बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को
समाजवादी अनुदान राशि!
कृषि और किसान हितेषी उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के
नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार ने कुल 2,447 करोड़ रुपए की धनराशि
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत दिए जाने के लिए स्वीकृत की थी ।
करीब 46 लाख 78 हजार 474 किसानों को यह राशि वितरित की गयी थी । बेमौसम बारिश एवं
ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को सहायता राशि त्वरित और पारदर्शी ढंग से वितरित की
गयी थी । प्रदेश में ओलावृष्टि से किसानों को बहुत क्षति हुई थी, जिसका आंकलन करके
यह अनुदान राशि प्रभावित कृषकों को दी थी । तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव
ने कहा था है कि बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों के लिए किए जा रहे राहत कार्यों
में तेजी लाई जाए । मुख्यमंत्री ने कहा है कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की
शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने राहत कार्यों में पूरी
पारदर्शिता व सावधानी बरते जाने के निर्देश देते हुए कहा था कि जिलाधिकारी इन कार्यों को पूरी जिम्मेदारी और
शीघ्रता के साथ अपने पर्यवेक्षण में सुनिश्चित कराएं ।
73 जनपदों
में बोई गई 127.34 लाख हेक्टेयर कृषि फसल में ओलावृष्टि/ अतिवृष्टि से 89.46 लाख
हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई थी । प्रभावित कृषि फसल में 58.92 लाख हेक्टेयर में 33
प्रतिशत या इससे अधिक की क्षति हुई है । रबी फसल की व्यापक क्षति तथा किसानों को
तत्काल राहत वितरण हेतु राज्य सरकार ने प्रदेश में ओलावृष्टि/अतिवृष्टि के सापेक्ष
किसानों को अनुदान वितरण किया गया ।
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि
से प्रभावित जनपदों में कृषि क्षति, शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि के वितरण, क्षति के सापेक्ष और धनराशि की व्यवस्था किए जाने तथा कृषि फसल बीमा योजना
लागू किए जाने की स्थिति के साथ-साथ भारत सरकार से इसके सम्बन्ध में अद्यतन प्रगति
के बारे में भी निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है।
जनपद
बलरामपुर एवं बिजनौर को छोड़कर प्रदेश के 73 जनपदों द्वारा ओलावृष्टि मेमोरेण्डम
हेतु कृषि क्षति एवं जन-धन हानि की सूचना के आधार पर 75 अरब 43 करोड़ 14 लाख रुपए
का संशोधित मेमोरेण्डम भारत सरकार को भेजकर क्षति के सापेक्ष धनराशि स्वीकृत किए
जाने का अनुरोध किया गया है। इसके पूर्व केंद्र सरकार से किसानों की राहत के लिए
1000 करोड़ रुपए की धनराशि अग्रिम रूप से स्वीकृत किए जाने के लिए भी अनुरोध किया गया
था । प्रदेश के 73 जनपदों में बोई गई 127.34 लाख हेक्टेयर कृषि फसल में
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से 89.46 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई थी । प्रभावित कृषि
फसल में 58.92 लाख हेक्टेयर में 33 प्रतिशत या इससे अधिक की क्षति हुई थी ।
मुख्यमंत्री
के निर्देशों के क्रम में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की
सहायता के लिए 2447 करोड़ रु0 स्वीकृत किये गए थे. उत्तर प्रदेश के तत्कालीन
