अखिलेश सरकार की आगरा संवारने को ताजगंज
परियोजना!
उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा के ताजमहल
के आसपास विश्वस्तरीय पर्यटक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ताजगंज परियोजना को बनाया.
जिसमें ताजगंज वार्ड तथा ताजमहल को जाने वाले मुख्य मार्गों को उच्चीकृत करके सौंदर्यीकरण
कराया गया. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी अध्यक्षता में इस
पर्यटन परियोजना पर 136.49 करोड़ रुपये खर्च कराये.
ताजगंज आगरा में सांस्कृतिक केंद्र, बाजार जिला, व्यापारिक क्षेत्र और आवासीय
क्षेत्र स्मारक के आसपास स्थित ताजमहल परिसर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का
हिस्सा माना गया है, जो विश्व प्रसिद्ध आकर्षण का
केंद्र है. ताज गंज क्षेत्र आगरा के सबसे पुराने भागों में से एक है. यह मूल रूप से मुगल साम्राज्य के अकबर द ग्रेट के समय में एक महान
क्षेत्र था. इस क्षेत्र को बाद में 17 वीं शताब्दी में ताजमहल के
निर्माण के लिए एक आवास क्षेत्र के रूप में स्थापित किया गया था. ऐसा माना जाता है
कि ताज गंज का बाजार मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी
प्यारी पत्नी मुमताज महल से मुलाकात की थी, जिसके लिए उन्होंने स्मारक
बनवाया था, ताजमहल तक जाने वाली मुख्य सड़क पर
एक शानदार बाजार हुआ करता थी, जिसमें आज भी मणि पत्थर जैसे
लग्जरी सामान बिकते हैं.
ताज गंज राष्ट्र की सांस्कृतिक
पहचान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, ताज गंज एक जीवंत और हलचल भरा क्षेत्र है. यहाँ हजारों की संख्या में घर हैं, जिनकी जीविका ताजमहल के पर्यटक स्थल होने के कारण प्राप्त होती है. ताजमहल स्मारक के लिए जाने वाला पुराना बाज़ार मार्ग दुकानों, भोजन स्थानों और आवास के साथ एक
पैदल मार्ग है.
उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए ताजगंज
परियोजना के माध्यम से आगरा में ताजमहल के तीनों प्रवेश मार्गों (पूर्वी गेट, पश्चिमी गेट और दक्षिणी गेट) तथा इसके
आसपास बिजली व टेलीफोन के तारों को अंडरग्राउंड केबलिंग करने, पाथवे, बैंच लगाने, पेयजल सुविधाएं समेत अन्य कार्य कराये
गए. ताज के आसपास के क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट विकसित कराया गया. अग्निशमन और सोलर
लाइट की व्यवस्था की व्यवस्था से स्वच्छ उर्जा को इस्तेमाल कराये जाने का प्रस्ताव
रखा गया था.
उत्तर प्रदेश में पर्यटन की योजनाओं को प्रभावी
ढंग से लागू करने के लिए एक कमिटी का गठन अखिलेश यादव सरकार ने कराया था. इस कमिटी
की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सौपी गयी थी ताकि उत्तर प्रदेश में पर्यटन
की तमाम योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कराकर अलग-अलग विभागों के बीच तालमेल
स्थापित हो सके.
उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने आगरा में ताजगंज परियोजना, प्रो पुअर टूरिज्म, आगरा मथुरा मेगा सर्किट, इको टूरिज्म, अंतरराष्ट्रीय हवाई
अड्डे, हेरिटेज पॉलिसी, इंट्रा स्टेट फ्लाइट
सहित कई बड़ी योजनाएं शुरू कराई थी. इनमें सबसे बड़ी दिक्कत अलग-अलग विभागों के
बीच आपसी समन्वय का अभाव था, जिसे अखिलेश यादव के दूरदर्शी नेतृत्व ने सुलझा दिया.
