‘108‘ तथा ‘102‘ एम्बुलेन्स
सेवा कॉल सेन्टर
उत्तर प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी सरकार युवा
टेकसेवी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में तकनीक के साथ चलने वाली सरकार रही है । समाजवादी सरकार
का हमेशा यह प्रयास रहा है कि तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर जनता को बेहतर
सुविधाएं और सेवाएं कैसे उपलब्ध करा दी जाएं । इस दिशा में राज्य सरकार के
प्रयासों का उल्लेख करते हुए ‘108‘ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा
तथा ‘102‘ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस, मेगा कॉल सेन्टर, डायल ‘100‘
परियोजना जैसी सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य विजनरी नेता श्री
अखिलेश यादव ने किया था । इसके अलावा अन्य विभागों में भी तकनीक आधारित विभिन्न
योजनाएं व कार्यक्रम संचालित किए जा रहे थे ।
मोबाइल एप के लॉन्च हो
जाने के बाद प्रदेशवासियों को इसका सीधा लाभ मिलने लगा था तथा एम्बुलेन्स सेवा के
प्रति लोगों के विश्वास में और बढ़ोत्तरी हुई थी । मोबाइल एप के माध्यम से कॉलर एम्बुलेन्स
सेवा पर ऑनलाइन नज़र रखने लायक बने । कॉलर को एक क्लिक में जीपीएस के जरिए न सिर्फ
एम्बुलेन्स की लोकेशन मिल जाती है, बल्कि वे अपने स्मार्टफोन से यह भी देख सकते
हैं कि एम्बुलेन्स किस रास्ते से आ रही है । इसके लिए समाजवादी विकास विजन के तहत
विजनरी मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने एक एम्बुलेन्स ट्रैकर सिस्टम व वेब
पोर्टल भी तैयार कराया था।
समाजवादी सरकार के नेत्रत्वकर्ता विजनरी नेता श्री अखिलेश यादव के शासन
काल में ‘108‘ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के जरिए लगभग 69
लाख से अधिक लोगों को मदद पहुंचाई गई थी । इसी प्रकार ‘102‘ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस का निःशुल्क लाभ 1.5 करोड़
से अधिक गर्भवती महिलाओं और 1 साल तक के बीमार बच्चों को
उपलब्ध कराया गया था जो एक अपने आप में एक रिकॉर्ड है । ‘108‘ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत 1,488 तथा ‘102‘
नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस के अन्तर्गत 2,270 वाहन
संचालित किए गए थे ।
‘108‘
समाजवादी स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सुविधाजनक तथा पारदर्शी बनाने
के लिए अखिलेश सरकार ने ऑनलाइन निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल बनवाया था, जिससे यह
देखा जा सकता है कि उस समय कितनी एम्बुलेन्स तैयार खड़ी हैं, और
कितनी एम्बुलेन्स मरीजों की सेवा में लगी हैं । स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को
वेबसाइट पर कॉलर तथा एम्बुलेन्स के ड्राइवर के फोन नम्बर दिखाई देते थे, जिसके माध्यम से वे कभी एम्बुलेन्स सेवा की हकीकत परख सकते थे । कई बार
संकट में पड़े कॉलर को यह पता नहीं चल पाता था कि उसने जो एम्बुलेन्स बुलाई है उसकी
लोकेशन क्या है । कई बार कॉल सेन्टर से जो लोकेशन बताई जाती है, उससे कॉलर संतुष्ट नहीं हो पाते थे । विजनरी नेता श्री अखिलेश यादव ने एम्बुलेन्स
ट्रैकर के जरिए इस समस्या का भी समाधान भी अपनी दूरदर्शी सोच के साथ करके दिखाया
था । मोबाइल एप में गूगल मैप भी डाला गया
था, जिसे स्मार्टफोन में इनस्टॉल करने पर
इस एप के जरिए बगैर कॉल किए हुए भी एम्बुलेन्स बुलाई जा सकती थी । साथ ही
एम्बुलेन्स किस-किस रास्ते से होकर कॉलर के पास आ रही है स्मार्टफोन पर इसका भी
पता चल जाएगा । इसके लिए स्मार्टफोन में जीपीएस व लोकेशन ऑन रखनी होती थी ।
वेबपोर्टल का डैशबोर्ड
इस तरह से डिजाइन किया गया था कि इसमें एम्बुलेन्स सेवा से जुड़ी प्रत्येक जानकारी
तुरन्त मिल जाती थी । इसमें प्रति दिन कितने लोगों ने कॉल सेन्टर पर कॉल की उसकी
जानकारी के साथ ही कितनी इमरजेन्सी कॉल आई, इसका डाटा सामने
ही दिख जाता था । पूरे महीने में एम्बुलेन्स सेवा ने कितने मरीजों को अस्पताल
पहुंचाया, उसमें किस-किस श्रेणी के कितने मरीज थे, इसकी जानकारी भी प्राप्त हो जाती थी ।
विजनरी
नेता के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार ने वेबपोर्टल पर एक फीडबैक का भी आप्शन तैयार
करवाया था । जिसमे लोग एम्बुलेन्स से जुड़ी शिकायत व सुझाव दे सकते हैं । जैसे ही कोई व्यक्ति इसमें कोई शिकायत दर्ज
कराता है, उसे एक टिकट नम्बर मिल जाता है । जब तक वह शिकायत दूर नहीं होती उस
शिकायत को बन्द नहीं किया जा सकता है । एम्बुलेन्स सेवा के सर्वश्रेष्ठ केस भी
इसमें तस्वीरों के साथ साझा किए जा सकते थे ।