इटावा लायन सफारी, उत्तर प्रदेश
नेता
जी श्री मुलायम सिंह यादव ने जब सफारी पार्क का सपना देखा था,
तो उस समय उनकी सोच इस इलाके में रोजगार के मौके बढ़ाने, विकास और जिले की छवि बदलने की ही थी । अब यह सपना साकार होता दिखाई दे
रहा है । तत्कालीन सपा प्रमुख श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने 2003 के मुख्यमंत्रित्वकाल में लायन सफारी की शुरूआत कराई थी, लेकिन सरकार चले जाने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम रुक गया था । कुख्यात
डाकुओं के आंतक से अब तक जूझती रही चंबल की तस्वीर करीब डेढ़ दशक पहले बदलना शुरू
हो गयी थी । जब साल 2003 के मुख्यमंत्री काल में मुलायम सिंह
यादव ने डाकुओं के खिलाफ अभियान चला कर एक के बाद एक नामी डाकुओं को बाहर निकालकर
उन्हें नवजीवन देकर सामान्य दुनिया में जीने का अधिकार दिया था ।
इटावा
लायन सफारी, औपचारिक रूप से
इटावा सफारी पार्क के रूप में जाना जाता है, उत्तर प्रदेश
में जनता के लिए शेर खंड के बिना खोला गया । यह एक ड्राइव-थ्रू सफारी पार्क है जो
उत्तर प्रदेश के इटावा में स्थित है और यह 350 हेक्टेयर (860 एकड़) के क्षेत्रफल
के साथ एशिया के सबसे बड़े सफारी पार्कों में से एक है. इसे बच्चों के साथ-साथ
युवाओं के लिए एक शिक्षाप्रद पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. सफारी से
पर्यटकों को आकर्षित करने और इटावा को देश का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने की
उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश में बनकर तैयार हुआ एशिया का सबसे बड़ा
वाइल्डलाइफ सफारी पार्क भारत का उत्तर प्रदेश राज्य न सिर्फ अपनी पौराणिक संस्कृति,
बृहद आकार और प्राचीन स्थलों के लिए जाना जाता है बल्कि उत्तर
प्रदेश वाइल्ड लाइफ एडवेंचर के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के अलग
होने के बाद भी इस राज्य ने अपनी वन संपदा को बचाए रखा है। दुधवा नेशनल पार्क,
चंद्र प्रभा वन्य जीव अभयारण्य, चंबल वन्यजीव
अभयारण्य, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, ओखला
बर्ड सेंचुरी आदि उत्तर प्रदेश को प्राकृतिक रूप से खास बनाने का काम करते हैं।
हालांकि इस राज्य का भ्रमण ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से ज्यादा किया जाता है।
आपको जानकर खुशी होगी कि उत्तर प्रदेश जल्द ही एक ऐसा गंतव्य बनने वाला है जहां
एशिया के सबसे बड़े वाइल्डलाइफ सफारी पार्क का रोमांचक आनंद लिया जा सकेगा। आइए
जानते हैं वाइल्ड लाइफ पर्यटन को बढ़ावा दे रहे राज्य के इस खास प्रोजेक्ट के बारे
में। इटावा सफारी पार्क अगर आप जंगल एडवेंचर का शौक रखते हैं तो जल्द ही उत्तर
प्रदेश में एशिया का सबसे बड़े वाइल्ड लाइफ पार्क में सफारी का आनंद ले पाएंगे।
राज्य के इटावा शहर में ऐशिया के सबसे बड़े वाइल्ड लाइफ सफारी पार्क बनाकर तैयार
किया जा रहा है, जहां वन्य जीवन के साथ खूंखार जानवरों को भी
देखा जा सकेगा। इस बड़े प्रॉजेक्ट पर सरकार और राज्य वन्य विभाग कई सालों से लगा
हुआ है। यह सफारी पार्क 8 किमी के बड़े क्षेत्र को कवर करेगा। इस पार्क का नाम
पहले लायन सफारी इटावा रखा जा रहा था बाद में इस नाम के स्थान पर वर्तमान में 'इटावा सफारी पार्क' रखा गया। 4डी थियेटर सफारी इस
पार्क का निर्माण वन्य जीव सुरक्षा के साथ-साथ रोमांचक सफारी को ध्यान में रखकर
किया जा रहा है। जहां देश-विदेश के सैलानी एक वाइल्डलाइफ सफारी का आनंद ले पाएंगे।
