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किसानों के लिए अखिलेश सरकार की महत्वपूर्ण पहल और प्रयास Important initiatives and efforts of Akhilesh government for farmers

 

किसान सहकारी चीनी मिल रसड़ा, जनपद बलिया का मालिकाना हक सुरक्षित रखते हुए इन्टीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित करने हेतु निजी निवेशक को दीर्घकालीन लीज पर दिए जाने का निर्णय !


 

       .प्र. सहकारी चीनी मिल्स संघ लि. की बन्द पड़ी किसान सहाकारी चीनी मिल लि., रसड़ा जनपद बलिया का मालिकाना हक सुरक्षित रखते हुए इन्टीग्रेटेड शुगर कॉम्पलेक्स के रूप में विकसित करने हेतु निजी निवेशक को दीर्घकालीन लीज पर दिए जाने हेतु गन्ना आयुक्त एवं निबन्धक, सहकारी चीनी मिल समितियां को राज्य सरकार के मन्तव्य से अवगत कराए जाने का निर्णय लिया ।

       ज्ञातव्य है कि किसान सहकारी चीनी मिल लि., रसड़ा जनपद बलिया का अधिकांश अंश राज्य सरकार द्वारा धृत है । इसलिए जनहित के मद्देनजर राज्य सरकार ने उ.प्र. सहकारी समिति (संशोधन) अधिनियम, 2007 की धारा-125 (क) के तहत गन्ना आयुक्त एवं निबन्धक सहकारी चीनी मिल समितियां उत्तर प्रदेश को यह मंतव्य व्यक्त किया ।

       ज्ञातव्य है कि रसड़ा चीनी मिल का संचालन पेराई सत्र 2013-14 से बन्द है। पुरानी चीनी मिल के संचालन से लाभप्रदता नहीं होने के कारण इसे बन्द कर दिया गया था, दिनांक 31 मार्च, 2015 तक रसड़ा चीनी मिल को 22021.07 लाख रुपये की शुद्ध हानि हो चुकी है । किसान सहकारी चीनी मिल रसड़ा (बलिया) सुव्यवस्थित व्यवसाय नहीं कर पा रही है । चीनी उद्योग के वर्तमान परिवेश में चीनी मिलों को एकल रूप के बजाए इन्टीग्रेटेड शुगर कॉम्पलेक्स यथा-चीनी मिल, आसवनी, कोजन प्लान्ट आदि समेकित रूप से चलाना लाभप्रद है ।

       गन्ना प्रदेश की मुख्य नकदी फसल है, इस कारण रसड़ा चीनी मिल जो बन्द हो गई है, को किसानों की समृद्धि एवं प्रदेश के विकास की दृष्टि से इन्टीग्रेटेड शुगर कॉम्पलेक्स के रूप में चलाए जाने की आवश्यकता है, इसमें लगभग 400 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश की आवश्यकता होगी । इतनी बड़ी मात्रा में पूँजी निवेश मिल/संघ के स्तर से सम्भव नहीं है, इस कारण निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है ।

 

 

 

 

 

मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल की क्षमता विस्तार एवं कोजनरेशन प्लान्ट की स्थापना तथा उ0प्र0 सहकारी चीनी मिल्स संघ लि. की आसवनी इकाइयां एवं सहयोगी आसवनी इकाइयों में जीरो लिक्विड डिस्जार्च संयंत्रों की स्थापना हेतु ऋण प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शासकीय गारण्टी दिए जाने का निर्णय

 

 

       मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम की चीनी मिल मोहिउद्दीनपुर की क्षमता विस्तार एवं 15 मेगावाट के कोजनरेशन प्लान्ट की स्थापना हेतु यूनियन बैंक ऑफ़ इण्डिया, चांदगंज शाखा, लखनऊ से 73.96 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त करने हेतु शासकीय गारण्टी तथा उ.प्र. सहकारी चीनी मिल्स संघ की आसवनी इकाई अनूपशहर, ननौता तथा सहकारी चीनी मिलों यथा-सम्पूर्णानगर, कायमगंज, घोसी तथा नानपारा आसवनी इकाइयों में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज संयंत्रों की स्थापना हेतु राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एन.सी.डी.सी.) से 147.42 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त करने हेतु शासकीय गारण्टी प्रदान किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी ।

 

 

पेराई सत्र 2016-17 के लिए सहकारी चीनी मिल्स संघ की चीनी मिलों हेतु शासकीय गारण्टी देने तथा इस शासकीय गारण्टी

पर गारण्टी शुल्क माफ करने का फैसला!

