नेताजी मुलायमसिंह यादव और
आधुनिक विकास के प्रति समर्पित विजनरी समाजवादी पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव के
नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकारों ने महिलाओं के सशक्तिकरण को हमेशा अत्यंत
महत्व दिया है । इसी क्रम में समाजवादी सरकार ने महिलाओं की शिक्षा, आर्थिक
स्वावलंबन, स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए कई योजनाएं
शुरू की गयी थी । रानी लक्ष्मी बाई महिला सशक्तिकरण कोष की स्थापना कर महिलाओं को
आर्थिक मदद दी जा रही थी । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी वूमेन पॉवर लाइन 1090
की मदद से 55,80,00
से ज्यादा मामलों में महिलाओं व युवतियों को मदद पहुंचाई गयी थी ।
समाजवादी पार्टी एक ऐसे समाजवादी समाज के निर्माण में विश्वास करती है, जहां समानता के सिद्धांत पर कार्य किए जाते हों ।
महिलाएं
सशक्त हों और उनका सर्वांगीण विकास हो इस उद्देश्य से समाजवादी पार्टी की सरकार ने
कई स्वास्थ्य योजनाएं शुरू की गयी थी । किशोरी शक्ति योजना के तहत महिलाओं व
बच्चियों को उचित व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ उन्हें पौष्टिक भोजन मुहैया कराया
जा रहा था । समान कार्य के लिए समान वेतन पाने के साथ ही महिलाएं हर क्षेत्र में
पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं । उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ
वर्षों में महिलाओं की स्थिति में व्यापक बदलाव आए हैं । ऐसा समाजवादी सरकार
द्वारा चलाई जा रही थी उन तमाम योजनाओं के चलते संभव हुआ है, जो खासकर
महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित थी । उदाहरण के तौर पर कन्या विद्या धन योजना के
जरिये कन्याओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा था ।
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन विजनरी और विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को बहुत सम्मान देने काम किया था । समाजवादी
सरकार द्वारा राज्य में महिलाओं के कल्याण एवं सुरक्षा के
लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की गई थी । तत्कालीन विजनरी और विकास के लिए
प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि हमारे देश में महिलाओं को देवी का
सम्मानित दर्जा दिया गया है, जिस हमें दृढ़ता से अमल करना है
। महिलाएं हमारे देश की आबादी का आधा हिस्सा हैं, ऐसे में
उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है । उन्होंने कहा था कि जिस देश की महिलाएं पिछड़
जाती हैं, वह आगे नहीं बढ़ सकता । अपनी प्रतिभा और लगन से
महिलाओं ने शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं ।
उत्तर
प्रदेश की समाजवादी सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान
एवं उत्थान के लिए लगातार कार्य किया जा रहा था । समाजवादी सरकार ने महिलाओं के कल्याण
के लिए कई योजनाएं चलाई थी । बालिकाओं को कन्या विद्याधन उपलब्ध कराकर उनकी आगे की
पढ़ाई जारी रखने का काम समाजवादी ही करते थे। समाजवादियों ने निःशुल्क 17 लाख लैपटॉप बांटकर छात्राओं की शिक्षा को डिजिटल साक्षरता देने का काम
कराया था ।
समाजवादी
पेंशन योजना के अन्तर्गत परिवार की महिला मुखिया के खाते में हर महीने सीधे 500 रुपये
की सहायता मुहैया करायी जा रही थी । इस वित्तीय वर्ष में इसका लाभ 55 लाख गरीब परिवारों को मिला । तत्कालीन
विजनरी और विकास के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गर्भवती महिलाओं
को अस्पताल पहुंचाने और वापस लाने के लिए ‘102‘ नेशनल
एम्बुलेंस सर्विस की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही थी । सपा सरकार द्वारा महिलाओं को
यश भारती तथा रानी लक्ष्मीबाई वीरता सम्मान के अन्तर्गत सम्मानित भी किया जा रहा था
। साथ ही महिलाओं को यश भारती से सम्मानित करके 50 हजार
रुपये की पेंशन की भी व्यवस्था की गई थी । महिलाओं की सुरक्षा के लिए लागू की गई 1090
विमेन पावर लाइन के माध्यम से महिला उत्पीड़न के लाखों मामलों का
निस्तारण करने का काम किया गया था । राज्य सरकार द्वारा रानी लक्ष्मीबाई महिला
सम्मान कोष भी संचालित किया जा रहा था, जिसके अन्तर्गत
महिलाओं को आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के साथ-साथ सम्मानित भी किया जाता था ।
कन्या
भ्रूण हत्या को रोकने के लिए समाजवादी सरकार ने सख्ती से निपटने का काम किया गया
था और इस सम्बन्ध में मौजूद नियम-कानूनों का कठोरता से अनुपालन सुनिश्चित कराने का
कम किया था । राज्य सरकार द्वारा पंचायत चुनावों में बड़ी संख्या में महिलाओं को
मौका दिया गया था ।