समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे शिलान्यास!
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा था कि समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बन जाने पर देश का
सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के पास
होगा । उन्होंने कहा था
कि सड़कें विकास की रफ्तार को बढ़ाती हैं। समाजवादी सरकार ने सड़कों और एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर विशेष
ध्यान दिया था । समाजवादी विकास विजन के तहत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद समाजवादी
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया गया था और इसे भी
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के समान
कम समय में निर्माण करके प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने का महत्वकांक्षी
लक्ष्य तय किया गया था ।
समाजवादी पूर्वांचल
प्रवेश नियंत्रित (ग्रीनफील्ड) एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास समारोह
को सम्बोधित करते हुए विजनरी नेता ने कहा था कि यह ऐतिहासिक दिन
है जब महान किसान नेता चैधरी चरण सिंह की जयन्ती के ठीक एक दिन पूर्व पूर्वांचल
एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया जा
रहा है । इसके निर्माण
से किसानों और गरीबों को लाभ होगा और पूरे प्रदेश का सामाजिक, आर्थिक विकास होगा ।
रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। कृषि, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा ।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़े हुए जनपदों
में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर किसानों के
लिए मण्डियां स्थापित होंगीं ।
नये शिक्षण संस्थान,
टाउनशिप और अन्य वाणिज्यिक व औद्योगिक संस्थानों की स्थापना
के लिए उद्यमी प्रेरित होंगे, जिससे रोजगार के अवसर में बढ़ोत्तरी
होगी ।
उन्होंने कहा था कि सड़कों की तेज रफ्तार से किसानों और उद्यमियों को अपने उत्पाद
प्रदेश व देश की राजधानी तक शीघ्रता से पहुंचाने में आसानी होगी ।
इससे सभी लाभान्वित होंगे ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री ने
एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए
किसानों द्वारा दिये जा रहे सहयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा था कि समाजवादी पूर्वांचल
एक्सप्रेस-वे के लिए 40 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी
है। उन्होंने लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के सामान उम्मीद व्यक्त की थी कि इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण भी बेहद कम
समय में होगा। उन्होंने तब कहा था कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों द्वारा
किया गया सहयोग पूरे देश के लिए एक उदाहरण है, जिसमें बगैर किसी विवाद
के किसानों की सहमति से बेहद कम समय में जमीन अधिग्रहीत करने में कामयाबी मिली ।
विकास करने को प्रतिबद्ध समाजवादी सरकार ने घोषणा-पत्र में किये गये अपने
सभी वायदों को पूरा किया था । साथ ही, ऐसी योजनाएं भी चलायी थी, जो समाजवादी पार्टी के घोषणा-पत्र में भी नहीं थीं। लखनऊ का लोक
भवन और मेट्रो रेल परियोजना घोषणा-पत्र में न होने के बावजूद रिकार्ड
टाइम में पूरी की गयीं थी। समाजवादी सरकार ने जिला मुख्यालयों को 4-लेन के माध्यम से जोड़ने
