नेताजी
श्री मुलायमसिंह की सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नई
औद्योगिक नीति तैयार की थी. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में पूंजी निवेश को मूल
बिंदु माना गया. उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स निगम के माध्यम से उद्योगों की
स्थापना के साथ ही संयुक्त एवं आर्थिक क्षेत्र में उद्योग लगाने पर पोषण दिया गया
था. नेताजी की सरकार द्वारा नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा में 300 एकड़ भूमि पर इलेक्ट्रिसिटी स्थापित करने करने
का काम किया गया थ. जिसमें उद्यमियों को उच्च स्तरीय अवस्थापना संरचना निर्माण
करके सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी. आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के लिए निजी
क्षेत्रों का सहयोग मांगा गया था. इसमें आईआईटी कानपुर
जैसी राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान से तकनीकी सहायता प्राप्त की गई थी.
नेताजी
की सरकार द्वारा 20,000
करोड रुपए निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया था. इस निर्यात के
लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अग्रलिखित एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क स्थापित करने के काम
नेता जी की सरकार द्वारा किया गया था-
v वाराणसी में एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क.
v नोएडा में एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क .
v ग्रेटर नोएडा में एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क.
v आगरा में एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क.
v रामपुर में एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क.
v बबराला में एक्सपोर्ट प्रमोशन पार्क का निर्माण किया गया था.
v आगरा चर्म उद्योग टेक्नोलोजी पार्क और कानपुर में चर्म उद्योग टेक्नोलोजी
पार्क निर्मित किए गए.
v फल और फूल एवं सब्जी के
निर्यात हेतु नॉएडा में कोल्ड चेन स्थापित किया गया.
v कांच उद्योग को बढ़ावा देने
के लिए फिरोजाबाद में बढ़ावा देने के लिए योजना संचालित की गयी.
v सिरेमिक-पॉटरी- टेराकोटा उद्योग के विकास और संवर्द्धन हेतु खुर्जा
में प्रोत्साहन देने का काम किया गया.
v रेडिमेड गारमेंट उद्योग को निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए
नेताजी की सरकार द्वारा विशेष कदम उठाने का काम किया गया.
v कानपुर इनलैंड कंटेनर डिपो, वाराणसी इनलैंड कंटेनर डिपो तथा आगरा
इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना के साथ कच्चे माल तथा निर्यात किए जाने वाले
उत्पादों पर व्यापार छूट देने का काम किया गया. नेताजी की सरकार ने द्वारा निर्यात
के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए लक्ष्यित योजनाएं तैयार की गई.
v नेताजी
ने उत्तर प्रदेश सरकार की वित्तीय संस्थाओं की सहभागिता
से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नवीन नीति के अनुरूप वाणिज्यिक बैंकों की स्थापना
हेतु प्रोत्साहन किया गया था. विपणन तथा निर्यात हेतु नेताजी की सरकार द्वारा
उत्पादित वस्तुओं व हस्तशिल्प आदि के प्रोत्साहन के लिए उत्तर प्रदेश व्यापार
मेला तथा राजधानी लखनऊ में 30 एकड़ भूमि में औद्योगिक कार्यक्रम तथा प्रदर्शनियों का नियमित रूप से आयोजन
किया गया. इसी तरह नेताजी की सरकार द्वारा लघु उत्पादन इकाइयों के विपणन हेतु पांच
मार्केटिंग कंपनी का गठन किया गया था. जिसमें 7.5 लाख दस्तकार
लाभान्वित हुए.इसकी स्थापना संयुक्त क्षेत्र के माध्यम से की गई थी.
v सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रमों की कुशलता बढ़ाने का काम किया गया.
जिसके मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को सार्वजानिक क्षेत्रों के उधमियों को हस्तांतरित
किया गया था. ताकि उनका निष्पादन बेहतर हो और लाभ प्राप्त हों. नेताजी की सरकार
द्वारा बीमार उत्पादन इकाइयों की रोकथाम एवं पुनर्वास के लिए मूलभूत तथा
अवस्थापनाएं सुविधाएं मुहैया कराने का काम किया गया था. इसके लिए पुनर्वास निधि
की स्थापना की गई थी.
v नेताजी की सरकार ने सार्वजानिक और निजी क्षेत्र की उत्पादन इकाइयों
में दुर्बल और पिछड़े वर्गों को विशेष प्रतिनिधित्व देने का काम किया गया
था. इस नीति के अंतर्गत अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति को 23% और अन्य
पिछड़े वर्गों को 27% तथा अल्पसंख्यकों को 10% आरक्षण के आधार
पर रोजगार देने का काम किया गया था. ऐसी उत्पादन इकाइयों को सकल विक्रय मूल्य में
छूट, प्राथमिकता के आधार पर विद्युत, भूमि तथा श्रमिक कानूनों को लचीला बनाने की
सुविधाएं प्रदान की गई.