अधिवक्ता कल्याण निधि
(एडवोकेट कॉर्पस फण्ड)
तत्कालीन
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 213 दिवंगत
अधिवक्ताओं के आश्रितों को कुल 10 करोड़ 33 लाख 50 हजार रु की धनराशि देने का काम किया था। इनमें 206 दिवंगत अधिवक्ताओं के आश्रितों को क्रमशः 5-5 लाख
रुपए तथा 07 अधिवक्ता आश्रितों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किए गए । यह धनराशि तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश
यादव द्वारा मृतक अधिवक्ता आश्रितों को प्रदान की गई 85 लाख
रुपए के अतिरिक्त थी । समाजवादी सरकार के समय उत्तर प्रदेश देश का एक मात्र ऐसा
राज्य था, जहां तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के विशिष्ट
प्रयासों के फलस्वरूप अधिवक्ता की स्वाभाविक या आकस्मिक मृत्यु 60 वर्ष की उम्र के पूर्व होने पर उसके आश्रित को 5 लाख
रुपए की धनराशि प्रदान की जा रही थी । अखिलेश सरकार ने प्रति वर्ष निश्चित रूप से 40
करोड़ रुपए की धनराशि अधिवक्ता कल्याण निधि को देने का निर्णय लेकर
यह धनराशि उपलब्ध कराने का काम किया था । मृतक अधिवक्ता आश्रितों के जो प्रस्ताव
प्राप्त हुए, उन्हें उत्तर प्रदेश बार काउन्सिल द्वारा सम्यक
जांचोपरान्त के बाद उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि समिति द्वारा उन्हें 5
लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया था ।
समाजवादी
सरकार ने समस्त न्यायालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने हेतु 75 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी थी ।
प्रत्येक बार एसोसिएशन की लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन, अधिवक्ताओं
के चैम्बर्स व अन्य अवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए अखिलेश सरकार द्वारा
बहुत काम किये थे ।
उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने
कहा था कि समाजवादी सरकार ने अधिवक्ताओं के हितों का हमेशा ध्यान रखा है ।
अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव द्वारा किए गए कार्यों
का दायरा बढ़ाते हुए, वर्तमान सरकार भी अधिवक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के लिए
गम्भीरता से प्रयास कर रही है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अधिवक्ताओं के
मान-सम्मान, सुरक्षा व कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री ने 17 दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को
पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता के चेक प्रदान किए । समाजवादी सरकार के
मुखिया श्री अखिलेश यादव ने अपने सम्बोधन में कहा था कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु
दुखद एवं पीड़ादायक होती है । दिवंगत के परिजनों की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी
है। यद्यपि किसी व्यक्ति की मृत्यु की भरपाई आर्थिक मदद द्वारा सम्भव नहीं है,
फिर भी राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता से मृतक
अधिवक्ताओं के परिवारों को कुछ हद तक राहत जरूर मिलेगी ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री
श्री अखिलेश यादव ने कहा था कि अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए
समाजवादियों ने हमेशा कार्य किया है । समाजवादी सरकार ने अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए कोर्पस फण्ड
की व्यवस्था की थी । इस फण्ड को कभी भी समाप्त नहीं किया जा सकता । लोगों को