समाजवादी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के क्रम में समाजवादी सरकार
द्वारा कुल 2,447 करोड़ रुपए की धनराशि ओलावृष्टि/ अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों
को राहत दिए जाने के लिए स्वीकृत की थी । बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से प्रभावित
किसानों को सहायता राशि त्वरित और पारदर्शी ढंग से वितरित किए जाने के भी निर्देश भी
दिए थे । प्रदेश में ओलावृष्टि से किसानों को हुई क्षति और वितरित की जा रही
सहायता का निरन्तर अनुश्रवण किया गया ।
किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि सम्बन्धी दैवीय आपदा के मद्देनजर री-शिड्यूल कराया गया-
समाजवादी
सरकार ने आपदा से पीड़ित किसानों के मुख्य देयों की वसूली स्थगित करने व
उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न किए जाने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए थे । साथ
ही यह निर्देश भी था कि दैवीय आपदा से हुई जनहानि की जांच एस.डी.एम. स्तर के नीचे
के अधिकारी द्वारा नहीं की जाएगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के
निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार द्वारा ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित
किसानों को लोन के भुगतान से छूट देने क लिए मुख्य सचिव ने समस्त बैंकों के
प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को ओलावृष्टि/अतिवृष्टि
सम्बन्धी दैवीय आपदा के मद्देनजर री-शिड्यूल किए जाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश
दिए थे ।
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि
प्रभावित जनपदों के भ्रमण के बाद केन्द्रीय दल के द्वारा अवगत कराया गया कि कृषि
की अत्यधिक क्षति हुई है। भारत सरकार के नए मानक तथा दरों के आधार पर सर्वे कर
मेमोरेण्डम प्रेषित किए जाने का अनुरोध मुख्य सचिव से किया गया । इस दल के द्वारा
स्थलीय भ्रमण के समय राज्य सरकार द्वारा कृषकों को तात्कालिक सहायता के रूप में
वितरित किए जा रहे कृषि निवेश अनुदान से सम्बन्ध में भी किसानों से मुलाकात कर
फीडबैक प्राप्त किया गया। केन्द्रीय दल के सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा
तात्कालिक रूप से वितरित की जा रही सहायता और इस सम्बन्ध में त्वरित रूप से की गई
कार्यवाही की सराहना भी की।
भारत
सरकार द्वारा निर्धारित किए गए पूर्व मानक दर (50 प्रतिशत से अधिक) के अनुसार
प्रदेश के 44 जनपदों में लगभग 1100 करोड़ रुपए की क्षति हुई है। भारत सरकार के
नवीनतम आदेश में कृषि फसलों की क्षति के मानक (33 प्रतिशत क्षति) एवं दरों में
संशोधन किया गया है। इसके अनुसार कृषि फसलों को हुई क्षति का विवरण जनपदों से
प्राप्त किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा किए गए मानक एवं दरों में संशोधन के
अनुरूप कार्यवाही कर सम्बन्धित सूचना उपलब्ध कराए जाने के निर्देश सभी मण्डलायुक्त
एवं जिलाधिकारियों को दिए गए हैं। निर्धारित नवीनतम मानक/दरों के अनुसार कृषि फसलों
की क्षति लगभग 2500 करोड़ रुपए से अधिक की अनुमानित है।
भारत सरकार के नवीनतम मानक के अनुसार 33 प्रतिशत या
इससे अधिक क्षति के आधार पर 44 जनपदों के अतिरिक्त 20 अन्य जनपदों में क्षति की
सूचना प्राप्त हुई थी । इस प्रकार प्रभावित जनपदों की संख्या 64 हो गई । राज्य