'इटावा सफारी पार्क' में अलग अलग
सफारियों को व्यवस्था की गई है, जिसमें लायन सफारी, डियर सफारी, बियर सफारी और लेपर्ड सफारी शामिल हैं।
इसके अलावा यहां एक और खास इंतजाम '4डी थियेटर' का भी इंतजाम किया गया है, जिसके माध्यम से सैलानी
वन्य जीवन को बेहद करीब से देख सकेंगे । आगे जानिए इस पार्क से जुड़ी महत्वपूर्ण
बातें। राज्य का पुरना प्रोजेक्ट जानकारी के लिए बता हैं कि इटावा वाइल्ड लाइफ
सफारी प्रोजेक्ट की शुरूआत 2012 में की गई थी, उस वक्त राज्य
के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव थे, माना जाता है कि यह पार्क
उनका ड्रिम प्रोजेक्ट था । बता दें कि पार्क के निर्माण का काम तेजी से किया जा
रहा है, जल्द ही ऐशिया का सबसे बड़ा वाइल्ड लाइफ सफारी पार्क
पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा ।
उत्तर प्रदेश के अन्य अभयारण्य अगर आप अपने जंगल एडवेंचर को
दुगना करना चाहते हैं तो राज्य के लोकप्रिय वन्यजीव अभयारण्यों की रोमांचक सैर का
आनंद ले सकते हैं । भारत-नेपाल सीमा के करीब दुधवा नेशनल पार्क भारत के चुनिंदा
सबसे खास अभयारण्यों में गिना जाता है, जहां
आप विभिन्न वन्यजीवों और वनस्पतियों को देख सकते हैं। इस पार्क को 1980 में टाइगर
रिजर्व घोषित कर दिया गया था, जहां आप रॉयल बंगाल टाइगर को
देख सकते हैं । इसके अलावा भी राज्य में कई प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य मौजूद हैं
जिनमें चंद्र प्रभा वन्य जीव अभयारण्य, चंबल वन्यजीव
अभयारण्य, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, ओखला
बर्ड सेंचुरी आदि शामिल हैं । आप इन उद्यानों की सैर कर वन्यजीवन को करीब से देख
सकते हैं। कैसे पहुंचे इटावा इटावा उत्तर प्रदेश का एक बड़ा जाना माना शहर है जहां
आप परिवहन के तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा ग्वालियर
और आगरा एयरपोर्ट है, रेल मार्ग के लिए आप इटावा रेलवे
स्टेशन का सहारा ले सकते हैं । अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों के माध्यम से भी
पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों के द्वारा इटावा राज्य
के बड़े शहरों और राजधानी दिल्ली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है ।
बहन
सुश्री मायावती की सरकार जाने के बाद श्री अखिलेश यादव जैसे ही उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री बने, एक बार फिर से इस
पर बड़ी तेजी से काम शुरू कर दिया गया । लेकिन इच्छा
शक्ति दृढ़ न होने के चलते इस पर काम नहीं हो सका । जैसे ही सूबे में योगी सरकार आई
लायन सफारी के काम मे तेजी से काम कराया गया और पर्यटन की ओर से सभी व्यवस्था कर
तैयार कराया । उसके बाद इटावा को पर्यटन मानचित्र पर लाने की गरज से बीहड़ में लायन
सफारी की स्थापना की रूपरेखा शुरू कराई। इटावा मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर
स्थित फिशर वन इटावा में आजादी से पहले तैनात रहे अंग्रेज अफसरों के लिए मनोरंजन
का खासा स्थान बना रहा है ।
इटावा लायन सफारी समाजवादी सरकार के समाजवादी विकास विजन का एक
शानदार उदाहरण हैं । यह एक शानदार सफारी पार्क है जो इटावा,
उत्तर प्रदेश में स्थित है । यह 350 हैक्टेयर में फैला हुआ है ।
इटावा सफारी पार्क उत्तर प्रदेश के इटावा में वन्यजीव सफारी पार्क, और 8 किमी के परिधि के साथ एशिया में सबसे बड़ा
ड्राइव है । यह ताजमहल, आगरा शहर से 2 घंटे
की ड्राइविंग दूरी और राज्य की राजधानी लखनऊ से करीब 3 घंटे
