समाजवादी सरकार के मुखिया और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री
श्री अखिलेश यादव ने बुन्देलखण्ड के महोबा जनपद के कनकुंआ (महोबकंठ) में 06 सौर ऊर्जा संयंत्रों का लोकार्पण किया था । 105 मेगावाट
क्षमता के 06 सौर ऊर्जा संयंत्रों का लोकार्पण किया गया। सौर
ऊर्जा संयंत्र परियोजनाओं में 04 महोबा जनपद की तथा 01
जनपद ललितपुर की, 01 जनपद झांसी के ग्राम गरौठा में स्थापित की गयी
थी । सौर ऊर्जा संयंत्रों में महोबा जनपद में स्थापित यूनीवर्सल सौर ऊर्जा प्रा0लि0 (30 मेगावाट), ग्रीन ऊर्जा
प्रा.लि. (30 मेगावाट), निरोशा पावर प्रा.लि. (30
मेगावाट) तथा के.एम. एनर्जी प्रा.लि. (05 मेगावाट)
तथा जनपद ललितपुर में स्थापित मैसर्स सन एण्ड विण्ड इन्फ्रा लि0
(10 मेगावाट) हैं। जनपद झांसी में बनने वाले 20
मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र की कार्यदायी संस्था यूपीनेडा थी ।
राज्य सरकार ने इस संयंत्र के लिए 148 करोड़ रुपए की बजट
व्यवस्था की थी । समाजवादी सरकार शहरों में 24 घण्टे बिजली
मुहैया कराने को लेकर काम कर रही थी । राज्य में बिजली उत्पादन को इतना बढाने का
प्रयास था कि प्रदेश के प्रत्येक गांव को 24 घंटे बिजली
उपलब्ध कराने की समाजवादी सरकार की कोशिश पूरी हो सके । इसके लिए बिजली के संयंत्र
लगाने के साथ ही, आपूर्ति व्यवस्था को भी मजबूत किया जा रहा
था ।
समाजवादी
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया था कि उत्तर प्रदेश में
विद्युत उपलब्धता, मांग के सापेक्ष सदैव
कम रहने के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की आपूर्ति में कठिनाई आती
है। राज्य सरकार का लक्ष्य वर्ष 2016-17 तक सभी शहरों में 24
घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे
विद्युत आपूर्ति का है। इस कमी को समाप्त करने के लिए संयुक्त क्षेत्र केन्द्रीय
सेक्टर तथा निजी क्षेत्र की परियोजनाओं से विद्युत क्रय करने के समझौते किए गए
हैं। कई परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।
उत्तर
प्रदेश में बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ राज्य सरकार
द्वारा एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था, जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सभी गांव जिनकी आबादी 100 लोगों से अधिक है, का विद्युतीकरण वर्ष 2016-17
से पहले सुनिश्चित किया गया था । उत्तर प्रदेश देश का दूसरा राज्य
है जिसने 100 से अधिक आबादी वाले 73,678 गांवो एवं उनमें सम्मिलित 1,75,525 मजरों के
विद्युतीकरण के लिए लगभग 17,450 करोड़ रूपए की योजनाएं भारत
सरकार को प्रस्तुत कर दी थी । इनके पूर्ण होने से प्रदेश की 95 प्रतिशत से अधिक आबादी को बिजली की सुविधा उपलब्ध हो सकी थी ।
समाजवादी
सरकार ने ऊर्जा की आपूर्ति में सहयोग के लिए सौर ऊर्जा नीति 2013
भी बनाने का काम किया था । इस नीति के अनुसार मार्च, 2017 तक 500 मेगावाट क्षमता की ग्रिड संयोजित सौर ऊर्जा
विद्युत उत्पादन की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था । सौर ऊर्जा नीति के तहत 130
मेगावाट क्षमता की ग्रिड संयोजित सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना
हेतु 7 परियोजनाओं के लिए समझौता पत्र निर्गत किए गए थे ।
व्यक्तिगत, संस्थागत तथा सरकारी भवनों में रूफ सोलर पावर
प्लांट की स्थापना हेतु रूफ सोलर पावर प्लांट नीति पर कार्य किया गया था ।
सोलर स्ट्रीट
लाइट (प्रोजेक्ट कोड) के अंतर्गत 10,977 संयंत्रों की स्थापना कराई गयी थी । डा. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम
योजना के अंतर्गत चयनित 1,598 कार्य शत प्रतिशत पूर्ण किया
गया था । नहरों के ऊपर सोलर पैनल लगाकर ऊर्जा उत्पादन भी किया गया था ।
विजनरी
मुख्यमंत्री रहे श्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बिजली ऊर्जा की कमी को दूर
करने के लिए बहुत काम किये थे । उनका मानना रहा है कि बिना पर्याप्त ऊर्जा के उत्तर
प्रदेश का विकास संभव नहीं है। औद्योगिक विकास में ऊर्जा की सबसे महत्वपूर्ण
भूमिका होती है। पूंजीनिवेश के लिए तभी प्रवासी उद्यमी भी आकर्षित होगें। ऊर्जा से
जगमगाता उत्तर प्रदेश ही उत्तम प्रदेश बनेगा।