बसपा-सपा सरकारों में संचालित आश्रम पद्धति से विद्यालय
संचालन
कक्षा
1
से 12 तक (प्रत्येक कक्षा में 40 छात्र) अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, स्वच्छकार, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग के
छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा, आवास, भोजन, वस्त्र, स्टेशनरी एवं
खेलकूद की सुविधा प्रदान की जाती थी। शासन द्वारा 90 राजकीय
आश्रम पद्धति विद्यालय स्वीकृत हैं जिसमें 76 विद्यालय
संचालित थे और 14 निर्माणाधीन थे । इस योजनान्तर्गत अनुसूचित
जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सामान्य वर्ग के क्रमश: 60,
25, 15 प्रतिशत गरीब बच्चों को प्रवेश परीक्षा में मेरिट के आधार पर
प्रवेश दिये जाने का प्रावधान था । संचालित 76 विद्यालयों की
कुल स्वीकृत प्रवेश क्षमता 36480 छात्र/छात्राओं की थी।
इसके
अतिरिक्त स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से 3 विद्यालय भी संचालित थे, जिन्हें राज्य सरकार
द्वारा शत-प्रतिशत वित्तीय अनुदान प्रदान किया जाता था । इन विद्यालयों में प्रति
छात्र रु. 1200/- प्रतिमाह
की दर से भोजन पर व्यय किया जाता था । लेखन सामग्री के रूप में प्रतिवर्ष प्रति
छात्र रु. 100/-, सूती वस्त्र पर रु. 850/-, गर्म वस्त्र पर रु. 1500/- तथा कक्षा 9-12 तक पाठ्य पुस्तक हेतु रु. 1000/- वार्षिक निर्धारित
थे ।