की ड्राइविंग दूरी पर स्थित है । समाजवादी सरकार के विजन को पूरा करने के लिए इस
परियोजना के लिए समाजवादी नेतृत्व की प्रेरणा से वन्यजीव अधिकारियों ने इंग्लैंड
के लोंगलीट सफारी पार्क का दौरा किया । इसमें एक शेर सफारी, एक
हिरण सफारी, एक हाथी सफारी, भालू सफारी
और एक तेंदुए सफारी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था । इसमें पहले से ही स्टीम
लोकोमोटिव के साथ भारतीय सेना के दो विजयंत टैंक हैं । इसमें 4 डी रंगमंच भी है, जो आपको वन्यजीवन के साथ वास्तविक
क्लोजअप देता है ।
आधुनिक
समाजवाद के प्रणेता मुलायम सिंह यादव के गृह जिले इटावा में जंगल के राजा शेर के
प्राकृतिक वास की योजना लायन सफारी को रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया ।
इटावा जिला मुख्यालय से सटे फिशर फारेस्ट में बने लायन सफारी पार्क को अमली जामा
पहनाने के लिये आधुनिक विकास के नेतृत्वकर्ता अखिलेश यादव सरकार के युद्ध स्तर पर
कार्य किया गया । शेरों के संरक्षण और विकास के लिये यह अपने आप में देश की केवल दूसरी
परियोजना है। गुजरात के गिर के बाद उत्तर प्रदेश में पहला शेर प्रजनन केन्द्र एवं
लायन सफारी को अब अमली जामा पहनाया गया । दो चरणों में तैयार होने वाली इस
महात्वाकांक्षी परियोजना को राज्य सरकार ने मंजूरी प्राथमिकता के आधार पर दी थी ।
परियोजना की विशेषता है कि यहां जंगल के राजा बब्बर शेर को किसी जंगल या चिड़ियाघर
से लाकर नहीं छोड़ा जाएगा बल्कि यहीं स्थापित होने वाले प्रजनन केन्द्र में नर एवं
मादा शेर एक साथ रखे जायेंगे । शेरों का प्रजनन कराने के बाद प्राकृतिक वास में
उन्हें तैयार कर स्वछंद विचरण किये छोडे जाने का अनुपम प्रयास अखिलेश सरकार ने
किया ।
सफारी पार्क की विशेषताएँ-
इस सफारी पार्क की खास बात यह
है कि इसमें 5 तरह की सफारी करवायी जाएगी जिसमें लायन (सिंह) सफारी,
डियर (हिरण) सफारी, बेयर (भालू) सफारी और
लेपर्ड (तेंदुआ) सफारी शामिल हैं । इसके अलावा यहां एक 4डी थियेटर भी बनाया गया है
जिसमें वन्य जीवन को बेहद नजदीक से देखने का मौका मिलेगा । यह एशिया का सबसे बड़े
सफारी पार्को में से एक है। एक समय में एशियाई शेर पश्चिम में फारस, मिस्त्र, बलूचिस्तान, सिन्ध,
पूर्व में बंगाल, उत्तर में रामपुर वे
रूहेलखण्ड एवम् दक्षिण में नर्मदा नदी तक पाया जाता था। मुगल काल में शिवालिक
पर्वत माला के नीचे स्थित वनों तथा अरावली की पहाड़ियों में एशियाई बब्बर शेर
बहुतायत में थे । मानव जनसंख्या में वृद्धि, मानव वन्यजीव
संघर्ष, वनों के अत्यधिक दोहन व शिकार के कारण शेरों का
पूर्ण समूह इस क्षेत्र से विलुप्त हो गये ।
वर्तमान में एशियाई बब्बर शेरों की
थोड़ी संख्या गुजरात के गिर वन तक सीमित होकर रह गई है । एशियाई शेर (Panthera
leo persica) भारतीय शेर के नाम से भी जाना जाता है । वर्ष 1990-91
में यमुना नदी जलागम क्षेत्र की पुरानी प्रतिष्ठा वापस लाने हेतु
यमुना नदी के किनारे इटावा शहर के बाहरी क्षेत्र में अवस्थित फिशर वन को शेर के
मुक्त भ्रमण व लायन सफारी पार्क हेतु उपयुक्त माना गया । वर्ष 2012-13 में इटावा जनपद के फिशर वन क्षेत्र के 350 हे. में
बब्बर शेर प्रजनन केंद्र व सफारी पार्क की योजना केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण
एवं वन मंत्रालय
क्र.सं. |
कार्य का विवरण |
क्षेत्रफल |
1 |
बब्बर शेर प्रजनन केन्द्र, पशु चिकित्सालय व नियोनेटल सेंटर |
05 हे0 |
2 |
बब्बर शेर सफारी |
50 हे0 |
