समाजवादी सरकार के मुखिया और उत्तर प्रदेश
के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाले मंत्रिपरिषद ने उत्तर
प्रदेश राज्य ऊर्जा संरक्षण निधि नियमावली, 2016 के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी
। उ.प्र.राज्य ऊर्जा संरक्षण, निधि उत्तर प्रदेश राज्य अभिहित अभिकरण द्वारा प्रशासित करेगी ।
ऊर्जा संरक्षण निधि नियमावली, 2016 के अन्तर्गत ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा
के कार्यकुशल उपयोग के सम्बन्ध में वैयक्तिक उपभोक्ताओं, उद्योगों,
वाणिज्यिक, संगठनों, छात्रों,
कृषकों आदि को सूचना प्रसारित करने के लिए विभिन्न जागरूकता
कार्यक्रमों हेतु राज्य अभिहित अभिकरण के माध्यम से व्यय उपगत किए गए ।
ऊर्जा के कार्यकुशल उपयोग एवं उसके संरक्षण
के लिए कार्मिकों और विशेषज्ञों के प्रशिक्षण हेतु राज्य अभिहित अभिकरण द्वारा
उपगत व्यय की पूर्ति करने का काम समाजवादी सरकार ने कराया था । उपस्करों और
उपकरणों के ऊर्जा उपभोग के प्रमाणीकरण और या सत्यापन सम्बन्धी परीक्षण के लिए
परीक्षण सुविधाएं सृजित करने में परीक्षण और प्रमाणीकरण प्रक्रिया विकसित की गयी
थी । विजनरी नेता के नेतृत्व में ऊर्जा कार्यकुशलता केन्द्र और केन्द्र सरकार की
परियोजनाओं में प्रोत्साहन हेतु और उसमें अंशदान करने के लिए ऊर्जा संरक्षण और
ऊर्जा कार्यकुशलता से सम्बन्धित निदर्शन, परियोजनाओं को विकसित करना तथा निष्पादित
करने का भी कार्य कराया गया था । इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश
में क्रियान्वित किए गए केन्द्रीय रूप से प्रायोजित योजनाओं और ऊर्जा कार्यकुशलता
केन्द्र की योजनाओं के समरूप अनुदान की पूर्ति भी करने का काम समाजवादी सरकार ने
करने का काम कराया था ।
ऊर्जा संरक्षण निधि को विनियमित और
नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव की
अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय संचालन समिति गठित कराई थी, जिसकी बैठक प्रत्येक 03
माह में कम से कम एक बार आयोजित करना तय किया गया था । इस समिति को अभिकरण
द्वारा कार्यान्वित किए गए क्रिया-कलापों की प्रगति की समीक्षा एवं अनुश्रवण का
काम भी दिया गया था ।