किसानों के लिए अखिलेश यादव ने की 25 फूड पार्क की स्थापना Akhilesh Yadav set up 25 food parks for farmers
समाजवादी सन्देश जनवरी 24, 2022
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25 फूड पार्क की स्थापना
उत्तर
प्रदेश तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के लिए किसानों का हित राज्य
सरकार के लिए सर्वोपरि रहा है । इसलिए ग्रामीण इलाकों के विकास और किसानों की
खुशहाली से जुड़ी योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी थी । स्माइल पार्क्स इण्डस्ट्रीज
लि. और राज्य सरकार के बीच एमओयू के जरिये स्थापित होने वाली परियोजना से किसानों
को लाभ पहुंचाने का काम कराया गया था । इस परियोजना के तहत प्रदेश के विभिन्न
क्षेत्रों में स्थापित होने वाले 25 फूड पाक्र्स में फूड एवं फ्रूट प्रोसेसिंग
इकाईयों के लिए कच्चा माल किसानों से सीधे प्राप्त करने का काम कराया जाना था । इस
परियोजना से लगभग 3,125 करोड़ रुपए का निवेश और 90 हजार से अधिक लोगों को रोजगार सृजित
किया जाना था । फूड पार्कस से किसानों की आमदनी और खुशहाली तथा लोगों को स्थानीय
स्तर पर रोजगार तथा क्षेत्र का तेजी से विकास किया जाना सुनिश्चित करने का काम
किया गया । फूड पार्क्स की स्थापना करने वाली कम्पनी सभी उद्यमियों से शत-प्रतिशत
पर्चेज गारण्टी भी सुनिश्चित करने का काम कराया गया था । समाजवादी सरकार किसानों
की आमदनी और खुशहाली में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य के लिए कार्य कर रही थी । यह
परियोजना इस दिशा में उपयोगी भूमिका निभाएगी ।
स्माइल पार्क्स
इण्डस्ट्रीज़ द्वारा वर्ष 2020 तक प्रदेश के पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी, मध्य तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष 5 की दर से फूड एवं फ्रूट
प्रोसेसिंग से सम्बन्धित 25 उद्यम समूह (फूड पाक्र्स) ग्रामीण क्षेत्रों में
स्थापित किए जाने थे । प्रत्येक समूह में एक इन्टीग्रेटेड कॉमन फैसिलिटी सेण्टर
स्थापित किया जाना था, जिसमें पावर बैकअप, पावर हाउसिंग, कोल्ड स्टोरेज, टूलरूम
क्वालिटी लैब, पैकेजिंग एवं प्रिन्टिंग, परिवहन विपणन, प्रशासन तथा लेखा इत्यादि की व्यवस्था
होनी थी ।
उत्तर
प्रदेश तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा था कि समाजवादी सरकार
द्वारा लागू की गई उत्तर प्रदेश अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति तथा बुनियादी
सुविधाओं के विकास के फलस्वरूप बड़ी संख्या में निजी निवेशक भी आगे आ रहे हैं । किसानों
की प्रगति एवं औद्योगिक विकास के बिना प्रदेश तरक्की के रास्ते पर आगे नहीं जा
सकता । इसीलिए समाजवादी सरकार ने इन दोनों क्षेत्रों के विकास के लिए गम्भीरता से
नीतियां बनाकर लागू करने का काम किया है, जिसके परिणाम उत्तर प्रदेश की जीएसडीपी में निरंतर
बढ़ोतरी में स्पष्ट दिखायी दे रहे ।
मेक इन
इण्डिया की चर्चा करते हुए उत्तर प्रदेश तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव ने कहा था कि इसकी सफलता ‘मेक इन यू.पी.’ के बिना सम्भव नहीं है, क्योंकि उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज
से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ-साथ देश का सबसे बड़ा बाजार भी है । उत्तर
प्रदेश तत्कालीन विजनरी अखिलेश यादव सरकार की निवेश मित्र नीतियां एवं योजनाएं तथा