पर्यटन को लेकर कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनमें कई विभागों को
काम करना होता है. इसी को देखते हुए अखिलेश सरकार ने एक विशिष्ट कमिटी को बनाया
था. इस विशिष्ट समिति के प्रथम अध्यक्ष प्रमुख सचिव पर्यटन अमृत अभिजात को बनाया
गया था तो आयुक्त औद्योगिक विकास एवं
अवस्थापना कमिटी के उपाध्यक्ष बने थे.।
ताज नगरी आगरा के विकास के लिए
प्रतिबद्ध उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने ताजमहल के आस पास के इलाकों के
विकास के लिए कई परियोजनाओं को पूरा किया था. उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने
आगरा में ताजगंज के लिए 136 करोड़
रुपये देकर इन परियोजनाओं को वित्त पोषित किया था.
ताजमहल एवं उसके आसपास के क्षेत्र, ताजगंज वार्ड में पर्यटकों को उच्च
स्तरीय सुविधा उपलब्ध कराने तथा उनके अनुभवों को सुखद एवं विलक्षण बनाने हेतु अखिलेश
सरकार का यह विशिष्ट प्रयास था. आगरा के विश्व धरोहर स्मारक के अवलोकन हेतु
प्रतिवर्ष लगभग 46
लाख
भारतीय एवं 7 लाख विदेशी पर्यटक आते हैं, जिनके लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के
अनुरूप ताजमहल के प्रवेश मार्गों एवं उनके आसपास के क्षेत्र को विकसित कराया गया ताकि
विश्व में भारतीय पर्यटन की एक अलग पहचान बन सके.
ताजगंज परियोजना के अंतर्गत प्रमुख रूप
से 6 कार्य कराये गए जिनमे ताज महल के पूर्वी, पश्चिमी एवं दक्षिणी गेट के प्रवेश
मार्ग का कार्य, ताजगंज के आसपास के 15 झुग्गी इलाकों के विकास संबंधी कार्य, सीसीटीवी एवं सुरक्षा उपकरण कार्यों
सहित ताज महल पूर्वी गेट बैरियर से फतेहाबाद रोड तक के कार्य काये गए. विश्व धरोहर ताज महल के चारों तरफ बफर जोन का
कंजर्वेशन तथा पर्यटन बुनियादी ढांचा विकास परियोजना में शिल्प ग्राम को भी
उच्चीकृत कराया गया था.
ताजमहल और उसके आसपास
के क्षेत्र के विकास के लिए ताजगंज परियोजना के अलावा ताजमहल पूर्वी द्वार के पास
ताज ओरिएंटेशन सेंटर के लिए 70 करोड़ और मुगल म्यूजियम
भी इतिहास के पन्नों को समेटने का प्रयास किया गया था. ताजमहल के पीछे मेहताब बाग
के विकास के लिए विश्व बैंक की सहायता से 18 योजना क्रियान्वित की गयी.
.
उस समय भारत के सुप्रीम
कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण को लेकर उठाए गए कदमों को लेकर केंद्र तथा उसके
प्राधिकारियों को आड़े हाथों लिया और कहा था कि मुगलकाल की इस ऐतिहासिक इमारत के
संरक्षण को लेकर कोई उम्मीद नजर नहीं आती है. केंद्र को कोर्ट ने निर्देश दिया कि
इस महत्वपूर्ण स्मारक के संरक्षण को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और किस तरह की
कार्रवाई की जरूरत है. इस बारे में वह विस्तृत जानकारी पेश करें. आज की विभाजनकारी
बीजेपी सरकार अपनी पूर्वर्ती सरकार पर सांप्रदायिक आरोप लगाने से बाज नहीं आती.
