नेताजी मुलायमसिंह का राजनीतिक चिंतन
सितंबर 04, 2021
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नेताजी का राजनीतिक चिंतन-
समाजवाद को लेकर श्री मुलायम सिंह का मानना है कि ऐसी व्यवस्था, जो समाजवाद पर आधारित हो, सबको समान अवसर उपलब्ध हो तथा सामाजिक असमानता की कोई गुंजाइश नहीं हो. समाजवाद का ही किसी देश में ऐसी व्यवस्था लागू कर सकता है, जहां अधिकांश मूलभूत सुविधाओं पर राज्य का स्वामित्व एवं राज्य साधनों का बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के उत्थान के उद्देश्य से प्रयोग करता है. ऐसी स्थिति में साधनों का केंद्र व्यक्तियों तक नहीं होता है अर्थात साधनों का समाज में पूर्ण विकेंद्रीकरण होता और सभी को उसके समान प्रयोग का अवसर होता है. सभी का विकास होता है. नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के चिंतन में समाजवाद का यही चित्र दिखाई देता है. संभवत उन्होंने अपनी पार्टी का नाम समाजवादी पार्टी रखा तथा सत्तासीन होने में सबसे पीछे व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की बात कही और उसके लिए काम भी किया. उनका मानना है कि समाज में रह रहे विभिन्न व्यक्तियों के बीच जाति, वर्ग अथवा धर्म को लेकर भेदभाव नहीं होना चाहिए.
हमारे संविधान द्वारा सभी को समान अधिकार तथा समान स्वतंत्रता प्रदान की गई है. किंतु यदि हम समाज के वास्तविक और निचले स्तर पर जाकर देखें तो पाएंगे कि इन सब का सरासर उल्लंघन हो रहा है. इस अवस्था से किसी जाति विशेष-वर्ग विशेष या धर्म विशेष के लोगों में आक्रोश एवं असंतोष को होता है, जिसकी परिणति जाति संघर्ष, वर्ग संघर्ष और सांप्रदायिक संघर्षों में होती है. जो किसी भी देश-प्रदेश की नीति में बहुत बड़ी बाधा हो सकती है. इसलिए नेताजी के अनुसार हमें राजनीतिक व्यवस्था के द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द तथा सामाजिक समरसता हर हाल में बनाए रखनी चाहिए. उन्होंने सरकार चलाते समय भी इस बात का पूरा ध्यान रखा. उनके राजनीतिक कौशल की प्रशंसा करते हुए एक समाचार पत्र में लिखा था-देश के सर्वाधिक जाति संवेदनशील तथा सांप्रदायिक भावनाओं से भरे हुए प्रदेश के मसलों को सुचारू रूप से चलाने के कारण निश्चय ही श्री मुलायम सिंह जी का कद बहुत बढ़ गया है.
नेता जी के चिंतन में ग्रामीण क्षेत्र प्राथमिकता पर रहा है. उनका कहना कि गांव में प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या निवास करती है, गांव में ही निर्धनता, बेरोजगारी तथा अन्य सामाजिक कुरूतियों की बहुतायत है. इनमें सुधार का श्रीगणेश गांव से ही करना होगा. पंचायती राज लागू करना, सत्ता का विकेंद्रीकरण करना तथा आम आदमी तक इसका लाभ पहुंचाना उनके उदार राजनीतिक चिंतन का परिणाम रहा है.
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