 

       समाजवादी सरकार के मंत्रिपरिषद ने पेराई सत्र 2016-17 के लिए उ.प्र. सहकारी चीनी मिल्स संघ लि. की कुल 23 चीनी मिलों हेतु 2001.14 करोड़ रुपये की नकद साख सीमा के विरुद्ध शासकीय गारण्टी प्रदान किए जाने तथा इस शासकीय गारण्टी पर देय गारण्टी शुल्क 5 करोड़ रुपये को माफ किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी थी ।

 

 

 

 

 

 

 

चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 का कार्यकाल जनवरी, 2018 तक बढ़ाने का निर्णय

 

       समाजवादी मंत्रिपरिषद ने चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 के कार्यकाल को प्रदेश के औद्योगिक हित को ध्यान में रखते हुए एक अतिरिक्त वर्ष अर्थात जनवरी, 2018 तक बढ़ाने का निर्णय लिया था । यह नीति जनवरी, 2017 में समाप्त हो रही थी ।

       ज्ञातव्य है कि प्रदेश में चीनी उद्योग को बढ़ावा देने तथा पूँजी निवेश को आकर्षित करने हेतु चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति दिनांक 28 जनवरी, 2013 को मंत्रिपरिषद के अनुमोदन के पश्चात घोषित की गई थी । इस नीति में प्रदेश के 24 चिन्हित जनपदों के अतिरिक्त जनपद शाहजहांपुर में भी नई चीनी मिल तथा उसके सह उत्पाद स्थापित किए जाने की व्यवस्था है ।

नीति के तहत विभिन्न प्रकार की छूटे एव रियायतें भी कतिपय शर्तों  एवं प्रतिबन्धों के अधीन प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई । इस नीति के अन्तर्गत अब तक 23 कम्पनियों/इकाइयों की 40 विभिन्न परियोजनाएं स्थापित करने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनका पंजीकरण किया जा चुका था । पंजीकृत कम्पनियों/इकाइयों में से 07 कम्पनियों/इकाइयों द्वारा परियोजना का कार्य पूर्ण करने के पश्चात व्यावसायिक उत्पादन भी प्रारम्भ किया जा चुका था । इस नीति के अन्तर्गत पंजीकृत अन्य चीनी मिलों द्वारा प्रस्तावित विभिन्न परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर था । इसलिए इन चीनी मिल समूहों द्वारा चीनी उद्योग, को-जनरेशन एवं आसवनी प्रोत्साहन नीति-2013 का कार्यकाल बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

तिलहनी फसलों के बीजों पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं सोनभद्र, फतेहपुर एवं मिर्जापुर के किसानों को अनुमन्य अनुदान में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर-


       समाजवादी मंत्रिपरिषद ने प्रमाणित बीजों पर अनुदान दिए जाने की योजना के तहत तिलहनी फसलों के बीजों पर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपदों एवं जनपद सोनभद्र, फतेहपुर एवं मिर्जापुर के लिए विशेष प्रोत्साहन हेतु कृषकों को उन्नतशील प्रजातियों पर अनुमन्य अनुदान में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी ।
इसके तहत खरीफ 2016 में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 7 जनपदों तथा मिर्जापुर, सोनभद्र एवं फतेहपुर कुल 10 जनपदों में तिल की 15 वर्ष तक की अधिसूचित प्रजातियों के बीज वितरण पर केन्द्र से देय अनुदान के अतिरिक्त, राज्य सरकार से निर्धारित विशेष अनुदान 8 हजार 800 रुपए प्रति कुन्तल को संशोधित कर 5 हजार 500 रुपए प्रति कुन्तल करने का निर्णय लिया गया।
       यह निर्णय भारत सरकार, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय (आयल सीड डिवीजन), कृषि भवन, नई दिल्ली के पत्र संख्या-1-1/2015-एमएम-आई(ओएस) दिनांक 11 फरवरी, 2016 के क्रम में लिया गया ।

सुपारी, आयरन एण्ड स्टील तथा खाद्य तेल के परिवहन में फार्म-21 की अनिवार्यता की सीमा में संशोधन का निर्णय!

