कोई भी मुख्यमंत्री सामाजिक विकास का सपना तब तक ना देखे, जब तक उसकी योजनाओं द्वारा समाज के सबसे अंतिम, सबसे निर्धन और सबसे उपेक्षित व्यक्तियों तक उसका लाभ न पहुंच जाए. क्योंकि विकास योजनाएं तो स्वतंत्रता के समय से बनती रही हैं. उपेक्षित वर्ग के विकास के लिए प्रत्येक सरकार तथा प्रत्येक मुख्यमंत्री ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की तथा बड़ी-बड़ी योजनाएं प्रस्तुत की, किंतु इन वर्गों का इनसे कितना विकास हुआ है, यह व्यवहार में सबसे पहले देखा जाना चाहिए.कहने का आशय यह है कि सिर्फ योजना बना देने मात्र से किसी क्षेत्र विशेष या वर्ग विशेष का विकास नहीं हो जाता. उसका क्रियान्वयन प्रभावपूर्ण तरीके से योजना लागू करना भी उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों का उत्तर दायित्व है. यद्यपि विकास में पूर्व मुख्यमंत्रियों के योगदान की भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए और यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए कि उपेक्षित वर्ग के विकास हेतु नेताजी के द्वारा किया गया प्रयास अधिक ईमानदार और प्रभावपूर्ण था तथा जिसके परिणाम भी जमीन पर दिखाई दिए.
1. सदियों से आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से पिछड़े और उपेक्षित वर्ग के लोगों को आगे आने का अवसर देने के लिए हर प्रकार की सरकारी सेवा में नियुक्ति हेतु अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के लिए 21%, अनुसूचित जनजातियों के लिए 2% तथा पिछड़े वर्ग के आरक्षण के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान कानून बनाकर किया गया. इन प्रावधानों का कड़ाई से पालन हो, इसके लिए आरक्षण नियमों का उल्लंघन करने वाले नियुक्ति प्राधिकारी को दंडित करने का कानूनी प्रावधान भी किया गया.
2. नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने आरक्षण के उल्लंघन को दंडनीय अपराध घोषित करने का काम किया गया.
3. नेताजी मुलायमसिंह यादव ने सरकारी सेवाओं में प्रोन्नति के लिए अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के आरक्षण प्रतिशत को बढ़ाकर 15% से 21% किया था. जबकि बाकि राज्यों और केंद्र सरकार में 15% आरक्षण दिया जाता है.
4. शीर्षतम पदों को छोड़ते हुए प्रोन्नति का आधार श्रेष्ठता के स्थान पर वरिष्ठता कर दिया गया ताकि आरक्षित पद सरलता से भरे जा सके.
5. माध्यमिक शिक्षण संस्थाओं, आई.टी.आई, पॉलिटेक्निक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों आदि में पाठ्यक्रम के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए क्रमशः 21%, 2%, एवं 27% सीटों का आरक्षण किया गया. नेताजी मुलायमसिंह यादव के निर्णय से पहले इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हेतु प्रवेश परीक्षा में न्यूनतम अहर्ता अंक रखे जाने की व्यवस्था थी. इस कारण आरक्षित सीटें अनेक अवसरों पर बिना भरे ही खाली रह जाती थी. नेताजी मुलायमसिंह यादव ने आरक्षित सीटों पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी वर्ग के अभ्यर्थी ही प्रवेश पाए जाने हेतु सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1994 के सत्र में न्यूनतम अहर्ता अंकों की व्यवस्था समाप्त करने काम नेताजी मुलायमसिंह यादव के द्वारा ही किया गया था.
6. नेताजी मुलायमसिंह यादव के ही द्वारा जिला न्यायालय स्तर पर शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति करते समय भी अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों वर्ग के वकीलों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाना सुनिश्चित करने का काम किया था.
7. जिला व पुलिस प्रशासन में अधिकारियों की तैनाती करते समय भी अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय को समुचित प्रतिनिधित्व देने वाले नेताजी मुलायमसिंह यादव ही ही थे.
8. निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों द्वारा उपलब्ध कराए गए रोजगार के अवसरों में भी दलित, पिछड़े वर्ग एवं अल्पसंख्यकों की समुचित भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उद्योग नीति 1994 में यह प्रावधान किया गया था कि ऐसी औद्योगिक इकाइयां जो इन वर्गों को अपने द्वारा दिए गए रोजगार में समुचित प्रतिनिधित्व देंगी, उनको व्यापार कर में 25% की छूट उपलब्ध कराई जाएगी. उल्लेखनीय है कि निजी क्षेत्र की औद्योगिक इकाइयों में रोजगार में इन वर्गों का प्रतिनिधित्व केवल श्रमिक स्तर तक ही सीमित था, उच्च पदों पर नहीं. इस प्रकार की प्रोत्साहन नीति भारत के किसी भी अन्य प्रदेशों में लागू नहीं की गई थी, नेताजी मुलायमसिंह यादव गरीब, पिछड़े-दलित और अल्संख्यक वर्ग के लिए सभी जगह प्रतिनिधित्व चाहते थे.
9. अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वर्गों के लोगों के उत्थान के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के पर्यवेक्षण हेतु उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग का गठन करके कानूनी वैधता देने के लिए कानून बनाने का काम नेताजी मुलायमसिंह यादव के द्वारा किया गया था. उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग को आंकड़े और साक्ष्य एकत्रित करने और अन्य मामलों में स्वतंत्रता देने का काम किया गया था.
10. नेताजी मुलायमसिंह यादव के द्वारा पिछड़े वर्ग के उत्थान हेतु चलाए जा रहे कार्यक्रमों के पर्यवेक्षण हेतु उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कानून बनाकर किया गया था. इस आयोग को अपने कार्य क्षेत्र में स्वतंत्र कार्य करने के लिए कानून द्वारा स्वतंत्रता प्रदान करने का काम किया गया.
11. नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार के स्पष्ट दिशा निर्देशों के कारण ही दलितों के विरुद्ध अत्याचारों के मामले यदि संज्ञान में आए तो इस प्रकार के मामलों में सम्बंधित अपराधी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की गई. इस तरह के मामलों को देखने वाले प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की गलतियों को लेकर उनको दंडित करने का काम भी किया गया था.
12. नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार के द्वारा निराश्रित विधवाओं, वृद्धों और विकलांगों की पेंशन योजनाओं को एक नया विस्तार देते हुए तत्परता से लागू कराने का काम किया गया था. वर्ष 1994-95 में 1,00,000 अतिरिक्त वृद्धों को तथा 25,000 अतिरिक्त विधवाओं को पेंशन देने का काम किया गया था. साथ ही यह सुनिश्चित करने का काम किया गया था कि कोई भी पात्र विधवा, वृद्ध, विकलांग पेंशन योजना के लाभ से वंचित ना रहे.
13. नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने अंबेडकर ग्राम योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 2 वर्षों में 10,000 चयनित गांवों में समग्र विकास हेतु कार्यवाही की गई. इन अंबेडकर गांवों को संपर्क मार्ग से जोड़ने, शिक्षा, चिकित्सा एवं बिजली आदि की अवस्थापनाओं से युक्त करने की कार्यवाही की गई थी.
14. नेताजी मुलायमसिंह यादव के शासन से पहले शहरों और कस्बों में महिला सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी सुबह 6:00 बजे से लगती थी, नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार ने इस व्यवस्था को बदल कर उनके घरेलु कार्यों के लिए 8:30 बजे से इनकी ड्यूटी लगाने के आदेश दिए थे, ताकि वे अपने बच्चों के खाने और उन्हें स्कूल भेजने का प्रबंध करके ड्यूटी पर आए.
15. नेताजी मुलायमसिंह यादव के द्वारा सिर पर मैला ढोने की प्रथा समाप्त करने के उद्देश्य से एक वृहद स्वच्छकार विमुक्ति तथा पुनर्वास योजना शुरू की गई थी. जिसमें 80,000 सफाई कर्मचारियों को पुनर्वास करने का लक्ष्य रखा गया था.
16. नेताजी मुलायमसिंह यादव के द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति के पात्र परिवारों की पुत्रियों के विवाह के लिए सहायता धनराशि 1000 रू. से 5 गुना बढ़ाकर 5000 रू. करने का काम किया था. जो उस समय एक बड़ी रकम थी.
17. नेताजी मुलायमसिंह यादव की सरकार के समय मछुआरा-निषाद-मल्लाह समुदाय को मछली पकड़ने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब के पट्टे प्राथमिकता पर दिए जाने के अभियान चलाए गए और उन्हें उनके पैतृक कार्य करने में सहायता प्रदान करने में नेता जी का विशेष योगदान रहा. जिसकी मांग आज भी जारी है.
18. प्रजापति समुदाय अर्थात कुम्हार समुदाय के लोगों को बर्तन बनाने के लिए मिट्टी निकालने हेतु उपयुक्त भूमि के पट्टे देने का अभियान समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव जी के द्वारा चलाया गया.
19. नेताजी मुलायमसिंह यादव के शासन के दौरान ही स्पेशल कम्पोनेंट प्लान के तहत सभी विभागों को आवंटित योजना परिव्यय का कम से कम 21 अनुसूचित जाति, 2% अनुसूचित जनजाति के तथा 27 अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थ ही खर्च करने की योजना चलाई गई थी.
नेताजी ने कहा था कि जनता जानती है कि जब भी समाजवादी पार्टी की सरकार आती है तो वह किसानों, गरीबों, नौजवानों और महिलाओं के लिए काम करती है। किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं और नौजवानों को समाजवादी पार्टी से बहुत उम्मीदें हैं। समाजवादी पार्टी ने हमेशा इन वर्गों की मदद की और उनकी समस्याओं को हल किया है।