सरकार द्वारा अतिवृष्टि को उत्तर प्रदेश में आपदा घोषित किए जाने का निर्णय लिया गया
। पूर्व में निर्धारित मानक के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक कृषि क्षति 44
जनपदों-महोबा, हमीरपुर,
चित्रकूट, जालौन, पीलीभीत,
बांदा, कन्नौज, मिर्जापुर,
इलाहाबाद, सहारनपुर, बदायूं,
आजमगढ़, सोनभद्र, उन्नाव,
आगरा, कानपुर नगर, अमेठी,
इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद,
झांसी, ललितपुर, औरैया,
मुजफ्फरनगर, लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, मुरादाबाद,
कानपुर देहात, रामपुर, फर्रूखाबाद,
बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा,
कुशीनगर, एटा, बुलन्दशहर,
बलिया, गोरखपुर, सम्भल,
हापुड़, गौतमबुद्धनगर, हाथरस
एवं शामली में हुई थी । जबकि 33 प्रतिशत
या इससे अधिक क्षति के आधार पर इन 44 जनपदों के अतिरिक्त 20 अन्य जनपदों-मैनपुरी,
अलीगढ़, कासगंज, कौशाम्बी,
बहराइच, बाराबंकी, सुलतानपुर,
बागपत, लखनऊ, अमरोहा,
गाजीपुर, गाजियाबाद, रायबरेली,
जौनपुर, वाराणसी, भदोही,
अम्बेडकर नगर, मऊ, मेरठ
तथा हरदोई में क्षति हुई थी ।
सभी
जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए कि ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को
राहत प्रदान किए जाने की कार्यवाही करें तथा वितरण में पूर्ण पारदर्शिता व सावधानी
बरती जाए । यदि किसानों को राहत वितरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता
पाई जाएगी, तो
सम्बन्धित अधिकारी/ कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे ।
जिलाधिकारियों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया गया था कि कृषि क्षति के सापेक्ष
प्रत्येक किसान को न्यूनतम 1,500 रुपए की धनराशि अवश्य प्रदान की जाए । प्रभावित
किसानों के मुख्य देयों की वसूली स्थगित करने तथा उत्पीड़नात्मक कार्रवाई न किए
जाने के भी निर्देश दिए गए थे ।
नवीनतम मानक के अनुसार 33 प्रतिशत या इससे
अधिक क्षति के आधार पर प्रदेश के प्रभावित जनपदों की संख्या 58-
भारत
सरकार के नवीनतम मानक के अनुसार 33 प्रतिशत या इससे अधिक क्षति के आधार पर 44
जनपदों के अतिरिक्त 14 अन्य जनपदों में क्षति की सूचना बाद में प्राप्त हुई थी ।
इस प्रकार प्रभावित जनपदों की संख्या 58 हो गई है। राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि
को उत्तर प्रदेश में आपदा घोषित किए जाने का निर्णय लिया गया था ।
निर्धारित
मानक के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक कृषि क्षति 44 जनपदों-महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट,
जालौन, पीलीभीत, बांदा,
कन्नौज, मिर्जापुर, इलाहाबाद,
सहारनपुर, बदायूं, आजमगढ़,
सोनभद्र, उन्नाव, आगरा,
कानपुर नगर, अमेठी, इटावा,
फतेहपुर, फिरोजाबाद, झांसी,
ललितपुर, औरैया, मुजफ्फरनगर,
लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, मुरादाबाद, कानपुर
देहात, रामपुर, फर्रूखाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा,
कुशीनगर, एटा, बुलन्दशहर,
बलिया, गोरखपुर, सम्भल,
हापुड़, गौतमबुद्धनगर, हाथरस
एवं शामली में हुई है। इसी प्रकार 33 प्रतिशत या इससे अधिक क्षति के आधार पर इन 44
जनपदों के अतिरिक्त 15 अन्य जनपदों-मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, कौशाम्बी, बहराइच,
