डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव ने कहा है कि डा. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में
कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र की स्थापना से विकलांग जन के पुनर्वासन में मदद
मिलेगी और उनकी कार्य क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होगी। उन्होंने जयपुर की भगवान
महावीर विकलांग सहायता समिति की सराहना करते हुए कहा कि विकलांग जन को आत्मनिर्भर
बनाना बेहद नेक कार्य है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास
केन्द्र को राज्य सरकार हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां डा. शकुन्तला मिश्रा
राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र के
लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। यह केन्द्र भगवान महावीर विकलांग
सहायता समिति (जयपुर फुट) के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस मौके पर
मुख्यमंत्री ने आॅनलाइन पंजीकरण हेतु वेब पोर्टल का शुभारम्भ भी किया। इस सुविधा
से विकलांग जन पहले से पंजीकरण कराकर तयशुदा तारीख पर कृत्रिम अंग प्राप्त कर
सकेंगे।
मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विश्वविद्यालय
के कुलपति प्रो0 निशीथ राय तथा समिति के संस्थापक श्री
देवेन्द्र राज मेहता ने पुनर्वास केन्द्र सम्बन्धी एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर कर दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी
किया। श्री यादव ने केन्द्र की कार्यशाला का अवलोकन किया तथा 22 विकलांग जन को कृत्रिम अंग जयपुर फुट भी प्रदान किए। उन्होंने दृष्टि
सामाजिक संस्थान की 06 वर्षीय बालिका को कृत्रिम अंग भी
लगाए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बलिया के विकलांग जन श्री मिथलेश कुमार को 10
लाख 50 हजार रुपए की सहायता राशि का चेक भी
प्रदान किया।
श्री यादव ने कहा
कि राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि लखनऊ सहित प्रदेश के तमाम बड़े शहरों में
विशेष शिविर आयोजित कराकर, कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केन्द्र
के उपकरण विकलांगजन को उपलब्ध कराए जाएं। ग्रामीण इलाकों में भी इसी प्रकार कार्य
किया जाएगा । उन्होंने कहा कि पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से निःशुल्क कृत्रिम अंग
की उपलब्धता से गरीबों को काफी राहत मिलेगी । विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग विंग
की स्थापना के सम्बन्ध में उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार इसका परीक्षण
कराकर आवश्यक निर्णय लेगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकलांग जन के
उत्थान में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखकर राज्य सरकार इस
विश्वविद्यालय को हर तरह का सहयोग और सहायता दे रही है। यह विश्वविद्यालय निशक्त
जन की जरूरतों को ध्यान में रखकर अनुकूल वातावरण में उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान कर
रहा है। उन्होंने पुनर्वास केन्द्र की स्थापना के लिए विभागीय मंत्री श्री अम्बिका
चैधरी एवं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 निशीथ राय द्वारा
किए गए नियमित अनुश्रवण की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यालय के विशेष सचिव
श्री रिग्जियान सैम्फिल ने इस केन्द्र की स्थापना का सुझाव दिया था ।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार के
प्रयासों से प्रदेश के बारे में लोगों के नजरिये में बदलाव आया है । बेहतर छवि
बनने के कारण निवेशकों द्वारा प्रदेश में उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं । भगवान
महावीर विकलांग सहायता समिति द्वारा पुनर्वास केन्द्र की स्थापना का फैसला भी
राज्य के सम्बन्ध में दृष्टिकोण में हुए परिवर्तन का नवीनतम उदाहरण है । विकलांग
जन को आत्मनिर्भर बनाने में समिति के संस्थापक श्री देवेन्द्र राज मेहता के योगदान
की भरपूर सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रयासों से श्री मेहता की पूरी
दुनिया में एक खास पहचान बनी है ।
विकलांग जन विकास विभाग के मंत्री श्री
अम्बिका चैधरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में पढ़ने
वाले निशक्त विद्यार्थियों की फीस को माफ करने के साथ-साथ उन्हें निःशुल्क भोजन
एवं हाॅस्टल की सुविधा प्रदान करने का अभूतपूर्व कार्य किया। सरकार का प्रयास है
कि यह विश्वविद्यालय अपनी खास पहचान बनाए। निशक्त जन को बाधारहित माहौल उपलब्ध
कराने के लिए विश्वविद्यालय को राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया है।
भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के
संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक
श्री देवेन्द्र
राज मेहता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से इस
केन्द्र की स्थापना सम्भव हो पाई है। अपने 41 साल के
प्रशासनिक अनुभव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि श्री अखिलेश यादव जैसा विनम्र
और संवेदनशील मुख्यमंत्री उन्होंने नहीं देखा है। उन्होंने कहा कि एमओयू के तहत
विकलांग जन को निःशुल्क उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा, समिति केन्द्र के संचालन के लिए स्थानीय कार्मिकों को प्रशिक्षित भी
करेगी।
विश्वविद्यालय के
कुलपति प्रो0 निशीथ राय ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा
विश्वविद्यालय को हर सम्भव मदद दी जा रही है। संस्थान में 07 संकाय तथा उनके विभाग स्वीकृत हैं। पुनर्वास केन्द्र में कार्यशाला सहित
शोध अध्ययन तथा क्लीनिकल हेल्प की सुविधा उपलब्ध होगी। केन्द्र के माध्यम से
निशक्त जन को ‘जयपुर फुट’ के नाम से
लोकप्रिय कृत्रिम अंग निःशुल्क प्राप्त होंगे और उन्हें इसके लिए जयपुर नहीं जाना
पड़ेगा ।