3 |
लेपर्ड सफारी |
21 हे0 |
4 |
बियर सफारी |
21 हे0 |
5 |
एंटीलोप सफारी |
30 हे0 |
6 |
हिरनसफारी |
31 हे0 |
7 |
विजिटर फैसिलिटेशन सेंटर |
05 हे0 |
8 |
आवासीय व अनावासीय |
03 हे0 |
भारत
सरकार से अनुमति प्राप्त कर प्रारम्भ किया गया है ।
एशियाई
शेर की यह उपजाति आईयूसीएन ने इसे लुप्तप्राय श्रेणी में सूचीबद्ध किया है । अखिलेश
यादव के विजन के शानदार उदाहरण को देखे तो उन्होंने बब्बर शेर की गौरवशाली
पृष्ठभूमि से प्रेरित होकर यमुना नदी जलागम वन क्षेत्र की पुरानी प्रतिष्ठा वापस
लाने हेतु यमुना नदी के किनारे इटावा के फिशर वन क्षेत्र को शेर के मुक्त भ्रमण व
लायन सफारी पार्क हेतु उपयुक्त माना गया और इस वृहद परियोजना को मूर्त रूप दिया
गया ।
समाजवादी विजनरी नेता श्री अखिलेश यादव सरकार की
महत्वकांक्षी परियोजना की विशेषताएं-
पशु
चिकित्सालय व नियो नेटल सेंटर
समस्त
आधुनिक सुविधा युक्त व नई तकनीकि युक्त उपकरणों से सज्जित पशु चिकित्सालय स्थापित
है । जहां 02 पशु चिकित्सक, 01 लैब
टैक्नीशियन, 01 कम्पाउण्डर तैनात है । नये शावक या ऐसे शावक
जिन्हें मादा नहीं पालती है उन्हें पालने के लिए सर्वसुविधा युक्त नियो नेटल सेंटर
स्थापित है ।
बब्बर शेर सफारी
लायन सफारी कुल 50 हे. में विकसित है।
केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के मानकों के अनुसार पर्याप्त शेरों की संख्या हो
जाने पर सफारी पर्यटकों हेतु संचालित की जा सकेगी ।
लेपर्ड सफारी
यह सफारी 21 हे. क्षेत्र
में फैली हुई है जिसके अन्तर्गत कृत्रिम गुफा व इंरिचमेंट की सुविधा उपलब्ध है।
वर्तमान में 04 लेपर्ड इस सफारी हेतु उपलब्ध है ।
बियर सफारी
21 हे. क्षेत्र
में स्थापित यह सफारी हेतु 01 मादा - कुनि व 02 नर भालू -भोलू व कालिया उपलब्ध है।
एंटीलोप
सफारी
कुल 30. हे क्षेत्र
में विस्तारित सफारी में 55 ब्लैक बक व 3 नील गाय अद्यतन उपलब्ध है । यह सफारी पर्यटकों हेतु संचालित होने की
स्थिति में है ।
हिरन सफारी
31 हे. क्षेत्र
में विस्तारित हिरनसफारी में कुल 10 सांभर व 32 चीतल विचरण कर रहे है। यह सफारी भी पर्यटकों हेतु संचालित होने की स्थिति
में है ।
बब्बर शेर प्रजनन केन्द्र
इस
केन्द्र की स्थापना वर्ष 2012-13 में की गई थी । जिसके अन्तर्गत 05 हे. क्षेत्र में 04 सेल विकसित किये गये थे ।
जिसमें अद्यतन 05 नर शेर व 02 मादा
शेरनी ब्रीडिंग स्टॉक के रूप में उपलब्ध है । इसके अतिरिक्त प्रजनन केन्द्र में
पैदा हुए 1 नर शावक -भारत और 2 मादा
शावक-सोना और रूपा लगभग 5 महीने के, 2 नर
शावक सिम्बा व सुल्तान लगभग 29 माह के व 1 नर शावक बाहुबली 14 माह के पल रहे है।
विजिटर फैसिलिटी सेंटर
यह केन्द्र 05 हे. क्षेत्र
में विस्तारित है । इस केन्द्र में थीमिंग प्लान संरचना स्पेन के गोनाइडिंग तकनीकी
के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ फ्रैंक विडाल द्वारा बनाई गई है । इस
क्षेत्र में भव्य प्रवेश द्वार, आर्टीफिशियल झील, आस्ट्रिया से तकनीकी प्राप्त कर 4डी थियेटर, फूड कोर्ट, सोविनियर शॉप, प्रकृति
चित्रण केन्द्र, टिकट काउण्टर व पार्किंग क्षेत्र के अलावा
इजरायल द्वारा विकसित तकनीकी का मल्टी मीडिया सेंटर विकसित किया गया है। 350
हे. में वर्ष 2013 में प्राकृतवास सुधार एवं
विकास कार्य (350 हेक्टेयर क्षेत्र से 200 हे. क्षेत्र में प्रोसोपिस
ज्यूलीफ्लोरा का समूल उन्मूलन कर पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर, मौलश्री, शीशम, कचनार, सिरस, कंजी, नीम, छितवन, कदम आदि विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण तथा खैर, कंजी, अर्रू, पलास, छैकुर, रेमज, चिलबिल आदि का