का शानदार काम किया था और देश में सबसे ज्यादा 4-लेन सड़कें बनाने का
शानदार काम समाजवादी सरकार ने किया था । इसके साथ ही आधुनिक विकास के पर्याय श्री
अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार ने डिजिटल क्रान्ति की दिशा में तेजी से काम किया
था। आधुनिक शिक्षा के लिए युवा और युवतियों को 18 लाख से अधिक निःशुल्क
लैपटाप वितरित किए थे ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव ने समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे जैसी शानदार और भविष्य की परियोजना
का फैसला लिया था । ऐसी परियोजनाओं के लिए हिम्मत और विश्वास की जरूरत होती है।
लगभग 353 किलोमीटर लम्बी और लगभग 22,000 करोड़ रुपये की लागत की यह
एक महत्वपूर्ण परियोजना थी,
समाजवादी पूर्वांचल
एक्सप्रेस-वे लखनऊ जनपद के ग्राम
चांद सराय के निकट प्रारम्भ होकर जनपद बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैज़ाबाद, अम्बेडकर नगर, आज़मगढ़ एवं मऊ होते हुए
गाजीपुर-बलिया राजमार्ग पर जनपद
गाज़ीपुर के हैदरिया ग्राम के निकट समाप्त होन था । इसके निर्मित होने
से प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र राजधानी दिल्ली से एक तेज रफ्तार कारिडोर से जुड़ जाता
। दिल्ली तक मात्र 10-11
घण्टे में पहुंचा जा सकेगा । लखनऊ से गाज़ीपुर की दूरी मात्र 4 घण्टे में तय की जा सकती है
। यात्रा के समय और वाहनों के ईंधन की खपत में बचत होती । प्रदूषण नियंत्रण में
मदद मिलती । वाराणसी को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए 12.45 किमी लम्बाई की एक लिंक रोड भी
परियोजना के लिए प्रस्तावित थी ।
समाजवादी पूर्वांचल
एक्सप्रेस-वे को 8 पैकेजों में बांटकर ईपीसी पद्धति पर बनाया जाना था ।
यह 6-लेन चौड़ा और जिसे भविष्य
में इसे 8-लेन करने की क्षमता का
बनाया जाना था । इसमें सभी संरचनाएं 8-लेन चौड़ी रखने की योजना बनाई गयी थी ।
इस समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को क्रास करने वाले
राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यमार्गों एवं अन्य मुख्यमार्गों
से एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश और निकासी
के कुल 23 फ्लाई ओवर तथा इण्टरचेन्ज
बनाये जाने की शानदार परियोजना थी। इनके अलावा, 8 बड़े पुल, 8 आरओबी, 117 छोटे पुल बनाये जाने थे।
आपातकालीन आपरेशन की स्थिति में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू
विमानों के लिए एयरस्ट्रिप का निर्माण कार्य आज़मगढ़ के निकट किया जाना था । पर्यावरण
के संरक्षण और सम्रद्धिकरण के लिए समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ ग्रीन
बेल्ट विकसित करने की योजना थी । इसके लिए 3 लाख 65 हजार पौधे रोपित होने थे, साथ ही वाटर टेबल रिचार्ज के लिए
रेन वाटर हारवेस्टिंग की व्यवस्था की गयी थी ।
समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
दूरस्थ पूर्वी क्षेत्रों के विकास के लिए, राज्य सरकार ने राजधानी (लखनऊ) से एक और
एक्सप्रेसवे बनाने की परियोजना तैयार की है जो आजमगढ़ से होते हुए पूर्वी
क्षेत्रों से जुड़ा होगा । इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ ही प्रदेश के पूर्वी
क्षेत्र न सिर्फ प्रदेश के अन्य शहरों से जुड़ जाएंगे बल्कि अन्य एक्सप्रेसवे के
