‘समाजवादी किसान एवं
सर्वहित बीमा योजना’
‘समाजवादी किसान एवं
सर्वहित बीमा योजना’-
प्रदेश के किसानों व कमजोर वर्गों को आर्थिक व सामाजिक
सुरक्षा मुहैया कराने के लिए समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार ने यह महत्वपूर्ण योजना
लागू की थी । इस योजना के तहत परिवार के मुखिया/रोटी अर्जक को ‘समाजवादी किसान एवं सर्वहित
बीमा केयर कार्ड’ निःशुल्क दिये जाते थे । अगर किसी व्यक्ति
को केयर कार्ड जारी नहीं हो जाता, तो भी उस व्यक्ति तक इस
समाजवादी योजना का लाभ प्राप्त होता था, उसे केवल योजना की
पात्रता से सम्बन्धित दस्तावेज यथासमय बीमा दावा प्रपत्र के साथ संलग्न कर बीमा
कम्पनी को प्रेषित किए जाने होते थे । दावा फार्म (प्रपत्र) वेबसाइट से भी डाउनलोड
किए जा सकते थे ।
‘समाजवादी किसान एवं
सर्वहित बीमा केयर कार्ड’ बनवाने हेतु मुखिया/रोटी अर्जक को
जनसुविधा केन्द्रों/चयनित आउटलेट पर उपलब्ध निःशुल्क आवेदन-पत्र भरना होता था ।
बीमा केयर कार्ड, जनसुविधा केन्द्रों/चयनित आउटलेट से
बायोमैट्रिक रिसीविंग देकर प्राप्त किये जाते थे । केयर कार्ड बनाने का
उत्तरदायित्व शासकीय आई.टी. कम्पनी
यूपीडेस्को को सौंपा गया था, जिसके प्रतिनिधि शीघ्र ही
जिलाधिकारियों से सम्पर्क करके जनपदों में
केयर कार्ड बनाने का कार्य अभियान चलाकर विलम्बतम 28 फरवरी,
2017 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए थे । केयर
कार्ड बनवाने और उसका नियमित अनुश्रवण करने के लिए प्रत्येक विकास खण्ड/वार्ड
(शहरी क्षेत्र में) पर कम से कम दो जनपदीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किए
जाने के निर्देश दिए गए थे । ये अधिकारी प्रत्येक सप्ताह भ्रमण करके समस्याओं का
निपटारा करते थे ।परिपत्र के अनुसार योजना के तहत खतौनी में दर्ज खातेदार व
सहखातेदार तथा बीपीएल परिवार एवं समाजवादी पेंशन पाने वाले परिवारों (योजना के
अन्तर्गत पात्र) को आय प्रमाण-पत्र देने की आवश्यकता नहीं थी, किन्तु उनके अलावा ऐसे परिवार के मुखिया/रोटी अर्जक, जो 75 हजार रुपए की वार्षिक आय से कम होने के कारण
पात्रता की श्रेणी में आते हैं, के आय प्रमाण-पत्र बनाने का
कार्य भी अभियान चलाकर किए जाने के निर्देश दिए गए थे ।
‘समाजवादी किसान एवं
सर्वहित बीमा योजना’ के तहत बीमित व्यक्ति किसी भी सरकारी
चिकित्सालयों/राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं 30 बेड से अधिक वाले
निजी एम्पैनेल्ड चिकित्सालय में उपचार कराने के लिए स्वतंत्र थे, जहां उनका उपचार कैशलेस किया जाता था, लेकिन
दुर्घटना होने पर फौरी तौर पर नजदीक के किसी भी चिकित्सालय में 25 हजार रुपए तक की प्राथमिक चिकित्सा का लाभ बीमित व्यक्ति को मिलता था,
इस पर होने वाले व्यय का वहन प्रतिपूर्ति बीमा कम्पनी, बीमित व्यक्ति द्वारा संलग्न दावा प्रपत्र भरने के बाद उसके खाते में कर
देने की सुविधा उपलब्ध थी ।
प्रदेश में ‘समाजवादी किसान
एवं सर्वहित बीमा योजना’ का संचालन ओरिएन्टल इन्श्योरेन्स कं.
