्योग की तकनीकी जानकारी के लिए 10 से 15 बच्चों का समूह प्रत्येक साल 03 माह, 06 माह एवं 01 वर्ष की
सीमित अवधि के लिए ग्रासे में प्रशिक्षण हासिल करने के लिए कौशल विकास मिशन एवं
यूपीएसआईडीसी के माध्यम से फ्रांस भेजे जाने की योजना पर काम करना था ।