माध्यम से देश की राजधानी से भी जुड़ जाएंगे । विजनरी मुख्यमंत्री श्री आखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को 8-लेन (प्रत्येक दिशा में 4-लेन) बनाया जा रहा था । जिसे बीजेपी सरकार
ने 6 लाइन का कर दिया है एक्सप्रेसवे गाजीपुर शहर को राज्य की राजधानी लखनऊ को आजमगढ़ और अयोध्या के माध्यम से जोड़ेगा । इसे उत्तर
प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जा रहा है ।
यह लगभग 340 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे
होगा और लखनऊ को गाजीपुर से जोड़कर 09 जिलों से होकर गुजरेगा जिनमे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमढ़, मऊ और गाजीपुर में समाप्त हो जाएगा ।
एक्सप्रेसवे को वाराणसी - गोरखपुर राजमार्ग के साथ एक अलग लिंक सड़क के माध्यम
से जोड़ा जाना है
पूर्वांचल
एक्सप्रेस-वे का सब कुछ समाजवादियों का, जनता को योगी सरकार ने दिया धोखा: अखिलेश यादव
समाजवादियों के काम को अपना बताकर सरकार जनता
को धोखा दे रही है। साथ ही अखिलेश ने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर उन्हें अपशब्द
कहे जा रहे हैं लेकिन शिकायत के बावजूद योगी सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे की मिसाल देते हुए अखिलेश ने कहा, 'सबसे कम समय में समाजवादी सरकार ने यह एक्सप्रेस-वे बनाया । देश की सबसे बेहतरीन
सड़क मानी गई है । आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसा देश में कहीं एक्सप्रेस-वे नहीं बना होगा। जो एक बार इस सड़क पर चलेगा वह कहेगा कि
हां हम समाजवादी सरकार और समाजवादी पार्टी को
वोट देंगे ।'
'हमारा
प्लान था पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे'
अखिलेश
ने आगे कहा, 'जिस समय उद्घाटन हो रहा था। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) थे, आजम खां साहब थे। एयर फोर्स के लड़ाकू विमान
उतरे। दूसरी बार जब एक्सरसाइज हुई, तो उस सरकार (योगी सरकार) के लोगों की हिम्मत नहीं हुई कि उसे देखें
। हम चाहते थे कि एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल तक पहुंचे। समाजवादी पूर्वांचल
एक्सप्रेस-वे के बारे में मैं अपनी बात रखना चाहता हूं।
समाजवादियों ने पूरा अलाइनमेंट तय किया कि पूर्वांचल खुशहाली के रास्ते पर उतरे।
हम उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस-वे के जरिए एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचाना
चाहते थे। लखनऊ में पांच घंटे में प्रदेश के किसी कोने से पहुंच जाएं ऐसी व्यवस्था
होनी चाहिए।'
'20 किमी पर हाथ से छूट जाएगा गिलास'
योगी
सरकार पर निशाना साधते हुए एसपी अध्यक्ष ने कहा, 'एक्सप्रेस-वे के बारे में जाने क्या-क्या ज्ञान दे रहे हैं। जनता को कितना धोखा देंगे। अखबार
में ऐड देखा मैंने। ऐड दे दिया कि 341 किलोमीटर बना रहे हैं। नाम से समाजवादी हटा दिया केवल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कर दिया। हम दावा करते थे कि अगर 120 की रफ्तार से चलोगे और आप गिलास में पानी लेकर
बैठोगे तो पानी छलकेगा नहीं। इनके एक्सप्रेस-वे पर अगर अप 20 किमी चलोगे, तो हो सकता है कि गिलास आपके हाथ से छूट जाए ।
'90 फीसदी जमीन समाजवादी सरकार ने ली थी'
श्री अखिलेश ने कहा, था 'बीजेपी के लोग दावा कर रहे थे गोरखपुर जोड़
देंगे अयोध्या जोड़ देंगे । जो 341 किलोमीटर बता रहे हैं,
2 किमी
की हेरा-फेरी यहीं कर ली। बहुत सस्ता बन रहा है । समाजवादी लोगों ने
