पुराने लखनऊ को डी-कन्जेस्ट कराया गया-
उत्तर प्रदेश के विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पुराने लखनऊ के घनी आबादी वाले इलाकों को भीड़-भाड़ से मुक्त (डी-कन्जेस्ट) करने का काम कराया था । पुराने लखनऊ के घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों में स्थित सरकारी भवनों तथा अन्य राजकीय संस्थानों को चक गंजरिया (सीजी सिटी) अथवा अन्य किसी उपयुक्त स्थान पर किस प्रकार स्थानान्तरित करने का भी प्रयास इसके अंतर्गत किया गया था ।
पुराना लखनऊ आबादी के हिसाब से काफी घना इलाका था
। इससे अवस्थापना सुविधाओं जैसे पेयजल, विद्युत आपूर्ति,
साफ-सफाई, सीवर, सड़कों
का रख-रखाव तथा यातायात जैसी समस्याएं दूर करने में असुविधा होती थी । इसके साथ ही
बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए बेहतर साफ-सफाई की व्यवस्था जरूरी थी, इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को तमाम तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गयी थी
और आम जनता को आए दिन होने वाली ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा दिलाया गया था. अखिलेश सरकार ने पुराने लखनऊ की गलियों
को सुधरने के लिए पांच करोड़ रुपये से ज्यादा धन खर्च किया था. इन गलियों में सीसी और इंटरलॉकिंग का
काम कराया गया था. जिससे लखनऊ की सुन्दरता को बढाया जा सके. इसके कारण पुराने लखनऊ
को बेहतर बनाने का काम करने में अखिलेश यादव की सरकार कामयाब रही.
लखनऊ में ज्यादातर आधुनिक विकास और
निर्माण के काम अखिलेश यादव और बहन मायावती के शासन काल में ही हुए हैं. वर्तमान
बीजेपी सरकार इस मामले में काफी पीछे रह गयी है. लखनऊ में जनेश्वर पार्क तो एशिया
का सबसे बड़ा पार्क के रूप में प्रसिद्ध है तो वहीं गोमती रिवर फ्रंट तो अपने आप
में एक मिशाल है.