ताजगंज परियोजना में नियमित
अनुश्रवण सुनिश्चित करने के लिए अखिलेश सरकार के टूरिज्म प्रमोशन एवं ब्रान्डिंग
हेतु दीर्घकालीन याजनाओं के लागु करने के लिए समाजवादी सरकार के प्रमुख सचिव आवास
की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय
समिति का गठन किया गया था, इस उच्च स्तरीय समिति में पर्यटन, नगर विकास, परिवहन, सिंचाई, नागरिक उडडयन के पमुख
सचिव एवं सचिव सहित नगर आयुक्त लखनऊ, उपाध्यक्ष लखनऊ विकास
पाधिकरण, डीआरएम रेलवे लखनऊ, जिलाधिकारी लखनऊ तथा
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद को सदस्य नामित किया गया था. समिति द्वारा लखनऊ जनपद में नई योजनाओं का कार्य
एवं सड़कों के कार्य, राष्ट्रीय एवं
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ब्रान्डिंग के कार्य हेतु एक दीर्घकालीन योजना
तैयार की गयी.
उत्तर प्रदेश में
पर्यटन को बढ़ावा हेतु और पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु आगरा ताजगंज परियोजना के
कार्यो को बहुत तेजी से पूरा किया गया. वैश्विक मापदंडों के निर्धारित माइलस्टोन
के अनुसार गुणवत्ता के साथ कार्यो को पूरा कराया गया. इसी के साथ ऐतिहासिक धरोहर
संरक्षण के अंतर्गत आगरा में स्थित ताज महल के अलावा इतमाद-उद-दौला मेहताब बाग आदि
स्थलों का विकास कराकर पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों हेतु आवश्यक मूलभूत सुविधाएं
तथा सेवाएं उपलब्ध कराई गयी. ताजमहल और आगरा फोर्ट के मध्य पर्यटक पैदल पथ को
और अधिक विकसित किया गया. ताजमहल के
पश्चिमी गेट के पास पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई गयी ताकि पर्यटकों को किसी
समस्या का सामना न करना पड़े. पर्यावरण को प्रदुषण से बचाव के तहत ताजमहल तक
पहुँचने वाले आगरा के सभी मार्गों के दोनो तरफ साईकिल ट्रेक भी बनवाया गए. ताकि
पर्यटक साईकिल द्वारा भी पर्यटन भ्रमण का लूत्फ उठा सकें और पर्यावरण को बचाया जा
सके. ताजमहल के पूर्वी द्वार, पश्चिमी द्वार एवं ताज
क्षेत्र से आने वाले मार्ग पर विटुमिनस सतह के ऊपर कोबल स्टोन सतह का निर्माण तथा
फुटपाथ (रेड सैण्ड स्टोन) एवं कोबल स्टोन सतह एक ही लेबल में रखी गयी थी. इस पूरी
परियोजना में एक बात का विशेष ध्यान रखा गया था कि निर्माण कार्य के दौरान कोई भी वृक्ष कटान नहीं
किया गया. आगरा की बाकि सभी पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को सुसज्जित कराने का
प्रस्ताव भी भावी योजनाओं में रखे जाने का था, लेकिन जनता द्वारा अवसर नहीं दिए
जाने के कारण ये भावी योजनायें अधूरी रह गयी.
ताज महल की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी को साईकिल प्रदान करने का काम
भी अखिलेश सरकार ने किया था, ताजमहल की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस
को साइकिल देने का सबसे बड़ा लाभ ताजमहल की सुरक्षा प्रदुषण से की जा सके. दी गयी
हैं. ताजमहल के आस पास की गलियां काफी संकरी हैं, जिसके तहत सुरक्षा के
लिहाज से साइकिल ज्यादा अच्छा काम करेगी. ताजमहल के बाहरी सुरक्षा के लिए 48 सीसीटीवी कैमरा लगाये गए.
ये कैमरे बेहतर
क्वालिटी के थे, जिससे चेहरा पहचानने में मदद मिलती है. ये कैमरे वाई-फाई से
संचालित हॉट हैं. ताजमहल की सुरक्षा के लिए जिन साइकिल का इस्तेमाल होता हैं उनकी
अधिकतम रफ़्तार करीब 15 किलोमीटर प्रति/घंटे है.
इन साइकिल में सायरन, लाइट और बैटरी है. जिससे पुलिस अपने वायरलेस और मोबाइल की बैटरी
चार्ज कर पाएंगे. इस साइकिल दस्ते का नाम ‘पुलिस स्कॉट’ रखा गया.