किसानों से जमीन लेने से पहले समझा । कोई जिला बता दीजिए
जहां समाजवादी सरकार ने जमीन न ली हो । 90 फीसदी जमीन समाजवादी सरकार के समय में ली गई थी । केंद्र सरकार ने इजाजत देने में
देरी कर दी थी ।'
'8 से 6 लेन कर जनता को धोखा'
एसपी सुप्रीमो ने कहा, 'मेट्रो को चलाने में सेफ्टी और सिक्यॉरिटी का एनओसी (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) चाहिए था, नहीं मिला । जो समाजवादी सरकार बनाना चाहती थी वह छह लेन से 8 लेन तक का एक्सप्रेस-वे बनाना चाहती थी । यह तो छह लेन का हो गया । कल को सड़क चौड़ी करना चाहेंगे तो कैसे होगी । आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में कभी भी यह हो सकता है । सर्विस लेन है ही नहीं । इसमें रोशनी ही नहीं है। कमाल के बीजेपी के लोग हैं। खर्च कम दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। पीडब्ल्यूडी के मापदंड को ताक पर रख दिया । ये लोग सस्ता बनाने के चक्कर में कुछ भी कर सकते हैं, जनता को धोखा दे सकते हैं ।'
'शिलान्यास का शिलान्यास, उद्घाटन का उद्घाटन'
श्री अखिलेश ने सीएम योगी पर हमला करते हुए कहा, 'आज एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास हो रहा है, तो हमसे बड़ा खुशी कौन होगा। समाजवादियों से ज्यादा खुश कौन होगा। डबल इंजन की सरकार शिलान्यास का शिलान्यास करती है, उद्घाटन का उद्घाटन करती है। दूसरे की चीज अपना लें और चेहरे पर शिकन दिखाई न दे। हमारी सड़क पर उद्घाटन करना पड़ रहा है। अपनी मेट्रो बनाए होते गोरखपुर में, वाराणसी में।'
यूपी के पूर्व सीएम ने कहा, 'हमारे चौधरी साहब (राजेंद्र चौधरी) के प्लान का शिलान्यास कौन कर रहा है । प्रधानमंत्री । नहीं मानते तो तस्वीर देखिए । हमने हमेशा कहा कि यह एक्सप्रेस-वे किसानों की खुशहाली के लिए बना रहे हैं । प्रधानमंत्रीजी आम की तारीफ कर रहे थे । मलिहाबाद में आम की मंडी बन रही थी, उसे मुख्यमंत्री ने रोक दिया ।'
'आज भी हमारा काम बोल रहा है'
उन्होंने आगे कहा था , 'एक्सप्रेस-वे पर मंडी बननी चाहिए। कन्नौज और मैनपुरी में मंडी बन रही थी काम रोक दिया। मंडियां हम बना रहे थे। नोएडा में मंडी बन रही थी। जो समाजवादियों का काम था वह आगे बढ़ाया कि नहीं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे इनका नहीं है। मैंने तब भी बोला था कि काम बोलता है और आज सरकार में नहीं हैं, तो भी कहते हैं कि काम बोल रहा है।'
श्री अखिलेश ने कहा, 'इतना बड़ा धोखा कोई नहीं दे सकता। इनके पास कोई काम नहीं है बीजेपी वालों के पास। शिलान्यास का शिलान्यास, उद्घाटन का उद्घाटन कोई काम नहीं है इनके पास। सही मायनों में हिसाब-किताब लगाएंगे तो तीन साल के अंदर लोन पर 9 प्रतिशत ब्याज देना पड़ेगा। लाइट लगानी पड़ेगी। सारी चीजों को आप जोड़ दोगे, तो यह आपको ज्यादा महंगा पड़ रहा है।
पूर्वांन्चल
एक्सप्रेसवे परियोजना
- प्रारम्भ
बिन्दुः- लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एन.एच.-56) पर स्थित ग्राम चाँदसराय,
जनपद
लखनऊ।
- अन्तिम
बिन्दुः-यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी. पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग सं.-19 पर स्थित ग्राम हैदरिया, जनपद गाजीपुर, कुल 340.824 किमी॰।
- पूर्णतः
प्रवेश नियंत्रित 06 लेन एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई-340.824 किमी.।
- परियोजना
लागत- रू.