बीज बुवान किया गया है । उक्त कार्यों से बीहड़ क्षेत्र में भूमि व जल संरक्षण बढ़ने
के परिणाम दृष्टिगोचर होने लगे हैं तथा पक्षियों की लगभग 192 विभिन्न प्रजातियाँ दिखने लगी हैं ।
इटावा सफारी पार्क के स्थापना एवं पर्यटकों हेतु खोले जाने
की स्थिति में उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी । जहां पर्यटक आगरा में
एतिहासिक स्थलों के भ्रमण के बाद मात्र 02 घंटे से भी कम समय की
यात्रा कर वन्य जीव खासकर एशियाई शेर का दीदार कर सकेंगे ।
सफारी पार्क के लाभ
सफारी
पार्क में इकोरेस्टोरेशन कार्य के अन्तर्गत 600 एकड़ बाहरी क्षेत्र में नीम, शीशम, पीपल, काला शीशम,
बरगद, पाकड़, बेल,
महुआ, कदम्ब, सिरस,
अकेसिया आरिकुलीफार्मिस व इमली सहित स्थानीय जलवायु व मृदा के
अनुकूल विभिन्न प्रजातियां रोपित की गई हैं । जिससे प्राप्त होने वाले लाभ अग्रलिखित
हैं-
·
स्थानीय
सूक्ष्म जलवायु में सुधार होगा।
·
फिशर
वन की जैव विविधता में वृद्धि होगी।
·
वनावरण
में वृद्धि होगी।
·
पक्षी
विविधता, कीट-पतंगों, तितली प्रजाति आदि की संख्या
में वृद्धि होगी।
·
स्थानीय
समुदाय को रोजगार के अवसर उपलब्ध होने।
·
ईको
पर्यटन का बढ़ावा ।
·
भू
गर्भ जलस्तर में सुधार भी होगा।
·
प्राकृत-वास विकसित कर बबर शेरों का
स्वच्छन्द विचरण पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र होगा।
केन्द्रीय
चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई
दिल्ली के सहयोग से उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क, इटावा
में पहली बार उत्तरी क्षेत्र जू-कीपर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 26.11.2018
से 01.12.2018 तक किया गया । इस प्रशिक्षण
सत्र में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल
प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश,
जम्मू-कश्मीर एवं नई दिल्ली राज्यों के कुल 35 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया । टीएसए, लखनऊ एवं इटावा
सफारी पार्क, इटावा के सहयोग से पक्षियों की पहचान करना आदि
के सम्बन्ध में डा. ए. आर. रहमानी पूर्व निदेशक, बोम्बे नेचुरल
हिस्ट्री सोसाइटी की अध्यक्षता में दिनांक 08.02.2019 से 10.02.2019
तक आयोजित की गयी थी । इस प्रशिक्षण कार्यशाला में वन विभाग,
स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा, दिल्ली
विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विष्वविद्यालय, भारतीया विद्यापीठ पुणे के कुल 20 प्रतिभागियों ने
प्रतिभाग किया गया । इटावा सफारी पार्क, इटावा द्वारा 02
दिवसीय चिड़ियाघरों में इंरिचमेंट अभ्यास कार्यशाला का आयोजन दिनांक 22.02.2019
से 23.02.2019 तक किया गया था । इस कार्यशाला
में प्रदेश के नबाब वाजिद अली शाह प्राणि
उद्यान, लखनऊ, कानपुर प्राणि उद्यान
कानपुर एवं शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर के जू-कीपरों के साथ साथ
इटावा सफारी पार्क के कीपरों द्वारा प्रतिभाग किया गया था । इस प्रशिक्षण
कार्यक्रम में कुल 20 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया था । दिनांक
09-12-2019 से 13-12-2019 तक इटावा
सफारी पार्क में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सहयोग से उत्तरी क्षेत्र चिड़ियाघर
