नेताजी की समाजवादी पार्टी का आम आदमी और देश हेटी आर्थिक द्रष्टिकोण
नेताजी मुलायमसिंह
यादव की समाजवादी पार्टी की आर्थिक
और विकास नीतियों का लक्ष्य हमेशा स्वदेशी और किसान रहा है. किसान सीमित संसाधनों
में जीवन यापन का समर्थन करते हैं. नेताजी मुलायमसिंह यादव की समाजवादी पार्टी बीज उत्पादन के क्षेत्र में केवल भारतीय संस्थाओं को ही
अनुमति देने के पक्ष में रही हैं.
1.
समाजवादी पार्टी कृषि सब्सिडी विशेषकर
छोटे किसानों के लिए देने के पक्ष में रही है.
2.
डंकल प्रस्ताव से कृषि एवं चिकित्सा जैसे
क्षेत्रों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का एकाधिकार होने को लेकर भी नेता जी ने उस
समय चेताया था. इनकी मनमानी कीमत से कृषि छोड़कर मजदूर करने पर विवश करने को नेता
जी ने पहले ही चेतना भी चेतावनी दी थी. विदेशी मनमानी कीमत से कृषक कृषि छोड़कर
मजदूरी पर विवश हो जाएंगे. इसके दुष्प्रभाव से महंगी विदेशी पूंजी, विदेशी बीज
महंगा, विदेशी दवा महंगी होंगी. विदेशी पूंजी से आर्थिक गुलामी होगी. इन सब बातों
को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने प्रस्ताव रखा था.
3.
नेताजी
मुलायमसिंह यादव की के अनुसार हमें
प्राथमिक शिक्षा,, प्राथमिक स्वास्थ्य, पेयजल आपूर्ति, विद्युतीकरण, संपर्क मार्ग
निर्माण, दूरसंचार आदि क्षेत्रों पर विशेष जोर देने की आवश्यकता है. आयातित तेलों
के स्थान पर ऊर्जा के गैर पारंपरिक स्रोतों के विकास पर बल देकर ज्यादा फिजूलखर्ची
रोककर विदेशी मुद्रा भंडार की कम मात्रा से काम चलाया जा सकता है.
नेताजी की सोच वर्तमान में भी कार्य करती है. हम लगातार अपने खाद्य
तेल की आपूर्ति के लिए 70 अरब
डॉलर हर साल खर्च करते हैं. यदि हम इसे अपने किसानों को फसल परिवर्तन या फसल
सस्यावर्तन करने के लिए सहर्ष तैयार करें और उन्हें तिलहन और दलहन दोनों स्तर पर
उत्पादन करने के लिए तैयार करें तो इस भारी विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकता है.
माननीय नेता जी की
सरकार के द्वारा विकास के सर्वाधिक प्रयास गांव और कृषि के लिए किए गए और जिनका
बहुत व्यापक प्रभाव पड़ा. नेताजी सत्ता का विकेंद्रीकरण चाहते थे. वे नहीं चाहते
थे कि शक्ति का केंद्र कुछ गिने-चुने लोगों के पास ही रहे, क्योंकि ऐसा होने से
शक्ति का सदुपयोग नहीं बल्कि दुरुपयोग होता है. वे चाहते थे कि यह शक्ति जनता तक
पहुंचाई जाए और यह संभव हुआ पंचायत राज व्यवस्था द्वारा. पंचायत जनतांत्रिक
विकेंद्रीकरण का सबसे शक्तिशाली माध्यम है. पंचायतों द्वारा आर्थिक विकास के निचले
तबके तक पहुंचाना संभव हो सका. पंचायती राज में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति,
पिछड़े वर्ग एवं 30% महिलाओं को आरक्षण देकर इन वर्गों को ऊपर उठाने का एक सार्थक
प्रयास सफल हुआ.
पंचायतों के माध्यम से
ग्रामीण जीवन में सुधार लाने हेतु अनेक कार्यक्रम जैसे
1.
कृषि
में सुधार,
2.
भूमि
सुधार,
3.
लघु
सिंचाई को बढ़ावा दिया जाना,
4.
पशुपालन
को बढ़ावा दिया जाना,
5.
मत्स्य
पालन के लिए पट्टे दिया जाना,
6.
लघु-कुटीर
उद्योग हेतु सस्ती जमीन उपलब्ध कराया जाना,
7.
आधारभूत
संरचना निर्माण हेतु सस्ता ऋण उपलब्ध
कराया जाना.
8.
ग्रामीण
स्तर पर आवास उपलब्ध कराये जाना,
9.
गरीबी
उन्मूलन कार्यक्रम चलाए जाना,
10.
प्राथमिक
शिक्षा-प्रोढ़ शिक्षा एवं अनौपचारिक शिक्षा कार्यक्रम चलाये जाना,
11.
कमजोर
वर्गों के कल्याण हेतु लक्ष्यित योजना संचालन किया जाना.
12.
ग्रामीण
स्तर पर छोटी सड़कें निर्माण कराया जाना.
13.
चिकित्सा
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण हेतु कार्य किया जाना.
14.
सार्वजनिक
वितरण प्रणाली का प्रभावी करने का प्रयास किया जाना.
15.
10000 रू. तक के ऋणों की माफी करने का काम किया गया.
16.
गन्ना
के समर्थन मूल्य में वृद्धि करने का काम किया गया और उसके शीघ्र भुगतान करने का
काम हुआ
17.
सिंचाई
हेतु गांवों में 16 घंटे
तक बिजली देने का काम नेता जी की सरकारों ने करने का काम किया.
18.
नहर
रजवाहों एवं छोटी नहरों के माध्यम से किसानों के अंतिम खेत तक निशुल्क पानी
पहुंचाने की योजनाओं द्वारा बहुत ज्यादा काम किया गया.
निशुल्क बोरिंग खलियान
दुर्घटना बीमा मंडियों में किसान प्रतिनिधि निशुल्क बोरिंग योजना सस्ते खाद बीज की
उपलब्धता आदि योजनाओं की योजनाओं को देखा जा सकता है इसी क्रम में भूमि सुधार हेतु
भूमि सेना का गठन भी नेता जी की सरकार का सर्वोत्तम निर्णय निर्णय माना जाएगा
जिससे एक और बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि में बदला गया और वहीं दूसरी ओर युवाओं को
रोजगार के अवसर भी इसके माध्यम से प्राप्त हुए.