22,494.66 करोड़ (भूमि लागत सहित)।
- एक्सप्रेसवे
पर पडने वाले अन्य जनपदः 1-लखनऊ, 2-बाराबंकी, 3-अमेठी, 4-सुलतानपुर, 5-अयोध्या, 6-अम्बेडकरनगर, 7-आजमगढ, 8-मऊ, 9-गाजीपुर।
- परियोजना
क्रियान्वयन हेतु परियोजना को 08 पैकेजों में विभक्त किया गया है।
- समस्त
पैकेजों पर परियोजना विकासकर्ताओं के अक्टूबर,
2018 से
अनुबंध गठित है। परियोजना को 36 माह में पूर्ण किया जाना है,
जिसकी
तिथि अक्टूबर, 2021 है। निर्माण कार्य प्रगति में है,
दिनांक- 22.09.2020 तक भौतिक प्रगति 57.27
प्रतिशत
है
समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के फायदे
समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ ही प्रदेश के पूर्वी
शहर प्रदेश की राजधानी के साथ-साथ अन्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की
राजधानी से भी जुड़ जाएंगे, जिससे पूर्वांचल के शहरों से ट्रांसपोर्ट में
काफी हद तक सुविधा मिल सकेगी । यह एक्सप्रेसवे
वर्तमान के 'आगरा से लखनऊ एक्सप्रेसवे' और मौजूदा 'यमुना एक्सप्रेसवे' से भी जुड़ जाएगा ।
एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे होने के कारण, यह ईंधन बचत, समय बचत और प्रदूषण नियंत्रण में मदद करेगा
और साथ ही इससे दुर्घटनाएं होने के आसार भी कम हो जाएंगे ।
इस एक्सप्रेसवे द्वारा आच्छादित क्षेत्रों को
सामाजिक और आर्थिक रूप से विकसित होने में भी मदद मिलेगी । इसके साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और अन्य औद्योगिक विकास को भी काफी
प्रोत्साहन मिलेगा ।
एक्सप्रेसवे के नजदीकी क्षेत्रों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, नए शहर और विभिन्न वाणिज्यिक केंद्रों को स्थापित किया जा
सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कई क्षेत्रों में रोजगार
के अवसर और बढ़ जाएंगे। इसके अतिरिक्त प्रदेश के आर्थिक/सामाजिक विकास को भी काफी हद तक प्रोत्साहन
मिलेगा । क्षेत्र के कृषि, वाणिज्यिक, पर्यटन और औद्योगिक विकास में एक्सप्रेसवे का
निर्माण मील का पत्थर साबित होगा ।
प्रस्तावित पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, मौजूदा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ जाने के फलस्वरूप
यह एक्सप्रेसवे पूर्वांचली शहरो के आद्यौगिक विकास का प्रवेश द्वार साबित होगा, जिससे पश्चिमी शहरों से ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी में काफी
मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप परियोजना से जुड़े शहरों
का सर्वागींण विकास होगा ।
पूर्वांन्चल एक्सप्रेसवे परियोजना का विवरण -
- प्रारम्भ बिन्दुः- लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एन.एच.-56) पर स्थित ग्राम चाँदसराय,
जनपद
लखनऊ ।
- अन्तिम बिन्दुः-यूपी-बिहार सीमा से 18 कि.मी. पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग सं.-19 पर स्थित ग्राम हैदरिया, जनपद गाजीपुर, कुल 340.824 कि.मी. ।
- पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित 06
लेन
एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई-340.824 किमी.।
- परियोजना लागत- रू.
22,494.66 करोड़ (भूमि लागत सहित)।
- एक्सप्रेसवे पर पडने वाले अन्य जनपदः 1-लखनऊ, 2-बाराबंकी, 3-अमेठी, 4-सुलतानपुर, 5-अयोध्या, 6-अम्बेडकरनगर, 7-आजमगढ, 8-मऊ, 9-गाजीपुर ।
- परियोजना क्रियान्वयन हेतु परियोजना को 08
पैकेजों
में विभक्त किया गया है ।
- समस्त पैकेजों पर परियोजना विकासकर्ताओं के अक्टूबर, 2018 से अनुबंध गठित है। परियोजना को 36 माह में पूर्ण किया जाना है, जिसकी तिथि अक्टूबर, 2021 है। निर्माण कार्य प्रगति में है, दिनांक- 22.09.2020
तक भौतिक प्रगति 57.27
प्रतिशत है ।