उत्तर
प्रदेश के तत्कालीन विजनरी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव महिला सशक्तीकरण को लेकर बहुत
जागरूक थे । इस क्रम में उन्होंने मुख्य सचिव को सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने
जनपदों में सक्रिय पंचायत उद्योगों अथवा अन्य किसी समुचित मॉडल के माध्यम से ऐसे
लो कॉस्ट एवं गुणवत्तायुक्त सैनेट्री नैपकिन के उत्पादन एवं विपणन की व्यवस्था
कराने का काम कराया था, जिसका लाभ जनपद की महिलाओं को मिल
सके ।
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार द्वारा
महिलाओं के सशक्तीकरण हेतु विशिष्ट प्रयास अग्रलिखित हैं-
v रानी
लक्ष्मी बाई महिला सशक्तिकरण कोष
v रानी
लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार,
v वूमेन
पॉवर लाइन 1090
v डायल
100
v किशोरी
शक्ति योजना
v कन्या
विद्या धन योजना
v गर्भवती
महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने और वापस लाने के लिए ‘102‘ नेशनल
एम्बुलेंस सर्विस
v समाजवादी
पेंशन योजना
v यश
भारती सम्मान
v कन्या
भ्रूण हत्या को रोकने के लिए समाजवादी सरकार ने सख्ती से निपटने का काम किया गया
था और इस सम्बन्ध में मौजूद नियम-कानूनों
v
लो कास्ट
सैनेट्री नैपकिन का उत्पादन और विपणन
v
निःशुल्क ‘आसरा आवास आवंटन’
v लोहिया
आवास योजना
v महिलाओं
के विरुद्ध होने वाले अपराधों की शिकायत ऑनलाइन दर्ज किये जाने की व्यवस्था
v उत्तर
प्रदेश पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ द्वारा 300 पुलिसकर्मियों
को जेन्डर सेन्सेटाइजेशन सम्बन्धी ट्रेनिंग
v सभी वर्गों के गरीब लाभार्थियों की पुत्रियों के विवाह हेतु 2 लाख समाजवादी शादी अनुदान योजना
v समाजवादी ‘राज्य पोषण मिशन’
v समाजवादी
युवा स्वरोज़गार योजना’ एवं ‘समाजवादी
हस्तशिल्पी पेंशन योजना’, एमएसएमई पोर्टल
पीड़ित महिलाओं व बच्चों की सहायता के लिये 11 जिलों में विशेष प्रकोष्ठ-
v आशा
ज्योति केंद्र
v विशिष्ट शिल्पकारों की पेंशन
धनराशि दोगुनी की गयी-
v ‘हस्तशिल्प
विपणन प्रोत्साहन योजना’
‘हौसला पोषण योजना’
v राज्य
पोषण मिशन के अन्तर्गत अतिकुपोषित बच्चों के वजन की मासिक ट्रैकिंग, उनके
पोषण की स्थिति के श्रेणीकरण एवं जनपदस्तरीय अनुश्रवण के डाटा की अपलोडिंग ‘सुपोषण
वेबसाइट’
v 2.2 लाख
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, आशाओं एवं एएनएम को
AAA प्लेटफॉर्म
के रूप में प्रशिक्षण
v समाजवादी सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 का शुभारम्भ
v ‘समाजवादी
मानव तस्करी रोकथाम निधि’
v
300 रुपए तक के
मूल्य के सभी प्रकार के फुटवियर वैट से मुक्त
v उ.प्र. असंगठित कर्मकार सामाजिक
सुरक्षा नियमावली, 2016
v आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियों के मानदेय में 800/- रुपये
प्रतिमाह, मिनी आंगनबाड़ी
कार्यकत्रियों के मानदेय में 750/- रुपये
प्रतिमाह और आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मानदेय में 400/- रुपये
प्रतिमाह की वृद्धि हेतु मानदेय में बढ़ोत्तरी समाजवादी सरकार द्वारा वहन की जाती
थी ।
v मजदूरों/श्रमिकों के लिए मध्याह्न भोजन
योजना
v महिला श्रमिकों
के बच्चों के लिए बनने वाले आवासीय विद्यालय
v महिला मजदूरों/श्रमिकों के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन योजना
महिलाओं
के सशक्तीकरण के लिए उनका अच्छा स्वास्थ्य, आत्मविश्वास के साथ
ही वित्तीय सुरक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण है । ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत बड़ी
संख्या में महिलाएं और युवतियां अभी भी सैनेट्री नैपकिन का प्रयोग नहीं करती हैं,
जिसके कारण उनके शरीर के अंगों में संक्रमण की स्थिति उत्पन्न हो
जाती है । इसका मुख्य कारण शारीरिक बदलावों के प्रति उनमें जानकारी का अभाव तथा
बाजारों में सैनेट्री नैपकिन का महंगा होना है ।