बाराबंकी, सुलतानपुर, बागपत,
लखनऊ, अमरोहा, गाजीपुर,
गाजियाबाद, रायबरेली तथा हरदोई में क्षति हुई
है।
किसानों
द्वारा लिए गए कर्ज को इस आपदा के दृष्टिगत री-शिड्यूल किए जाने के समस्त बैंकों
के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए थे।
इस आपदा से उत्तर प्रदेश के 67 जनपदों में बोई गई
140.21 लाख हेक्टेयर कृषि फसल में ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से 95.173 लाख हेक्टेयर फसल
प्रभावित हुई है। प्रभावित कृषि फसल में से 54.358 लाख हेक्टेयर कृषि फसल में 33
प्रतिशत या इससे अधिक की क्षति हुई है। प्रभावित फसलों में मुख्य रूप से गेहूं, चना, सरसों,
मटर, मसूर, आलू तथा अन्य
फसलें शामिल हैं। सर्वाधिक गेहूं की फसल 41.37 लाख हेक्टेयर प्रभावित हुई है।
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि
से प्रभावित कृषकों के लोन री-शिड्यूल्ड तथा फसल बीमा योजना के भुगतान हेतु आवश्यक
कार्यवाही किए जाने के निर्देश बैंकों को दिए जाने हेतु समस्त जनपदों की सूची
महानिदेशक संस्थागत वित्त को उपलब्ध करा दी गई थी ।
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रभावित कृषि
क्षति वाले 67 जनपद -महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, जालौन,
पीलीभीत, बांदा, कन्नौज,
मिर्जापुर, इलाहाबाद, सहारनपुर,
बदायूं, आजमगढ़, सोनभद्र,
उन्नाव, आगरा, कानपुर
नगर, अमेठी, इटावा, फतेहपुर, फिरोजाबाद, झांसी,
ललितपुर, औरैया, मुजफ्फरनगर,
लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, फैजाबाद, मुरादाबाद, कानपुर
देहात, रामपुर, फर्रूखाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, मथुरा,
कुशीनगर, एटा, बुलन्दशहर,
बलिया, गोरखपुर, सम्भल,
हापुड़, गौतमबुद्धनगर, हाथरस,
शामली, मैनपुरी, अलीगढ़,
कासगंज, कौशाम्बी, बहराइच,
बाराबंकी, सुलतानपुर, बागपत,
लखनऊ, गाजीपुर, गाजियाबाद,
रायबरेली, जौनपुर, वाराणसी,
अमरोहा, भदोही, अम्बेडकरनगर,
मऊ, मेरठ, सीतापुर,
देवरिया, चन्दौली तथा हरदोई ।
आपदाग्रस्त किसानों को 2200 रु. प्रति हेक्टेयर की दर से
धनराशि का वितरण-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव
द्वारा वर्ष 2015
में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि से समस्याग्रस्त 52
जनपदों के लिए 1699.72 करोड़ रुपए की धनराशि
शासन द्वारा स्वीकृति की गई थी । भारत सरकार से धनराशि प्राप्त न होने के कारण
सम्पूर्ण धनराशि किसानों का दिया जाना सम्भव नहीं था । इसलिए पहले मात्र अवशेष लघु
एवं सीमान्त कृषकों को ही कृषि निवेश अनुदान हेतु धनराशि स्वीकृत किया जा रहा था ।
वर्तमान में देयता के अनुसार धनराशि उपलब्ध नहीं है इसलिए सिंचित/असिंचित में भिन्नता न करते हुए दोनों ही
परिस्थितियों में 2200 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से धनराशि
वितरण किये जाने का निर्णय लिया गया । इससे लगभग 84 लाख
परिवार लाभान्वित हुए । 52 जनपदों के लिए जो धनराशि स्वीकृत
की गई है।
स्वीकृति की गई धनराशि
जनपद फिरोजाबाद 25.44 करोड़ रुपए,
जनपद मथुरा 6.65 करोड़ रुपए,
जनपद अलीगढ़ 2.80 करोड़ रुपए,
जनपद एटा 5.68 करोड़ रुपए,
जनपद हाथरस 23.99 करोड़ रुपए,
जनपद कासगंज 1.87 करोड़ रुपए,
जनपद इलाहाबाद 88.62 करोड़ रुपए,
जनपद फतेहपुर 49.71 करोड़ रुपए,
