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आम आदमी की खाद्य सुरक्षा हेतु अखिलेश ने लगाई खाद्य तिलहन, खाद्य तेल एवं दालों की स्टॉक सीमा Akhilesh imposed stock limit of edible oilseeds, edible oil and pulses for the food security of common man

 

आम आदमी की खाद्य सुरक्षा हेतु खाद्य तिलहन, खाद्य तेल एवं दालों की स्टॉक सीमा 


       आम जन के हित संरक्षक और पोषक विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने खाद्य तिलहन, खाद्य तेल एवं दालों के मूल्य में हो रही अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए खाद्य तिलहन, खाद्य तेल एवं दालों की स्टाक सीमा को 30 सितम्बर, 2017 तक बढ़ाए जाने का निर्णय लिया था ।


       इसके तहत, खाद्य तिलहन हेतु फुटकर विक्रेता के लिए 50 कुन्तल, बल्क कंज्यूमर हेतु 500 कुन्तल, थोक विक्रेता के लिए 1,000 कुन्तल, कमीशन एजेन्ट के लिए 1,000 कुन्तल तथा विनिर्माता हेतु 30 दिन की उत्पादन क्षमता के समतुल्य स्टाॅक सीमा तय की गई है। खाद्य तेल हेतु फुटकर विक्रेता के लिए 50 कुन्तल, बल्क कंज्यूमर हेतु 750 कुन्तल, थोक विक्रेता के लिए 750 कुन्तल, कमीशन एजेन्ट के लिए 750 कुन्तल तथा विनिर्माता हेतु 30 दिन की उत्पादन क्षमता के समतुल्य स्टॉक सीमा तय की गई थी ।

इसी प्रकार, दालों (समस्त प्रकार की दालों सहित) के लिए स्टॉक सीमा फुटकर विक्रेता के लिए 50 कुन्तल, थोक विक्रेता के लिए 1,500 कुन्तल, कमीशन एजेन्ट के लिए 1,500 कुन्तल तथा विनिर्माता हेतु 30 दिन की उत्पादन क्षमता के समतुल्य तय की गई थी ।

 

 

 

 

 

 

 

 

वाजिब दाम पर अरहर की दाल की उपलब्धता

       समाजवादी सरकार के मुखिया तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने राज्य की जनता को अरहर की दाल वाजिब दाम पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे । तत्कालीन समाजवादी मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रत्येक जनपद में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के डिपो के माध्यम से सस्ती दाल उपलब्ध करायी जाएगी । जनता को सस्ती अरहर की दाल राशन कार्ड पर मिलेगी । निगम बिना लाभ-हानिके आधार पर दाल की बिक्री करेगा । समाजवादी सरकार के मुखिया तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने एक उच्चस्तरीय बैठक में दालों की कीमत से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करके ये निर्देश दिया था । उन्होंने दालों, विशेष रूप से अरहर की दाल की कीमत में देशव्यापी अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी पर चिंता जताते हुए कहा था कि पूरे देश में खाद्यान्नों की कीमत को काबू में रखना केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है । राज्य सरकार प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने के लिए अपने स्तर से जरूरी उपाय कर रही है । उन्होंने जमाखोरों और मुनाफाखोरों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे । भारत सरकार की अधिसूचना के क्रम में दालों के लिए निर्धारित स्टॉक सीमा को 30 सितम्बर, 2015 तक बढ़ाया गया था । इसके तहत फुटकर विक्रेता, थोक विक्रेता, कमीशन एजेंट निर्धारित मात्रा में स्टॉक रख सकते थे । बाद में केन्द्र सरकार द्वारा स्टॉक सीमा की अवधि को अक्टूबर, 2015 तक बढ़ा दिया गया था ।

       समाजवादी सरकार के मुखिया तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि इस सम्बन्ध में भारत सरकार को एक पत्र लिखकर यह अनुरोध किया जाए कि दालों की निर्धारित स्टॉक सीमा के लिए लम्बे समय की अवधि तय की जानी चाहिए । लम्बी अवधि के लिए स्टॉक सीमा के निर्धारण से उसका प्रभावी क्रियान्वयन कराया जा सकता है । उन्होंने कहा कि खाद्य एवं रसद विभाग तथा स्थानीय प्रशासन के अधिकारी दालों की कीमतों पर नजर रखें । इसके लिए सघन अभियान चलाकर आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जमाखोरों और मुनाफाखोरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए । अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि यह सुनिश्चित करायें कि कर्मचारी कल्याण निगम के माध्यम से आगामी तीन माह के दौरान प्रदेश को प्रति माह न्यूनतम 250 मीट्रिक टन आयातित अरहर की दाल उपलब्ध हो । राज्य की जनता को राहत पहुंचाने के लिए इस सम्बन्ध में प्रभावी प्रयास किया जाना जरूरी है।

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