ग्रामीण क्षेत्रों में 16, तहसील मुख्यालयों को 20, जिला मुख्यालयों को 22 तथा महानगरों को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति का काम -
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव के बिजली उत्पादन के कामों के कारण अक्टूबर, 2016 से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को 16
घण्टे तथा महानगरों को 24 घण्टे की सुचारु
विद्युत आपूर्ति होने लगी थी । बिजली उत्पादन के कारण प्रदेश में उद्योग-धन्धों
एवं कृषि कार्य को पर्याप्त बिजली मिलने लगी थी । विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव के सुयोग्य शासन के कारण उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर विद्युत उत्पादन,
पारेषण एवं वितरण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का विकास हुआ था ।
समाजवादी सरकार के शासन काल में मार्च, 2016 में निम्नलिखित 09 पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों को स्थापित करके ऊर्जीकृत किया गया था-
1.
ग्रेटर नोएडा, जनपद गौतमबुद्धनगर में 765 के.वी.,
2.
जनपद बुलन्दशहर के सिकन्दराबाद में 400 के.वी.,
3.
जनपद लखीमपुर खीरी के निघासन में 220 के.वी.,
4.
जनपद उन्नाव के मौरावां में 132 के.वी.,
5.
जनपद जालौन के उरई में 132 के.वी.,
6.
जनपद औरैया में 132 के.वी.,
7.
जनपद संतकबीरनगर के नाथनगर में 132 के.वी.,
8.
जनपद कौशाम्बी के भरवारी में 132 के.वी.,
9.
जनपद हापुड़ के पिलखुआ में 132 के.वी.
10.
इन उपकेन्द्रों के स्थापित होने से उपरोक्त जनपदों के
विभिन्न क्षेत्रों की विद्युत व्यवस्था में गुणात्मक बदलाव आया । इन उपकेन्द्रों
के ऊर्जीकृत होने से अतिभारिता में कमी आई तथा जनपदों में लो-वोल्टेज की समस्या से
निदान मिला और विद्युत आपूर्ति में सुधार हुआ । गौतमबुद्धनगर के 765 के.वी. ग्रेटर नोएडा उपकेन्द्र के ऊर्जीकृत हो जाने से प्रदेश के पूर्वी भाग में
स्थित बारा तापीय परियोजना की उत्पादित ऊर्जा को प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र तक
पारेषित करने में मदद मिलने लगी ।
जनपद बुलन्दशहर के सिकन्दराबाद उपकेन्द्र
से प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित बारा तापीय परियोजना से उत्पादित ऊर्जा के
प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र तक निम्न विभव पर पारेषण एवं पारेषित ऊर्जा को जनपद
बुलन्दशहर की विद्युत आपूर्ति सुदृढ़ करने में सहायता मिल रही है । इसी प्रकार 220 के.वी. निघासन उपकेन्द्र से 220 के.वी. सीतापुर उपकेन्द्र एवं 132
के.वी. लखीमपुर-सीतापुर
लाइन की अतिभारिता में कमी आई । जनपद लखीमपुर खीरी में खासतौर पर धौरहरा, पलिया इत्यादि क्षेत्रों के वोल्टेज में सुधार आएगा, जिससे सुदृढ़ विद्युत आपूर्ति होने लगी ।
जनपद उन्नाव के मौरावा पारेषण उपकेन्द्र के
ऊर्जीकरण से 132 के.वी. सोनिक एवं 132 के.वी. एसजीपीजीआई की
अतिभारिता में कमी आई । पुरवा तहसील के मौरावां इत्यादि क्षेत्रों को सुदृढ़
विद्युत आपूर्ति के साथ वोल्टेज में सुधार आया है । जनपद जालौन के 132 के.वी. कोंच, उरई उपकेन्द्र के ऊर्जीकरण से अतिभारिता में कमी आई और तहसील कोंच की
लो-वोल्टेज समस्या के निराकरण में भी सहायता मिलने लगी ।
जनपद
औरैया के 132 के.वी. उपकेन्द्र के चालू होने
से डिबियापुर उपकेन्द्र की अतिभारिता में कमी आई और औरैया जनपद मुख्यालय के वोल्टेज में सुधार भी
आया । जनपद संतकबीरनगर के 132 के.वी. के नाथनगर उपकेन्द्र के ऊर्जीकृत
होने से खलीलाबाद उपकेन्द्र की अतिभारिता में कमी आई और तहसील धनघटा को बेहतर
विद्युत आपूर्ति हुई । जिले के 132 के.वी.
भरवारी उपकेन्द्र के चालू हो जाने से सिराथू उपकेन्द्र की अतिभारिता
में कमी आई और जनपद कौशाम्बी के उत्तरी क्षेत्र को सुदृढ़ विद्युत आपूर्ति
सुनिश्चित कराई गयी थ । जनपद हापुड़ के 132 के.वी. उपकेन्द्र के ऊर्जीकरण से डासना उपकेन्द्र की
अतिभारिता में कमी आई और पिलखुआ खासतौर पर औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ी हुई आपूर्ति
का लाभ मिलने लगा ।
समाजवादी सरकार विद्युत विभाग की
बुनियादी सुविधाओं से सम्बन्धित परियोजनाओं को तेजी से पूरा कराने के लिए कटिबद्ध रही
। वित्तीय वर्ष 2015-16 में 765 के.वी. का एक, 400 के.वी. के चार, 220 के.वी. के सात एवं 132 के.वी. के 29 उपकेन्द्रों (कुल 41 उपकेन्द्रों)
का ऊर्जीकरण सुनिश्चित करवाया गया था ।