समाजवाद के आधुनिक पुरोधा नेताजी श्री मुलायमसिंह यादव का हमेशा से प्रयास
रहा है कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर उनका आर्थिक
उत्थान करके उनके जीवन को बेहतर बनाया जाए ताकि वह सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें.
नेताजी की सरकारों द्वारा दलितों-पिछड़ों-अल्पसंख्यकों और महिलाओं के उत्पीड़न को
समाप्त करने के लिए अनेक प्रयास किए गए. जिनमे से कुछ पहलें अग्रलिखित हैं-
1.
महिलाओं
के लिए सरकारी नौकरियों में 3% आरक्षण
दिया गया.
2.
ग्राम
पंचायतों के 30% पदों पर महिलाओं
को आरक्षण दिया गया.
3.
महिला
उधमियों को स्वतः रोजगार दिलाने के लिए मार्जिन मनी ऋण योजना शुरू की गयी
थी. इसके लिए महिलाओं को रोजगार दिलाने हेतु ऋण योजना शुरू की गई थी. इस पर नेता
जी की सरकार द्वारा 30 करोड़ रूपया खर्च किये थे. जो उस समय एक बहुत बड़ी राशि थी.
4.
घर से
बाहर रहकर नौकरी करने वाली महिलाओं के लिए नेताजी ने श्रमजीवी महिला
छात्रावासों का निर्माण कराया था. जिसमें लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी एवं आगरा
जिलों में 60-60 महिलाओं के लिए
छात्रावासों का निर्माण कार्य कराया था.
5.
नेताजी
ने महिलाओं के लिए रोजगार कार्यक्रम चलाने के लिए ‘रोजगार कार्यक्रम समर्थन
योजना’ आरंभ की थी.
6.
नेताजी
की सरकार ने बड़े शहरों में श्रमजीवी महिलाओं को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के
लिए आगरा, वाराणसी, फैजाबाद, गोरखपुर, बरेली और इलाहाबाद में 60 सम्वासिनियों की क्षमता
तथा लखनऊ कानपुर में 180 सम्वासिनियों
की क्षमता के छात्रावासों का निर्माण कराये गए थे. इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा देहरादून
नैनीताल हल्द्वानी एवं पौड़ी गढ़वाल पौड़ी गढ़वाल में छात्रावासों का निर्माण
कराया गया था.
7.
नेता
जी सरकार ने उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम के माध्यम से 11 मंडलीय जिलों यथा लखनऊ, मेरठ, आगरा, मुरादाबाद,
बरेली, कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी और फैजाबाद में महिला उद्यमियों
द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाने
का काम किया गया था. जिसमें हॉट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. यह योजना पर्वतीय
क्षेत्रों में अल्मोड़ा, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी तथा टिहरी
गढ़वाल में भी लागू कराई थी.
8.
नेता
जी की सरकार द्वारा ग्रामीण महिला उत्थान कार्यक्रम (ड्वाकरा) द्वारा ग्रामीण निर्धन महिलाओं को समूह में संगठित कर व्यवसायिक
क्रियाकलापों के प्रशिक्षण के जरिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की योजना के अंतर्गत 1993-94 में 10.40 करोड़ रू. की लागत से तैयार वस्तुएं 12.06 करोड़ में बेची गई और उसका लाभ ग्रामीण महिलाओं में बांटने का काम
कराया गया था.
9.
महिला
डेयरी परियोजना-नेता जी की सरकार
के द्वारा ग्रामीण विकास योजनाओं के तहत महिला डेयरी परियोजना के अंतर्गत
दुग्ध उत्पादन और दुग्ध आपूर्ति के क्षेत्र में एक रोजगारपरक व्यवसाय विकसित किया
गया. इसके अंतर्गत 1993-94
की प्रथम छमाही में 4,10,000
लीटर दूध प्रतिदिन बेचा गया. जिसका ग्रामीण स्तर पर आर्थिक
स्वावलंबन में बड़ा फर्क आया और दुग्ध का सही मूल्य मिलना शुरू हुआ.
10.
नेताजी
की सरकार ने उत्तर प्रदेश महिला कल्याण निगम के माध्यम से विभिन्न ग्रामीण एवं
शहरी क्षेत्रों में स्थानीय हस्त कौशलों को पुनर्जीवित करने एवं महिला कलाकारों को
आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण केंद्र संचालित कराये गए. जिसमें 6-6
माह का प्रशिक्षण दिया जाता था.
11.
नेताजी
की सरकार ने ग्रामीण महिलाओं में बचत की भावना जागृत करने के लिए महिला समृद्धि
योजना चलाई थी. जिसमें कुल 7
लाख 71 हजार खाते खुलवा कर कुल सात करोड़ 53 लाख रूपया उपलब्ध
कराकर इतनी बड़ी धनराशि जमा कराई गई थी, जो नेताजी की सरकार ने एक रिकॉर्ड बनाया
था.
12.
नेताजी
की सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए उत्तर प्रदेश
में 22 आश्रम पद्धति विद्यालय और छात्रावास संचालित करने का काम किया था.
13.
नेताजी
की सरकार ने उत्तर प्रदेश में 41 राजकीय आश्रम पद्धति
विद्यालय चलाए गए. छात्रों हेतु 68 तथा छात्राओं के लिए भी राजकीय छात्रावास बनाकर संचालित करने का काम किया
गया था.
14.
नेताजी
की सरकार ने अनाथ बालकों के लिए पोषण ग्रह, 7 शिशु सदन, 6 बाल सदन, 60 शिशु शाला एवं बालवाड़ी केंद्र संचालित करने के काम किये गए.
15.