प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । जिसमे 07 राज्यों
के 22 चिड़ियाघरों से 31 ज़ू-कीपरों ने
प्रतिभाग किया था । कार्यक्रम का उद्घाटन श्री सुनील पांडेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, उत्तर प्रदेश एवं श्री संजय श्रीवास्तव, अपर प्रधान
मुख्य वन संरक्षक, ईको विकास, उत्तर
प्रदेश ने किया। इस अवसर पर सफारी पार्क के निदेशक श्री वी.के. सिंह द्वारा मुख्य
अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को बुके देकर सम्मानित किया गया । इस मौके पर सफारी पार्क
के उप निदेशक श्री सुरेश चंद्र राजपूत द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया ।
इटावा सफारी पार्क, इटावा में दिनांक 14.01.2020 व 15.01.2020 को दो दिवसीय Enrichment
Practices in Zoo & Safari का आयोजन किया गया। जिसमें कानपुर प्राणि
उद्यान कानपुर, नबाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान लखनऊ,
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान गोरखपुर एवं इटावा सफारी पार्क,
इटावा के कुल 13 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया
पर्यटकों के लिए लायन सफारी के दीदार हेतु सेंट्रल जू अथॉरिटी ने
हटाई कठिन शर्ते-
चंबल
के बीहड़ मे स्थापित लायन सफारी को आम पर्यटको के लिए खोले जाने की कड़ी शर्तों के
हटा लेने के बाद अब इसके जल्द खोले जाने का रास्ता साफ हो गया है । इसी के साथ ही
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि पर्यटको को शेरो के दीदार होना शुरू हो जाएंगे ।
इटावा
सफारी पार्क के रेंजर विनीत सक्सेना ने आज यहां बताया कि अब सेंट्रल जू अथॉरिटी
(सीजेडए) ने इन सभी शर्तों को हटा लिया है और कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त
दुरूस्त रखा जाए । इसके साथ ही सभी व्यवस्थाएं पूरी करके सफारी को अप्रैल के महीने
में पर्यटकों के लिए खोले जाने की तैयारी चल रही है। जिससे पर्यटक शेरों के भी
दीदार कर सकेंगे। इटावा सफारी पार्क में लायन सफारी ही मुख्य आकर्षण है। लोग लायन
सफारी का नाम सुनकर यहां आते हैं लेकिन शेरों को न देख पाने से मायूस होकर चले
जाते हैं। अब अप्रैल में लायन सफारी को खोल दिए जाने के बाद पर्यटकों की यह निराशा
भी दूर हो जाएगी । इटावा सफारी
में बनाई गई लायन सफारी को पर्यटकों के लिए खोले जाने का रास्ता अब पूरी तरह साफ
हो गया है क्योंकि लायन सफारी को खोलने के लिए दस शेरों का प्राइड (समूह) होने की
जो कडी शर्त लगाई गई थी, उसे सीजेडए (सेंट्रल जू अथारिटी) ने
पूरी तरह हटा लिया है । अब जो शेर सफारी में हैं उन्ही से अप्रेल में लायन सफारी
को खोल दिया जाएगा । इसके साथ ही सुरक्षा मानकों को दुरूस्त करने के लिए भी कहा है
ताकि खतरे की कोई आशंका न रहे ।
लायन सफारी को खोले जाने के लिए काफी समय से
प्रयास किए जा रहे थे लेकिन इसे खोलने के लिए सीजेडए ने दस शेरों का प्राइड बनाने
के साथ ही उसमें नर और मादा शेरों की संख्या भी निर्धारित कर दी थी,
जिसके चलते कठिनाई हो रही थी । इसे देखते हुए सफारी प्रशासन ने
सीजेडए से इन कड़ी शर्तों में छूट देने की मांग की थी । इस मामले में एक पत्र भी
भेजा गया था । यह शर्तें लायन सफारी को खोले जाने के मार्ग में बडी बाधा बन गईं
थीं । लायन सफारी में इस समय शेरनी जेसिका,
हीर, जेनिफर, तेजस्वनी व
मरियम-शेर मनन, पटौदी व वीगो -शावक शिंबा, सुल्तान, बाहुवली -जेसिका के तीन शावक -शेरनी
महेश्वरी के नर व मादा शावक। -शेरनी राधा का मादा शावक हैं ।