उत्तर प्रदेश की बहुत बड़ी आबादी जानकारी के अभाव में पोषण
तत्वों की कमी से प्रभावित रही है, जिसमें 05 वर्ष तक के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं छात्राएं भी
शामिल हैं । पोषण तत्वों की कमी का सीधा असर उनके स्वास्थ्य एवं शारीरिक विकास पर भी
पड़ता है । समाजवादी सरकार ने इस समस्या के निदान के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘राज्य पोषण मिशन’ को लागू करने का काम किया गया था ।
इसी कड़ी में एनिमिया से सर्वाधिक प्रभावित 10 जनपदों में
आयरन एवं आयोडीन युक्त डबल फोर्टीफाइड नमक का वितरण पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में
शुरू किया गया था । इस प्रोजेक्ट के परिणाम के आधार पर प्रदेश में यह योजना लागु
की गयी थी ।
खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा एनिमिया से प्रभावित
परिवारों के कल्याणार्थ प्रदेश के चिन्हित जनपदों में पहली बार आयरन एवं आयोडीन
युक्त ‘समाजवादी नमक’ के अत्यन्त रियायती मूल्य
पर वितरण की शुरुआत की थी । इस कार्य में टाटा ट्रस्ट द्वारा प्रभावित लोगों को
आवश्यक पोषण तत्वों की आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास करने में सहयोग दिया था ।
समाजवादी सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंदों को लाभ
पहुंचाने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही थी ।
डबल फोर्टीफाइड नमक की आपूर्ति से जहां प्रभावित लोगों को मानसिक
एवं शारीरिक रूप से लाभ हुआ था, वहीं कुपोषित बच्चों
का स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ था । डबल फोर्टीफाइड नमक की योजना एनिमिया से प्रभावित
लोगों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हुई थी । प्रथम चरण में एमिनिया से सर्वाधिक
प्रभावित मेरठ, मुरादाबाद, फर्रूखाबाद,
इटावा, औरैया, हमीरपुर,
फैजाबाद, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर
और मऊ जैसे 10 जनपदों में यह योजना शुरू की गयी थी । इसके
तहत कुल 32 लाख 64 हजार 159 कार्ड धारक, जिसमें 4 लाख 66
हजार 800 अन्त्योदय, 07 लाख
56 हजार 210 बीपीएल एवं 20 लाख 41 हजार 149 एपीएल कार्ड
धारक परिवार शामिल थे, को योजना के तहत नमक उपलब्ध कराया गया
था । इनमें एपीएल कार्ड धारकों को 6 रुपए प्रति किग्रा एवं
बीपीएल तथा अन्त्योदय कार्ड धारकों को 3 रुपए प्रति किग्रा डबल
फोर्टीफाइड नमक सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से उपलब्ध कराया गया था । अखिलेश
सरकार इन 10 जनपदों में योजना पर सब्सिडी के रूप में 48
करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च की थी ।
तत्कालीन गरीब हितेषी मुख्यमंत्री
श्री अखिलेश यादव के प्रयासों से समाजवादी सरकार ने एनिमिया के विरुद्ध अभियान चलाने
का काम किया गया था। उस समय उत्तर प्रदेश
में करीब 75 फीसदी 05 वर्ष आयु
तक के बच्चे, 50 फीसदी गर्भवती महिलाएं एवं 25 फीसदी पुरूष एनिमिया से प्रभावित थे । बीपीएल 03 यूनिट
तक के कार्ड धारकों को 01 किग्रा तथा 03 यूनिट से अधिक के कार्ड धारकों को 02 किग्रा प्रति
माह डबल फोर्टीफाइड नमक का वितरण किया गया था ।