सड़क, पानी, विद्युत आदि आवश्यक आधारभूत
सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता का असर साफ दिखायी पड़ रहा था ।
उत्तर
प्रदेश तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में दुग्ध
उत्पादन के क्षेत्र में लेटर ऑफ़ कम्फर्ट पाने वाली कम्पनी के.के. मिल्क फ्रेश
कम्पनी लगभग 11 लाख लीटर दूध का कलेक्शन करने का काम कर रही थी । वहीँ अमूल सहित
और भी कई ब्राण्ड दुग्ध व्यापार के क्षेत्र में आगे आ रहे थे । दुग्ध उत्पादन और
प्रोसेसिंग क्षेत्र की सम्भावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की तत्कालीन विजनरी अखिलेश
यादव सरकार ने कामधेनु डेयरी परियोजना का विस्तार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए
थे । इस सन्दर्भ में समाजवादी सरकार ने 100, 50, 25 तथा 10 पशुओं की डेयरी स्थापित करने की योजना को
संचालित कराने का काम किया गया था ।
उत्तर
प्रदेश तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जिन मेगा इकाईयों को लेटर
ऑफ़ कम्फर्ट दिया था, उनको समाजवादी सरकार की तरफ से लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का इंसेन्टिव भी
दिया गया था। इन कम्पनियों द्वारा अगले 5
साल में लगभग 7500 करोड़ रुपये का निवेश करना था, जिनके
माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किये जाने थे ।
उत्तर
प्रदेश तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में निवेश को
बढ़ावा देने के लिए जितनी सुविधाएं समाजवादी सरकार ने दी थी, उससे पूर्व उत्तर प्रदेश में किसी भी
सरकार ने कभी नहीं दी गई थी । समाजवादी सरकार की नीतियों तथा सिंगल विन्डो सिस्टम
के माध्यम से उद्योग स्थापना के लिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान
किए जा रहे सहयोग को इस सन्दर्भ में विशिष्टता में देख सकते हैं ।
समाजवाद और सामाजिक न्याय की संकल्पना बहुत व्यापक जिसके अन्तर्गत ‘सामान्य हित’ के मानक से सम्बन्धित सब कुछ आ जाता है जो गरीब ,पिछड़े और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा से लेकर निर्धनता और निरक्षरता के उन्मूलन तक सब कुछ पहलुओं को द्वंगित करता है ।
यह न केवल विधि के समक्ष समानता के सिद्धान्त का पालन करने और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से सम्बन्धित है, जैसा हम पश्चिमी देशों में देखते हैं, बल्कि इसका सम्बन्ध उन कुत्सित सामाजिक कुरीतियों जैसे द्ररिद्रता, बीमारी, बेकारी और भुखमरी आदि के दूर करने से भी है जिसकी तीसरी दुनिया के विकासशील देशों पर गहरी चोट पड़ी है ।
सामाजिक न्याय अवधारणा का अभिप्राय यह है कि नागरिक, नागरिक के बीच सामाजिक स्थिति के आधार पर किसी प्रकार का भेद न माना जाए और प्रत्येक व्यक्ति को अन्य विकास के पूर्ण अवसर सुलभ हों । सामाजिक न्याय की धारणा में एक निष्कर्ष यह निहित है कि व्यक्ति का किसी भी रुप में शोषण न हो और उसके व्यक्तित्व को एक पवित्र सामाजिक न्याय की सिद्धि के लिए माना जाए मात्र साधन के लिए नहीं ।
सामाजिक न्याय की व्यवस्था में सुधारु और सुसंस्कृत जीवन के लिए आवश्यक परिस्थितियों का भाव निहित है और इस संदर्भ में समाज की राजनीतिक सत्ता से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने विद्यार्थी तथा कार्यकारी कार्यक्रमों द्वारा क्षमतायुक्त समाज की स्थापना करें ।