       समाजवादी मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 की धारा 21(4) के अन्तर्गत सुपारी, आयरन एण्ड स्टील तथा खाद्य तेल के परिवहन के समय इनके साथ फार्म 21 रखे जाने की अनिवार्यता की वर्तमान सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया था । सके तहत 50 हजार रुपए या इससे अधिक मूल्य के मैन्था आयल/डी-मेन्थलाइज्ड आयल (डीएमओ)/मेन्थाल तथा 1 लाख रुपए अथवा इससे अधिक मूल्य के सुपारी आयरन एण्ड स्टील तथा खाद्य तेल के परिवहन के सम्बन्ध में फार्म-21 में ट्रान्सपोर्ट मेमो की व्यवस्था लागू की गई है । साथ ही, इस अधिनियम की धारा 21(4) के अन्तर्गत जारी अधिसूचना संख्या-क.नि.-2-1439/ ग्यारह-9(13)/ 2010 –उ.प्र. अधि.-5-2008-आदेश- (64)-2010 दिनांक 3 नवम्बर, 2010 तथा अधिसूचना संख्या- क.नि.-2-1422/ग्यारह-9(125)/09-.प्र.अधि.- 5-2008-आदेश-(145)-2015 दिनांक 14 अक्टूबर, 2015 को विखण्डित कर दिया गया है एवं शासनादेश संख्या-क.नि.-25/ ग्यारह-2-2011-9(125)/09 दिनांक 6 जनवरी, 2011 को निरस्त कर दिया गया  

वर्ष 2015-16 में यूरिया एवं फास्फेटिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण एवं परिवहन का प्रस्ताव मंजूर!

       समाजवादी मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2015-16 में यूरिया एवं फास्फेटिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण एवं परिवहन के सम्बन्धित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी । खरीफ अभियान के अंतर्गत माह जुलाई, अगस्त, सितम्बर एवं रबी अभियान के अंतर्गत माह अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर में कृषकों की मांग के अनुरूप अग्रिम भण्डारण योजना लागू है । फास्फेटिक उर्वरकों की अग्रिम भण्डारण योजना प्रदेश स्तरीय सहकारी शीर्ष संस्था पीसीएफ के स्तर पर संचालित है। वर्ष 2014-15 में फास्फेटिक उर्वरक भण्डारण हेतु 100 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया था । इसी प्रकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए भी 100 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है । इस योजना के सफल संचालन हेतु प्री-पोजीशनिंग के तहत पीसीएफ द्वारा उर्वरक क्रय हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज एवं भण्डारण शुल्क के अलावा पीसीएफ/सहकारी समितियों को परिवहन व्यय की प्रतिपूर्ति भी किया जाना है । इस वर्ष लक्ष्य के अनुरूप 11 लाख मीट्रिक टन पूर्व भण्डारित उर्वरक तथा 41.23 लाख मीट्रिक टन सामान्य उर्वरक, इस प्रकार कुल 52.23 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का परिवहन कराया जाना था । अखिलेश सरकार ने इस योजना के अंतर्गत पीसीएफ द्वारा निवेश की गई धनराशि पर देय ब्याज 11.25 प्रतिशत से अनधिक होगा तथा भण्डारण निगम से न्यूनतम सम्भव दरों पर देय भण्डारण की शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का काम कराया था ।

 

 

 

19 जनपदों के मत्स्य पालक विकास अभिकरणों के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने का फैसला

       मंत्रिपरिषद ने 19 जनपदों के मत्स्य पालक विकास अभिकरणों में कार्यरत एवं मा. उच्च न्यायालय के आदेशों से आच्छादित कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है । वर्ष 1977 से 1980 के बीच विश्व बैंक योजना के अन्तर्गत 19 जनपदों में मत्स्य पालक विकास अभिकरण की स्थापना हुई थी । वर्ष 2001 से पूर्व इन अभिकरणों के स्टाफ का व्यय 50 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा बन्द करने के बाद से वेतन का सम्पूर्ण भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है । कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने पर राज्य सरकार को लगभग 9 करोड़ रुपए का व्यय भार वहन करना पड़ेगा ।

 

 

गुलकन्द वैट से मुक्त

       समाजवादी मंत्रिपरिषद ने गुलकन्द को उ.प्र. मूल्य संवर्धित कर अधिनियम 2008 की करमुक्त वस्तुओं की अनुसूची-1 में रखे जाने का निर्णय लिया था । इससे प्रदेश में गुलकन्द वैट से मुक्त किया गया था । गुलकन्द गुलाब के फूल की पत्तियों को शक्कर के साथ कूट-कूट के तैयार किया जाता है । इसका उपयोग आंख की ज्योति बढ़ाने व पेट से सम्बन्धित रोगों के इलाज में होता है । गुलकन्द का निर्माण लघु गृह उद्योग के तहत होता है, जिसमें काफी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है । अखिलेश सरकार ने गुलकन्द को वैट मुक्त किए जाने से गुलाब की खेती करने वाले किसानों तथा लघु उद्योग को प्रोत्साहन देने का काम किया गया था  

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