जनपद कौशाम्बी 33.97 करोड़ रुपए,
जनपद प्रतापगढ़ 37.35 करोड़ रुपए,
जनपद आजमगढ़ 18.26 करोड़ रुपए,
जनपद बलिया 34.49 करोड़ रुपए,
जनपद बरेली 11.78 करोड़ रुपए,
जनपद शाहजहांपुर 45.56 करोड़ रुपए,
जनपद जनपद चित्रकूट 9.86 करोड़ रुपए,
जनपद हमीरपुर 6.14 करोड़ रुपए,
जनपद बाराबंकी 41.88 करोड़ रुपए,
जनपद अम्बेडकर नगर 0.56 करोड़ रुपए,
जनपद सुल्तानपुर 9.59 करोड़ रुपए,
जनपद अमेठी 20.10 करोड़ रुपए,
जनपद गोरखपुर 10.33 करोड़ रुपए,
जनपद कुशीनगर 39.42 करोड़ रुपए,
जनपद झांसी 21.77 करोड़ रुपए,
जालौन 0.95 करोड़ रुपए,
जनपद ललितपुर के लिए 27.84 करोड़ रुपए
जनपद कानपुर नगर 50.79 करोड़ रुपए,
जनपद कानपुर देहात 48.02 करोड़ रुपए,
जनपद लखनऊ 60.67 करोड़ रुपए,
जनपद हरदोई 46.05 करोड़ रुपए,
जनपद लखीमपुर 16.09 करोड़ रुपए,
जनपद रायबरेली 100.54 करोड़ रुपए,
जनपद सीतापुर 32.06 करोड़ रुपए,
जनपद उन्नाव 5.90 करोड़ रुपए,
जनपद बुलन्दशहर 36.65 करोड़ रुपए,
जनपद गौतमबुद्ध नगर 16.79 करोड़ रुपए,
जनपद हापुड़ 10.49 करोड़ रुपए,
जनपद बागपत 0.27 करोड़ रुपए,
जनपद मिर्जापुर 39.60 करोड़ रुपए,
जनपद भदोही 15.40 करोड़ रुपए,
जनपद मुरादाबाद 57.43 करोड़ रुपए,
जनपद अमरोहा 25.24 करोड़ रुपए,
जनपद रामपुर 20.06 करोड़ रुपए,
जनपद सहारनपुर 1.31 करोड़ रुपए,
जनपद मुजफ्फरनगर 2.25 करोड़ रुपए,
जनपद वाराणसी 39.06 करोड़ रुपए,
जनपद गाजीपुर 81.48 करोड़ रुपए,
जनपद जौनपुर 93.67 करोड़ रुपए,
जनपद चन्दौली 41.19 करोड़ रुपए,
जनपद देवरिया 65.12 करोड़ रुपए,
जनपद सिद्धार्थनगर 5.43 करोड़ रुपए,
जनपद बस्ती 169.98 करोड़ रुपए
जनपद सन्तकबीरनगर -13.56 करोड़ रुपए,
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से प्रदेश के 73 जनपद प्रभावित हुए थे।
प्रभावित जनपदों में कृषि फसलों को हुई क्षति तथा जन-धन की हानि के आधार पर 7543.14 करोड़ रुपए का
मेमोरेण्डम भारत सरकार को प्रेषित किया गया था। भारत सरकार द्वारा केवल 2801.59
करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की गयी थी। ओलावृष्टि से प्रभावित
किसानों को राज्य सरकार द्वारा भी अपनी ओर से अतिरिक्त सहायता दिए जाने का निर्णय
लिया गया था। जिसके सम्बन्ध में अन्तिम रूप से दिनांक 05 जून,
2015 को शासनादेश निर्गत किया गया था ।
अब तक ओलावृष्टि से
प्रभावित किसानों को भारत सरकार के मानक के अनुसार सहायता वितरित किये जाने के लिए
कुल 4498.29 करोड़ रुपए धनराशि जनपदों को दी जा चुकी है।
स्वीकृत धनराशि को 1,07,88,129 किसानों के मध्य वितरित किया
जा चुका है। भारत सरकार से अवशेष धनराशि 4741.55 करोड़ रुपए
की मांग की गयी है, परन्तु अभी तक अवशेष धनराशि प्राप्त नहीं
हुई है। भारत सरकार से धनराशि प्राप्त होने की सम्भावना क्षीण है। किसानों की
समस्या को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार द्वारा अनुपूरक बजट के माध्यम से
प्रभावित किसानों को राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सहायता दिये जाने के लिए 2000.00
करोड़ रुपए बजट प्राविधान किया गया है।
भारत सरकार के नवीनतम
मानकों के अनुसार लघु/सीमांत
किसानों को न्यूनतम भू-भाग पर भी सिंचित/असिंचित क्षेत्र के लिए न्यूनतम
देय राशि 1000 रुपए निर्धारित की गयी है। अतः राज्य सरकार
द्वारा न्यूनतम राशि भारत सरकार के मानक के बराबर 1000 रुपए
दिया जाएगा ।