नेताजी की सरकार ने किशोर न्याय अधिनियम
के अंतर्गत 59 जिला पर्यवेक्षण
गृह इनके संरक्षण बनाये गए.
किशोर अपराधों में लिप्त किशोरों के जीवन में बेहतरी लाने के लिए प्रशिक्षण एवं
पुनर्वास हेतु 11 राजकीय किशोर
गृह बनवाकर संचालित करने का काम किया गया.
16.
नेताजी
की सरकार ने विकलांगों के कल्याण हेतु 4 दृष्टिहीन विद्यालय, 5 मूक बधिर
विद्यालय, 3 शारीरिक
रूप से अक्षम बालकों के लिए विद्यालय तथा मानसिक रूप से अविकसित बालकों के लिए 2 विद्यालय,
अंध आश्रित के लिए 3 कार्यशालाएं, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए 6 आश्रित
केंद्र एवं कार्यशालाएं
17.
नेताजी
की सरकार ने मूक-बघिरों के लिए विधालय और प्रशिक्षण केंद्र एवं आश्रित
कार्यशाला आरम्भ की गयीं थी.
18.
नेताजी
की सरकार ने मानसिक रूप से अविकसित महिलाओं के लिए एक सक्षम प्रकोष्ठ
स्थापित करने का काम किया गया था.
19.
उत्तर
प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति और जनजातियों के
परिवारों के आर्थिक उत्थान हेतु योजनाओं के अंतर्गत वित्त पोषित कर उन्हें गरीबी
रेखा से ऊपर उठाने का काम किया गया. इसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 1994 में 90,000 अनुसूचित जाति के परिवारों को मार्जिन मनी तथा बैंक लोन उपलब्ध
कराकर विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्त पोषित किया गया.
20.
नेताजी
द्वारा 145 छात्रावास तथा 85 पुस्तकालय
आवर्तक अनुदान पर संचालित करने का काम किया गया था.
21.
स्वैच्छिक
संस्थाओं को भी अनुसूचित जाति एवं अन्य कमजोर वर्गों के उत्थान हेतु प्रोत्साहन
देने का काम किया गया था.
22.
1994 में
114 अतिरिक्त विद्यालय आवर्तक अनुदान पर लिए गए, जिसके
लिए वर्ष 1994 में 8.08 करोड़ रूपया की धनराशि नेता जी की
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई थी. जो ऐसे ही विद्यालयों. छात्रावासों एवं वाचनालयों
पर खर्च की गई थी. वर्ष 1994 में इस योजना में 4.50 करोड़ का
प्रावधान किया गया था.
23.
नेताजी
की सरकार ने शिक्षण संस्थानों में पिछड़े, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के
छात्र-छात्राओं के लिए राज्य स्तर की सेवाओं की परीक्षाओं के लिए कोचिंग केंद्र
शुरू किये गए थे. इंजीनियरिंग की डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश परीक्षा की कोचिंग
हेतु एक राजकीय प्रशिक्षण केंद्र रुड़की-हरिद्वार में शुरू किया गया था. इसके
साथ ही स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से इंजीनियरिंग एवं चिकित्सा के डिग्री कोर्स
हेतु प्रवेश परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण हेतु योजनाएं चलाने का काम किया गया. जिसमें
छात्रों को छात्रवृत्ति एवं प्रशिक्षण शुल्क के लिए अनुदान उपलब्ध कराया गया था. इसके
साथ ही स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से इस योजना में वर्ष 1993-94 में 15 लाख रुपए की धनराशि खर्च की गयी थी. वर्ष 1994 में 17.42 लाख रू. के बजट का प्रावधान किया गया था. इन केंद्रों के पुस्तकालयों
में पुस्तकों की संख्या बढ़ाने हेतु 5 लाख रूपया की धनराशि
वर्ष 1994 में देने का काम किया गया था.
24.
नेताजी
ने लखनऊ में स्थापित आदर्श कोचिंग सेंटर के लिए भी 102 लाख रूपया की विशेष केंद्रीय सहायता दी थी. इसमें 150
लाख रूपया की धनराशि से एक विशेष निधि स्थापित की गई. इस धनराशि पर
अर्जित ब्याज से इस केंद्र का संचालित करने की स्थायी व्यवस्था की गई.
25.
नेताजी
की सरकार ने आरक्षण को लागु करने में विशेष प्राथमिकता प्रदान की और कमजोर वर्गों
के हितों की रक्षा को अपनी प्रतिबद्धता माना. नेताजी श्री मुलायमसिंह यादव ने उत्तर
प्रदेश में आरक्षण को लागू करने के लिए शासन के हर स्तर यथा राज्य स्तर, विभाग
स्तर एवं जिला स्तर पर आरक्षण प्रकोष्ठ गठित करने का काम किया गया. इस आरक्षण
प्रकोष्ठ में आरक्षित वर्ग के अधिकारियों को भी स्थान दिया था, ताकि नियोजित
एवं निर्धारित अवधि में अभियान चलाकर आरक्षण कोटे को पूरा करने पर गंभीरता से काम
किया गया. समाजवादी सरकार ने आरक्षण को सही रूप में लागू करने के लिए मंत्रिमंडलीय समिति भी
गठित करने का काम किया गया था. यह समाजवादी सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति
समय-समय पर आरक्षण संबंधी उपलब्धियों की समीक्षा करती थी. आरक्षण लागू करने के
मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही
सुनिश्चित करने की भी व्यवस्था की गई थी.
26.
नेताजी
के द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य में महिलाओं के लिए नौकरियों में 3% आरक्षण की व्यवस्था और ग्राम पंचायतों में 30 फ़ीसदी
पदों पर महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया गया था.