अनुसूचित
जाति/जनजाति व पिछड़े
वर्ग का कल्याण कार्यक्रम
प्रदेश
सरकार द्वारा राज्य के अनुसूचित जाति के छात्रो को शिक्षा के प्रति अभिप्रेरित
करने एवं उन्हें समाज मे प्रतिष्ठापरक स्थान दिलाने के उद्देश्य से इन वर्गो के
बालक / बालिकाओं को प्रत्येक स्तर पर छात्रव्रत्ति दिये जाने की योजना संचालित की गयी
थी ।
अनुसूचित जाति पूर्व दशम छात्रवृति योजना
अनुसूचित
जाति/जनजाति के छात्रों के सम्बन्ध में शासनादेश संख्या 4158/26-3-95-4(215)/90
दिनांक 21.03.1995 द्वारा लिये गये निर्णय के
अनुसार कक्षा 1-8 तक समस्त अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं
को छात्रवृति प्रदान किये जाने की व्यवस्था की गयी थी । कक्षा 9 व 10 के छात्रों को जिनके माता/पिता अभिभावको की
वार्षिक आय रु. 2.00 लाख तक थी, उन्हे छात्रव़त्ति दिये जाने
की व्यवस्था थी । पूर्वदशम् छात्रव़त्ति योजना के अन्तर्गत कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को छात्रव़त्ति का भुगतान ग्राम
शिक्षा निधि में खुले खाते के माध्यम से वर्ष में एक बार नगद किया जाता था । कक्षा
9 व 10 के छात्रों को छात्रव़त्ति का
भुगतान बैंक में खुले छात्रों के खातों में एक मुश्त किया जाता था । कक्षा 1
से 5 तक रु. 25/- प्रतिमाह,
कक्षा 6 से 8 तक रु. 40/-
प्रतिमाह तथा कक्षा 9 व 10 रु. 150/- प्रतिमाह की दर से छात्रों हेतु 10 माह की तथा 350/- प्रतिमाह छात्रावासीय छात्र थे । कक्षा 9-10 अनुसूचित
जाति छात्रव़त्ति योजना वित्तीय वर्ष 2012-13 से केन्द्र
पुरोनिधानित कर दी गई थी । छात्रों का भुगतान समय से करने के लिये सरकार कृत
संकल्प थी , जिससे प्राथमिक स्तर पर छात्रों का ड्राप-आउट कम
किया जा सके और अधिक से अधिक बच्चे स्कूल में शिक्षा हेतु आ सके।
गरीबी
रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सामान्य वर्ग के समस्त शासकीय शासन से सहायता
प्राप्त तथा शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत
सामान्य वर्ग के कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को छात्रवृति दी जाती थी कक्षा 1 से 5
तक रु. 25/- प्रतिमाह, कक्षा 6 से 8 तक रु. 40/- प्रतिमाह तथा
कक्षा 9 व 10 में रु. 60/- प्रतिमाह दर निर्धारित थी । कक्षा 1-8 तक की
छात्रव़त्ति नगद तथा कक्षा 9 व 10 की
छात्रव़त्ति छात्रों के बैंक खातों में पूरे वर्ष की एक मुश्त अन्तरित की जाती थी ।
दशमोत्तर कक्षाओं की
छात्रवृत्ति
(अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग)
अनुसूचित
जाति के उन समस्त छात्र / छात्राओं को दशमोत्तर कक्षाओं में
छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति प्रदान की जाती थी जिनके
माता/पिता की वार्षिक आय समस्त स्त्रोतों से रु.2.00 लाख से
अधिक नहीं थी । यह छात्रवृत्ति भारत सरकार द्धारा निर्धारित दरों पर निम्नवत्
उपलब्ध करायी जाती थी ।
समूह |
पाठ्यक्रम |
डे
स्कालर |
हास्टलर |
1. |
डिग्री
व मास्टर डिग्री स्तर के पाठ्यक्रम एमफिल-पीएचडी
समस्त चिकित्सा पद्धति के पाठ्यक्रम, प्रौद्योगिकी,
इंजीनिरिंग, प्लानिंग आर्किटेक्चर, डिजाइन, फैशन टेक्नालोजी, कृषि,
पशुचिकित्सा, एलाइड साइंस, व्यवसाय वित्त, मैनेजमेंट, प्रशासन,
कम्प्यूटर साइंस आदि पाठ्यक्रम, सीपीएल
पाठ्यक्रम, मैनेजमेंट चिकित्सा के परास्नातक स्तरीय
डिप्लामा पाठ्यक्रम, सीए, आईसीडब्लूए,
सीएस, आईसीएफए, एलएलएम,
डीलिट, डीएससी आदि. |
550 |
1200 |
2. |
स्नातक
/ परास्नातक स्तरीय डिग्री , डिप्लोमा,
सार्टिफिकेट पाठ्यक्रम यथा फार्मेसी,
नर्सिंग एलएलबी, बीएफएस, पेरामेंडिकल यथा-पुनर्वास, निदान आदि मास
कम्यूनिकेशन, होटल मैनेजमेंट, इंटीरियर
डेकोरेशन, न्यूट्रेशन एण्ड डाइटेटिक्स , कामर्शियल आर्ट, टूरिज्म हास्पिटैलिटी, फाइनैन्शियल सर्विसज (ई0जी0बैंकिग
इंश्योरेंस, टैक्सटायेनेटिक) जिसमें न्यूनतम प्रवेश
योग्यता इण्टरमीडिएट अथवा समकक्ष हो तथा परास्नातक
पाठ्यक्रम जो समूह-1 में
सम्मिलित न हो। यथा-एमए/एमएससी/एमकॉम/एमएड/एमफार्मा आदि। |
530 |
820 |
3. |
समस्त
स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम जो समूह- I व II में सम्मिलित न हो, यथा बी.ए., बी.एसी.सी. एवं बी.कॉम आदि। |
300 |
570 |
4. |
समस्त
नान डिग्री स्तरीय कोर्स, जिनमे न्यूनतम
प्रवेश योग्यता हाईस्कूल हो, आईटीआई तीन वर्षीय डिप्लोमा
कोर्स (पॉलीटेक्निक) आदि। |
230 |
380 |
वर्ष 2012-13
में उक्त योजना के लिए जारी की गयी नियमावली में शैक्षणिक संस्थाओं
में छात्र / छात्राओं के नि:शुल्क प्रवेश की व्यवस्था की गयी थी । छात्रवृत्ति एवं
शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान छात्रों के खाते में किया गया । छात्र द्वारा शुल्क
प्रतिपूर्ति की धनराशि प्राप्त होने के 15 दिन के अन्दर
संस्था को उपल्बध करा दी गयी , जिसके लिए प्रवेश के समय ही
संस्था एवं छात्रों के मध्य अनुबन्ध कराने की व्यवस्था थी ।