उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार ने बुनकरों, हस्तशिल्पियों तथा उद्यमियों को आगे बढ़ने के लिए हर सम्भव सहायता प्रदान की थी । समाजवादी
सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों, उपलब्ध
कराई गई सहूलियतों के साथ-साथ किसानों, बुनकरों, हस्तशिल्पियों तथा उद्यमियों द्वारा राज्य के तीव्र विकास के लिए जो भी
सुझाव दिए, और समाजवादी सरकार उन सभी सुझावों के आधार पर काम
किया गया था। इसी सन्दर्भ में ‘समाजवादी युवा स्वरोज़गार योजना’ एवं ‘समाजवादी हस्तशिल्पी पेंशन योजना’, एमएसएमई पोर्टल
का शुभारम्भ भी समाजवादी सरकार ने किया था ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के
हस्तशिल्प पर आधारित काफी टेबल बुक तथा ‘लघु उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन में यूपी
के बढ़ते कदम’ स्मारिका का विमोचन भी किया था । समाजवादी
सरकार सभी जनपदों में ऐसे स्थलों का निर्माण कराना चाहती थी, जहां पर किसान, स्थानीय उत्पादक, दस्तकार व उद्यमी अपने उत्पादों को प्रदर्शित कर उनकी बिक्री कर सकें । उत्तर
प्रदेश एक बड़ा राज्य है। यहां के हर जनपद की अपना अलग हस्तशिल्प और अर्थव्यवस्था
है। वाराणसी साड़ियों के लिए, भदोही व मिर्जापुर कालीन,
कन्नौज इत्र, लखनऊ चिकन, आगरा संगमरमर की नक्काशी, फिरोजाबाद कांच की चूड़ियों,
सहारनपुर नक्काशीदार लकड़ी के सामान के लिए प्रसिद्ध है । इनको बढ़ावा
देने के लिए समाजवादी सरकार लगातार काम करती रही है । भदोही में कारपेट बाजार का निर्माण किया गया
था । किसानों के उत्पादन के लिए बड़ी संख्या में किसान बाजार बनाए गए थे ।
समाजवादी सरकार द्वारा प्रदेश के गरीब, दलित, उपेक्षित,
वंचित, पिछड़े वर्गों के साथ-साथ बुनकरों,
शिल्पकारों, किसानों के लिए किए जा रहे कार्यों
के अंतर्गत बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली आपूर्ति करने का बहुत सराहनीय कार्य किया
गया । समाजवादी सरकार द्वारा बुनकर बाहुल्य क्षेत्रों में निर्बाध बिजली पहुंचाने
के लिए स्वतंत्र फीडर बनाने का बड़ा काम किया गया ।
समाजवादी सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एवं
निर्यात प्रोत्साहन देने की नीतियों और कार्यक्रमों से प्रदेश की विकास दर डबल
डिजिट में पहुंच गई थी । समाजवादी सरकार के कार्यकाल में राज्य का औधोगिक माहौल
पूरी तरह बदल गया था, जिससे अन्य प्रदेशों के उद्यमी भी यहां
आकर निवेश करके नए उद्योग लगाना चाहते थे । छोटे उद्यमियों के लिए ऑनलाइन सिंगल
विण्डो सिस्टम लागू करने की ओर प्रयास किये ।
उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प की विदेशों में बड़ी मांग और पहचान है । उत्तर प्रदेश से 150 देशों को हस्तशिल्प का निर्यात किया जाता है । समाजवादी सरकार द्वारा हस्तशिल्पियों एवं छोटे उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए, जिनसे प्रदेश के विकास को गति मिली । देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात का लगभग 45 प्रतिशत उत्तर प्रदेश से होता है। यहां के लघु उद्योग में करीब 1 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है । समाजवादी सरकार की नीतियों के कारण राज्य का निर्यात बढ़कर 81 हजार करोड़ रुपए तक जा पहुंचा था, जो कि उत्तर भारत में पहले स्थान पर है ।
ऐसे ही एक शानदार प्रयास अवध शिल्प ग्राम में विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की सोच और विजन को देखा जा सकता है । शिल्पग्राम एक ऐसा अत्याधुनिक क्षेत्र है, जहां शिल्पकार अपने हस्तनिर्मित व्यवसाय से एक ही स्थल पर जोड़े गए । विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने दिल्ली हाट की तर्ज पर अवध शिल्प ग्राम को बनवाया था, जो लगभग 20 एकड़ क्षेत्र में विस्तारित है, यह दिल्ली हाट के मुकाबले काफी बड़ा है । अवध शिल्पग्राम का कलेवर विश्वस्तरीय है। इसमें शिल्पकारों के लिए लगभग 200 दुकानें एवं प्लेटफॉर्म तथा 50 वातानुकूलित दुकानें, विभिन्न प्रदेशों के लिए स्टाल, इसके साथ ही आडिटोरियम, एम्पीथियेटर, फूडकोर्ट, प्रदर्शनी हॉल, कैफिटेरिया एवं अन्य मनोरंजन की तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं । इसके साथ ही होटल, कारीगरों के लिए डारमेटरी एवं रूम का निर्माण भी किया गया है । यहां पार्किंग की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ सोलर लाइट का अधिकतम उपयोग किया जाता है । इस क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के साथ ही, यहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की गई है ।
इसी प्रकार एमएसएमई पोर्टल प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों को क्रेता से सीधा सम्पर्क कर अपने उत्पादों के विक्रय का मंच मुहैया कराता है । पोर्टल के माध्यम से व्यवसायियों को अपने उत्पादों के लिए बड़ा बाजार सुलभ हो रहा है । इस पोर्टल के जरिए से 24 घण्टे व्यवसाय किया जा सकता है ।