वकीलों से यह उम्मीद रहती है कि वे उन्हें न्याय दिलाएंगे । इसके दृष्टिगत जनता, खासतौर पर गरीब और कमजोर वर्गों को इंसाफ
दिलाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है ।
समाजवादियों
की प्रदेश सरकार ने मा. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्ड पीठ का नवीन भवन
निर्मित कराने का काम किया था, जो बेहद सुन्दर और शानदार बनाया गया है । समाजवादी सरकार
वकीलों को विभिन्न सुविधाएं देने के लिए भविष्य में भी जरूरी फैसले लेती रही है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार सीमित वित्तीय
संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार सभी जरूरतमंदों को सहायता प्रदान कर रही है ।
किसानों, मजदूरों,
छात्रों, नौजवानों, व्यापारियों,
अधिवक्ताओं आदि को कल्याणकारी योजनाओं के जरिए लाभान्वित किया जा
रहा है । कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत सहायता राशि को राज्य सरकार ने बढ़ाकर 5
लाख रुपए कर दिया है । आदरणीय नेताजी के नेतृत्व में तत्कालीन
प्रदेश सरकार द्वारा शहीदों के सम्मान की जो परम्परा शुरू की गई थी, वर्तमान सरकार इसे आगे बढ़ाते हुए शहीदों का सम्मान कर रही है । राज्य
सरकार द्वारा साहित्यकारों, विद्वानों तथा खिलाडि़यों आदि का
भी सम्मान किया जा रहा था ।
समाजवादी सरकार
द्वारा सृजित कॉर्पस फण्ड (अधिवक्ता कल्याण निधि) के माध्यम से दिवंगत वकीलों को
आर्थिक मदद प्रदान की गयी थी । मुख्यमंत्री ने निधि के लिए शासकीय अनुदान को
बढ़ाकर 200 करोड़
रुपए कराया आया था ।
अखिलेश सरकार
ने 01 जनवरी,
2014 या इसके बाद, 60 वर्ष की आयु तक के
दिवंगत होने वाले अधिवक्ताओं के आश्रितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को
बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया था । वकीलों के परिवारों के कल्याण के लिए ऐसी
योजना किसी अन्य राज्य में संचालित नहीं थी ।
समाजवादी सरकार
द्वारा अधिवक्ता कल्याण निधि के तहत संचालित 5 योजनाएँ-
v
उ.प्र. अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा योजना.
v
अधिवक्ता बीमा योजना.
v
मृतक अधिवक्ताओं के आश्रितों को आर्थिक सहायता.
v
बार ऐसोसिएशन के पुस्तकालयों हेतु विधि पुस्तकों की आपूर्ति.
v
तहसील से जनपद स्तर तक के वकीलों के बैठने के लिए टीन
शेड/चैम्बरों की मरम्मत-निर्माण योजना.
तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा जिन दिवंगत
अधिवक्ताओं के आश्रितों को आर्थिक मदद प्रदान की गई, उनमें श्रीमती मालती तिवारी (पत्नी स्व. राम
कृष्ण तिवारी), श्रीमती सरस्वती चैरसिया (पत्नी स्व अनिल
कुमार चौरसिया), श्रीमती चन्द्रकला चतुर्वेदी (पत्नी स्व, बैकुण्ठ
नाथ चतुर्वेदी), श्रीमती ममता द्विवेदी (पत्नी स्व. अजय
कुमार द्विवेदी), श्रीमती कुसुम सिंह (पत्नी स्व. दिनेश
कुमार सिंह), श्रीमती प्रतिभा बाजपेयी (पत्नी स्व. ओम नारायण
बाजपेयी), श्रीमती अनवरी बेगम (पत्नी स्व, सैय्यद मोहम्मद
हादी), श्रीमती विशेषा सिंह (पत्नी स्व. शत्रुघ्न सिंह),
श्रीमती करुणा पाण्डेय (पत्नी स्व. सूर्यमणि पाण्डेय), श्रीमती मंजू सिंह चैहान (पत्नी स्व. देवेन्द्र सिंह चैहान), श्रीमती होशीला मौर्य (पत्नी स्व. शिवाकान्त मौर्य), श्रीमती सरोज त्रिपाठी (पत्नी स्व. लालजी त्रिपाठी), श्रीमती प्यारी देवी (पत्नी स्व. लखन कुमार पटेल), श्रीमती
अनुपमा त्रिपाठी (पत्नी स्व. आशुतोष त्रिपाठी), श्रीमती
अंजुम फिरदौस (पत्नी स्व. मोहम्मद वसी सिद्दीकी), श्रीमती
सीता श्रीवास्तव (पत्नी स्व. अरविन्द कुमार श्रीवास्तव) तथा श्री सैय्यद इमरान
अहमद (पति स्व. श्रीमती अंजुम इमरान) शामिल थे ।