अखिलेश ने आयोजित कराया ‘उत्तर प्रदेश एग्री हार्टीटेक’ Akhilesh organized 'Uttar Pradesh Agri Heartetech'
समाजवादी सन्देश जनवरी 24, 2022
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‘उत्तर प्रदेश एग्री हार्टीटेक’
समाजवादी
सरकार किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत रही है ।
किसानों की आय और जीवन स्तर को बेहतर बनाकर ही देश और प्रदेश में तरक्की और
खुशहाली आ सकती है । सैफई, इटावा में पीएचडी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स और राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान
में आयोजित विज्ञान से हरे-भरे खेत विषयक दो दिवसीय ‘उत्तर
प्रदेश एग्री हार्टीटेक’ सेमिनार में अपने विचार व्यक्त करते
हुए समाजवादी नेता श्री अखिलेश यादव ने कहा था कि किसानों को अपनी उपज बढ़ाने में
उपयोगी तकनीकी जानकारियां देने के उद्देश्य से इस सेमिनार का आयोजन किया गया है ।
समाजवादी सरकार ने कृषि नीति, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति,
कुक्कुट विकास नीति, कामधेनु डेयरी योजना आदि
लागू की, जिससे कृषि और कृषि से जुड़े क्षेत्रों का तेजी से
विकास हुआ है । प्रदेश में प्रतिदिन 2 लाख अण्डों की खपत है, जिनका ज्यादातर हिस्सा आयात किया जाता है । इस खपत को राज्य से ही पूरा
करने के लिए प्रदेश सरकार ने कुक्कुट विकास नीति लागू की है । इससे राज्य में
प्रतिदिन अण्डों के उत्पादन में भारी वृद्धि हुई है । इसी प्रकार कामधेनु डेयरी
योजना से दैनिक दूध उत्पादन में भी भारी बढ़ोत्तरी के साथ ही खेती और खेती से
जुड़े क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी हुआ । दुग्ध उत्पादन के उत्तर
प्रदेश देश में प्रथम है । उन्नत और आधुनिक तकनीक से किसानों को वैज्ञानिक तरीके
से खेती करके अपनी उपज बढ़ाने में सहायता मिलेगी। साथ ही, देश-विदेश
से आए उद्यमियों को भी प्रदेश की खूबियों, यहां मिलने वाली
सुविधाओं तथा प्रचुर मात्रा में यहां उपलब्ध कच्चे माल की जानकारी मिलेगी । इससे
प्रदेश में उन्हें अपने निवेश का फैसला लेने में सहूलियत होगी ।
भारतीय किसान
यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राकेश टिकैत और किसान नेताओं ने समाजवादी सरकार द्वारा किसान
हित में चलाई जा रही योजनाओं की प्रशंसा की!
उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर भारतीय किसान
यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान नेताओं के एक
दल ने मुलाकात की । भेंट के दौरान सभी किसान नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा
किसान हित में चलाई जा रही योजनाओं की प्रशंसा की और कहा कि प्रदेश सरकार किसानों
के हितों का पूरा ध्यान रख रही है । उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार द्वारा चलाई
जा रही विभिन्न योजनाओं का समर्थन करते हैं, क्योंकि इनका
सीधा लाभ गांव की जनता विशेषकर किसानों, महिलाओं इत्यादि को
मिल रहा है ।
समाजवादी
सरकार ने ग्रामीण जनता, जिसमें बड़ी संख्या में किसान भी शामिल
हैं, के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए अनेक योजनाएं चलाई
थी । ‘डा. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना’
एवं ‘जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना’ के माध्यम से गांवों में विभिन्न विकास कार्य सम्पादित किए गए थे । कुपोषण
समाप्त करने के लिए ‘राज्य पोषण मिशन’ चलाया
गया था । ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण की
जरूरत को देखते हुए ‘ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण समिति’
गठित की गई थी । ‘समाजवादी पेंशन योजना’ से ऐसे 45 लाख गरीब परिवारों,
जो किसी भी पेंशन योजना के तहत आच्छादित नहीं हैं, को लाभान्वित किया गया था । इस योजना के माध्यम से भी बहुत से किसानों को
मदद मिल रही थी । इस योजना के माध्यम से 55 लाख गरीब परिवारों को लाभान्वित किया गया
था । प्रदेश में किसान दुर्घटना बीमा के माध्यम से भी किसानों को सहायता प्रदान की
गयी थी, ताकि गरीब किसान के परिवार को आर्थिक संरक्षण प्राप्त हो सके । समाजवादी
सरकार के विजनरी मुख्यमंत्री
ने वर्ष 2015-16 और 2016-17 को ‘किसान
वर्ष’ भी घोषित किया गया था, ताकि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए
संचालित कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा सके ।
समाजवाद और सामाजिक न्याय की संकल्पना बहुत व्यापक जिसके अन्तर्गत ‘सामान्य हित’ के मानक से सम्बन्धित सब कुछ आ जाता है जो गरीब ,पिछड़े और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा से लेकर निर्धनता और निरक्षरता के उन्मूलन तक सब कुछ पहलुओं को द्वंगित करता है ।
यह न केवल विधि के समक्ष समानता के सिद्धान्त का पालन करने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से सम्बन्धित है, जैसा हम पश्चिमी देशों में देखते हैं, बल्कि इसका सम्बन्ध उन कुत्सित सामाजिक कुरीतियों जैसे द्ररिद्रता, बीमारी, बेकारी और भुखमरी आदि के दूर करने से भी है जिसकी तीसरी दुनिया के विकासशील देशों पर गहरी चोट पड़ी है ।
सामाजिक न्याय अवधारणा का अभिप्राय यह है कि नागरिक, नागरिक के बीच सामाजिक स्थिति के आधार पर किसी प्रकार का भेद न माना जाए और प्रत्येक व्यक्ति को अन्य विकास के पूर्ण अवसर सुलभ हों । सामाजिक न्याय की धारणा में एक निष्कर्ष यह निहित है कि व्यक्ति का किसी भी रुप में शोषण न हो और उसके व्यक्तित्व को एक पवित्र सामाजिक न्याय की सिद्धि के लिए माना जाए मात्र साधन के लिए नहीं ।
सामाजिक न्याय की व्यवस्था में सुधारु और सुसंस्कृत जीवन के लिए आवश्यक परिस्थितियों का भाव निहित है और इस संदर्भ में समाज की राजनीतिक सत्ता से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने विद्यार्थी तथा कार्यकारी कार्यक्रमों द्वारा क्षमतायुक्त समाज की स्थापना करें ।