लि.न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कं. लि.,
नेशनल इन्श्योरेन्स कं. लि. एवं यूनाइनेट इण्डिया इन्श्योरेन्स कं. लि. के माध्यम से किये जाने की सुविधा उपलब्ध समाजवादी सरकार ने करायी थी ।
प्रदेश में ‘समाजवादी
किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ योजना के अन्तर्गत बीमित
व्यक्ति की दुर्घटना/इलाज/कृत्रिम अंग मिलने/बीमा दावा निस्तारण आदि में समस्या
होने पर उसकी सूचना टोल फ्री नं.-‘1520’ (24 घण्टे संचालन)
के माध्यम से ‘मुख्यमंत्री बैंकिंग एवं बीमा हेल्पलाइन’
में दर्ज कराई जा सकती थी । योजना का प्रचार-प्रसार ग्राम
प्रधान/सदस्य ग्राम पंचायत, आशा बहू, पंचायत
सेक्रेटरी, शिक्षा मित्र, लेखपाल आदि
के माध्यम से डोर-टू-डोर सम्पर्क/अभियान चलाकर कराया गया था, ताकि आम आदमी ‘समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ का लाभ उठा
सकें ।
समाजवादी सरकार के समय
किसानों और गाँवो पर बजट का 80 प्रतिशत तक खर्च किया गया । डॉ
राम मनोहर लोहिया, डॉ आंबेडकर, चौधरी चरण सिंह और श्री मुलायम सिंह यादव के मार्ग
दर्शन पर चलते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त सिंचाई, फसल और आपदा बीमा, खाद-बीज की समय से उपलब्धता और मण्डीस्थलों के निर्माण के द्वारा कृषि
अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की थी । अगर प्रदेश का किसान खुशहाल बनेगा तो
प्रदेश भी खुशहाल होगा, इस विचारधारा पर समाजवादी सरकार ने
जनहित की तमाम योजनांए लागू की थी ।
किसान अवध सर्वहित
बीमा योजना 2016 में अखिलेश यादव
द्वारा शुरू की गई थी, जो कृषक बीमा योजना ’की जगह थी, जिसके तहत राजस्व विभाग ने भूमि पर कब्जा
करने वाले किसानों को कवर किया, जिनके नाम राजस्व रिकॉर्ड
में थे; मृत्यु की स्थिति में, वे रु। 5
लाख जहां राज्य सरकार प्रीमियम का भुगतान करेगी। नई योजना के तहत,
सभी भूमिहीन किसान और रुपये से कम की वार्षिक आय वाले अन्य परिवार। 75,000
को भी कवर किया गया था ।
प्रदेश के किसानों व कमजोर वर्गों को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार ने यह महत्वपूर्ण योजना लागू की थी । इस योजना के तहत परिवार के मुखिया/रोटी अर्जक को ‘समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा केयर कार्ड’ निःशुल्क दिये जाते थे । अगर किसी व्यक्ति को केयर कार्ड जारी नहीं हो जाता, तो भी उस व्यक्ति तक इस समाजवादी योजना का लाभ प्राप्त होता था, उसे केवल योजना की पात्रता से सम्बन्धित दस्तावेज यथासमय बीमा दावा प्रपत्र के साथ संलग्न कर बीमा कम्पनी को प्रेषित किए जाने होते थे । दावा फार्म (प्रपत्र) वेबसाइट से भी डाउनलोड किए जा सकते थे ।
‘समाजवादी किसान एवं
सर्वहित बीमा केयर कार्ड’ बनवाने हेतु मुखिया/रोटी अर्जक को
जनसुविधा केन्द्रों/चयनित आउटलेट पर उपलब्ध निःशुल्क आवेदन-पत्र भरना होता था ।
बीमा केयर कार्ड, जनसुविधा केन्द्रों/चयनित आउटलेट से
बायोमैट्रिक रिसीविंग देकर प्राप्त किये जाते थे । केयर कार्ड बनाने का
उत्तरदायित्व शासकीय आई.टी. कम्पनी
यूपीडेस्को को सौंपा गया था, जिसके प्रतिनिधि शीघ्र ही
जिलाधिकारियों से सम्पर्क करके जनपदों में
केयर कार्ड बनाने का कार्य अभियान चलाकर विलम्बतम 28 फरवरी,
