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उत्तर
प्रदेश के तत्कालीन विजनरी सीएम श्री अखिलेश यादव, समाजवादी
पेंशन योजना की ब्रांड एंबेसडर विद्या बालन और पत्नी डिंपल के साथ |
उत्तर
प्रदेश के तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की पहल पर प्रदेश में
राज्य महिला सशक्तीकरण मिशन के तहत महिलाओं व बच्चों की सहायता के लिये विशेष प्रकोष्ठ
सीआईसी स्थापित किये गए थे ।
महिला कल्याण विभाग
की सहायता से संचालित होने वाले यह विशेष प्रकोष्ठ हिंसा पीड़ित महिलाओं व बच्चों
को उनकी आवश्यकतानुसार तात्कालिक व त्वरित सहायता उपलब्ध कराने में मदद करने का
काम करते थे । प्रथम चरण में प्रदेश के 11 जिलों में पायलट
प्रोजेक्ट के तौर पर यह प्रकोष्ठ खोले गए । इनकी सफलता को देखकर भविष्य में इन्हें
प्रदेश के सभी जिलों, तहसील एवं ब्लॉक मुख्यालय तक स्थापित
किये जाने पर भी विचार किया जाना था । इन केन्द्रों पर स्वंयसेवी संगठनों के
प्रशिक्षित कार्यकर्ता आवश्यक जानकारी एवं सहायता उपलब्ध कराने कराने हेतु उपलब्ध होते
थे । प्रथम चरण में इस योजना में प्रदेश के सभी 8 जोनल
मुख्यालयों के अलावा जनपद गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर एवं
कन्नौज प्रस्तावित किये गये थे ।
पीड़ित महिला के इन केन्द्रों पहुंचने पर उसे किस
प्रकार की सहायता कहां पर और कौन उपलब्ध करायेगा, इससे
संबंधित पूरे विवरण का अध्ययन कर एक एसओपी (कार्ययोजना)
बनायी गयी थी ।
आशा ज्योति केंद्र के 11 जनपदों
में विभिन्न भागीदारी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों, पुलिस
थाना स्तर सहित व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम यूनिसेफ के सहयोग से दिये जाने की
योजना चलाई गयी थी । सीआईसी के तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं एवं बच्चों के लिए
विशिष्ट सेवाएं प्रदान करने का काम किया गया था तथा प्रत्येक सीआईसी को जनपद के
आशा ज्योति केन्द्र से भी जोड़ने का काम किया गया था । टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल
साइंसेस द्वारा इस संबंध में उल्लेखनीय कार्य किया गया था ।