अखिलेश यादव द्वारा वृंदावन चन्द्रोदय मंदिर, वृन्दावन उत्तर प्रदेश का शिलान्यास
वृंदावन
चन्द्रोदय मंदिर उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में भगवान कृष्ण को समर्पित एक मंदिर है,
का शिलान्यास उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव द्वारा 16 मई होली की पावन अवसर पर हुआ था । 
वृंदावन
चन्द्रोदय मंदिर उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में भगवान कृष्ण को समर्पित एक मंदिर है
जो अभी निर्माणाधीन है । इसे कुल 300 करोड़
की लागत से निर्मित किया जा रहा है । इस मंदिर के मुख्य आराध्य देव भगवान कृष्ण
होंगे । इस मंदिर का सबसे विशिष्ट आकर्षण यह है कि योजनानुसार इस अतिभव्य मंदिर की
कुल ऊंचाई करीब 700 फुट यानी 213 मीटर (जो किसी 70-मंजिला इमारत जितना ऊंचा है)
होगी,
जिस के पूर्ण होने पर, यह विश्व का सबसे ऊंचा
मंदिर बन जाएगा । इसके गगनचुम्बी शिखर के अलावा इस मंदिर का विशेष आकर्षण यह है कि
मंदिर परिसर में 26 एकड़ के भूभाग पर चारों ओर 12 कृत्रिम वन बनाए जाएंगे, जो मनमोहक हरे-भरे फूलों और फलों से लदे वृक्षों, रसीले
वनस्पति उद्यानों, हरी लंबी चराईयों, हरे
घास के मैदानों, फलों का असर पेड़ों की सुंदर खा़काओं,
पक्षी गीत द्वारा स्तुतिगान फूल लदी लताओं, कमल
और लिली से भरे साफ पानी के पोखरों एवं छोटी कृत्रिम पहाड़ियों और झरनों से भरे
होंगें, जिन्हें विशेष रूप से पूरी तरह हूबहू श्रीमद्भागवत
एवं अन्य शास्त्रों में दिये गए, कृष्णकाल के ब्रजमंडल के 12
वनों (द्वादशकानन) के विवरण के अनुसार ही बनाया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को
कृष्णकाल के ब्रज का आभास कराया जा सके ।
5 एकड़ के पदछाप वाला यह मंदिर कुल 62 एकड़
की भूमि पर बन रहा है, जिसमें 12 एकड़ पर
कार-पार्किंग सुविधा होगी, और एक हेलीपैड भी बनाया जाएगा ।
मुख्य मंदिर की रूपाकृती पारंपरिक नागरा
वास्तुशैली और आधूनिक वास्तुशैली का मिश्रण है । मंदिर का आधार-भाग मूलतः नागरा
शैली में बनाया जा रहा है एवं शिखर किसी आधूनिक गगनचुम्बी ईमारत की आकृति बनाई जा
रही है,
जिसमें पारंपरिक और आधूनिक शैली का मिश्रण देखा जा सकेगा । साथ ही
शिखर की मुहार में कांचयुक्त आवरण भी होगा । शिखर की संरचना के केंद्र से एक सुरंग
गुज़रेगी जिसमे से आगंतुक एक बबल-लिफ्ट की मदद से चर्मोत्कर्ष पर स्थित दर्षण पटल
तक जा सकेंगे, जिस पर से पूरे ब्रजमंडल का मनमोहक दृश्य दखा
जा सकेगा । इसके अलावा संपूर्ण परिसर में 12 कृत्रिम वन होंगे जिन्हें भागवद पुराण
के विवरणानुसार फूलों और फलों से लदे वनस्पती उद्यानों, लंबी
चराईयों, हरे मैदानों और कमल और लिली से भरे पोखड़ों और
पहाड़ियों के साथ बनाया जाएगा। पूरा परिसर 26 एकड़ की भूमि पर फैला होगा और इसमें
12 एकड़ की पार्किंग सुविधा भी उप्लब्ध होगी ।
इस निर्माण परियोजना के संरचनात्मक डिजाइन
सलाहकार आईआईटी दिल्ली के सिविल इंजीनियरिंग विभाग से हैं,
और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट थार्नटन टॉमासेटी, संयुक्त
राज्य अमेरिका है । मुख्य वास्तुकार हैं इनजीनियस स्टूडियो प्रा. लि., गुड़गाँव एवं क़विंटेस्सेन्स डिज़ाइन स्टूडियो, नौएडा
कृत्रिम वनों के निर्माण के लिये हैं । एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन
और एयर कंडीशनिंग) गुप्ता कंसल्टेंट्स ऐंड एसोसिएट्स द्वारा स्थापित किया जाएगा
एवं सभी विद्युत उपकरण और तारें डबल्यूबीजी कंसल्टेंट्स की मदद से लगाई जाएंगी ।
बेहरा एंड एसोसिएट्स को पीएचई और आग परामर्शदाता के रूप में शामिल किया जाएगा ।
मुख्य मंदिर के शिखर में(प्रवेश द्वार पर पारंपरिक नागरा वास्तुकला के आलावा) 70
वीं मंजिल तक कंच-युक्त मुहार के तत्व होंगे । मंदिर के इस पहलू के निर्माण के
लिये मुंबई के भवन-आवरण विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा । एलडीपी प्रा., ऑस्ट्रेलिया प्रकाशआभा डिज़ाइन परामर्शदाता के रूप में निर्माण परियोजना
में शामिल होगी एवं आरडब्ल्यूडीआई(RWDI) (कैनडा-भारत) पवन
सुरंग विश्लेषण संबंधित परामर्श प्रदान करेंगे । पिंकर्टन (अमरीका-भारत) पूरे
मंदिर के लिए भौतिक सुरक्षा परामर्श प्रदान करेगा। हरियाणा के ग्रीन होराईज़न
कन्सल्टिंग एलएलपी ग्रीन बिल्डिंग सुविधा और बिल्डिंग ऊर्जा सिमुलेशन का ख्याल
रखेंगे। दिल्ली की एचपीजी कंसल्टिंग एक अपशिष्ट प्रबंधन(वेस्ट मैनेजमेंट), रसोई और वाह सलाहकार के रूप में इस परियोजना का एक हिस्सा होगा । डनबर और
बोर्डमैन , लंदन, कार्यक्षेत्र परिवहन
सलाहकार(वर्टिकल-ट्रान्सपेर्ट कंसल्टेन्ट) के रूप में इस परियोजना में शामिल किया
जाएगा ।
राम मंदिर
का भूमि पूजन पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का ट्वीट, बोले- जय महादेव, जय सिया-राम
Wed, 05 Aug 2020 11:40 AM
अयोध्या राम मंदिर भूमि पूजन (Ram Mandir Bhumi Poojan) के अवसर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था,
जय
महादेव जय सिया-राम
जय राधे-कृष्ण जय हनुमान
भगवान शिव के कल्याण, श्रीराम के अभयत्व व
श्रीकृष्ण के उन्मुक्त भाव से सब परिपूर्ण रहें!
आशा है वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियां भी मर्यादा पुरूषोत्तम
के दिखाए मार्ग के अनुरूप सच्चे मन से सबकी भलाई व शांति के लिए मर्यादा का पालन
करेंगी.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August
5, 2020