2017 तक प्रत्येक दशा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए थे । केयर
कार्ड बनवाने और उसका नियमित अनुश्रवण करने के लिए प्रत्येक विकास खण्ड/वार्ड
(शहरी क्षेत्र में) पर कम से कम दो जनपदीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित किए
जाने के निर्देश दिए गए थे । ये अधिकारी प्रत्येक सप्ताह भ्रमण करके समस्याओं का
निपटारा करते थे ।परिपत्र के अनुसार योजना के तहत खतौनी में दर्ज खातेदार व
सहखातेदार तथा बीपीएल परिवार एवं समाजवादी पेंशन पाने वाले परिवारों (योजना के
अन्तर्गत पात्र) को आय प्रमाण-पत्र देने की आवश्यकता नहीं थी, किन्तु उनके अलावा ऐसे परिवार के मुखिया/रोटी अर्जक, जो 75 हजार रुपए की वार्षिक आय से कम होने के कारण
पात्रता की श्रेणी में आते हैं, के आय प्रमाण-पत्र बनाने का
कार्य भी अभियान चलाकर किए जाने के निर्देश दिए गए थे ।
‘समाजवादी किसान एवं
सर्वहित बीमा योजना’ के तहत बीमित व्यक्ति किसी भी सरकारी
चिकित्सालयों/राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं 30 बेड से अधिक वाले
निजी एम्पैनेल्ड चिकित्सालय में उपचार कराने के लिए स्वतंत्र थे, जहां उनका उपचार कैशलेस किया जाता था, लेकिन
दुर्घटना होने पर फौरी तौर पर नजदीक के किसी भी चिकित्सालय में 25 हजार रुपए तक की प्राथमिक चिकित्सा का लाभ बीमित व्यक्ति को मिलता था,
इस पर होने वाले व्यय का वहन प्रतिपूर्ति बीमा कम्पनी, बीमित व्यक्ति द्वारा संलग्न दावा प्रपत्र भरने के बाद उसके खाते में कर
देने की सुविधा उपलब्ध थी ।
प्रदेश में ‘समाजवादी किसान
एवं सर्वहित बीमा योजना’ का संचालन ओरिएन्टल इन्श्योरेन्स कं.
लि.न्यू इण्डिया इन्श्योरेन्स कं. लि.,
नेशनल इन्श्योरेन्स कं. लि. एवं यूनाइनेट इण्डिया इन्श्योरेन्स कं. लि. के माध्यम से किये जाने की सुविधा उपलब्ध समाजवादी सरकार ने करायी थी ।
प्रदेश में ‘समाजवादी
किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ योजना के अन्तर्गत बीमित
व्यक्ति की दुर्घटना/इलाज/कृत्रिम अंग मिलने/बीमा दावा निस्तारण आदि में समस्या
होने पर उसकी सूचना टोल फ्री नं.-‘1520’ (24 घण्टे संचालन)
के माध्यम से ‘मुख्यमंत्री बैंकिंग एवं बीमा हेल्पलाइन’
में दर्ज कराई जा सकती थी । योजना का प्रचार-प्रसार ग्राम
प्रधान/सदस्य ग्राम पंचायत, आशा बहू, पंचायत
सेक्रेटरी, शिक्षा मित्र, लेखपाल आदि
के माध्यम से डोर-टू-डोर सम्पर्क/अभियान चलाकर कराया गया था, ताकि आम आदमी ‘समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना’ का लाभ उठा
सकें ।
समाजवादी सरकार के समय
किसानों और गाँवो पर बजट का 80 प्रतिशत तक खर्च किया गया । डॉ
राम मनोहर लोहिया, डॉ आंबेडकर, चौधरी चरण सिंह और श्री मुलायम सिंह यादव के मार्ग
दर्शन पर चलते हुए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किसानों की कर्ज माफी, मुफ्त सिंचाई, फसल और आपदा बीमा, खाद-बीज की समय से उपलब्धता और मण्डीस्थलों के निर्माण के द्वारा कृषि
अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की थी । अगर प्रदेश का किसान खुशहाल बनेगा तो
प्रदेश भी खुशहाल होगा, इस विचारधारा पर समाजवादी सरकार ने
जनहित की तमाम योजनांए लागू की थी ।