ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान, इटावा में विभिन्न परियोजना!
उ.प्र. ग्रामीण आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान सैफई, इटावा
में इमर्जेन्सी ट्रॉमा एवं बर्न सेण्टर, फार्मेसी कॉलेज,
सीनियर डॉक्टर्स के लिए हॉस्टल एवं रैन बसेरे का लोकार्पण, 300-बेड के ओब्स एवं गायनी ब्लॉक तथा 300-बेड के नर्सेज के
लिए हॉस्टल निर्माण का कार्य कराये गए थे । समाजवादी नेता श्री मुलायम सिंह यादव
नेताजी का सपना प्रदेश की गरीब जनता को मुफ्त एवं उत्कृष्ट इलाज की सुविधाएं
उपलब्ध कराना रहा हैं ।
आयुर्विज्ञान संस्थान लोगों को अच्छा इलाज
उपलब्ध कराकर उनकी जान बचा रहा है । इस संस्थान ने विगत 10 वर्षों
में चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी खास और महत्वपूर्ण पहचान बनाई है । यहां पर हर
साल 6 लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया जा रहा है और इलाज के
लिए लोग प्रदेश के बाहर से भी आ रहे हैं। समाजवादी सरकार द्वारा इस संस्थान में और
भी अधिक चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराने का काम किया गया था, ताकि
लोगों को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े ।
डॉक्टर्स की कमी को ठीक करने के लिए
समाजवादी सरकार के विजनरी मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इस संस्थान के चिकित्सा
संसथान में एमबीबीएस सीटें बढ़कर 150 और चिकित्सा क्षेत्र के
अन्य जरूरी कोर्स जैसे- नर्सिंग, पैरामेडिकल तथा फार्मेसी
इत्यादि का भी संचालन कराया था, ताकि लोगों को हर प्रकार की
चिकित्सा सुविधा सहज उपलब्ध हो सके ।
तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कहा था कि डॉक्टर बनकर
मरीजों का इलाज एक बहुत बड़ी समाज सेवा करना है । अच्छा डॉक्टर वही है, जो कम दवाओं से मरीजों को जल्दी ठीक करे । डॉक्टरों को गरीबों, दबे-कुचले लोगों तथा वंचितों की जी-जान से सेवा करने और उनका इलाज कर
उन्हें स्वस्थ बनाने का काम करना चाहिए । इसके साथ ही समाजवादी सरकार ने सैफई में
चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रारम्भ करने की बड़ी परियोजना पर भी काम करने का प्रस्ताव
रखा था, जिससे प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश को बड़ी संख्या में कुशल डॉक्टर मिल
सके ।
स्वाइन फ्लू
से ग्रसित सभी मरीजों को निःशुल्क इलाज!
15 फरवरी, 2015, उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने स्वाइन फ्लू से ग्रसित सभी मरीजों को
निःशुल्क उपचार की तत्काल व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के
कड़े निर्देश देते हुए कहा कि लोगों को इस रोग के सम्बन्ध में जागरूक करने के साथ
ही इसके रोक-थाम हेतु सरकार द्वारा उठाए गये कदम की जानकारी उपलब्ध करायी जाये ।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में स्थापित 24×7 टोल फ्री दूरभाष
नम्बर 18001805145 तथा जनपद स्तर पर स्थापित कन्ट्रोल रूम की
जानकारी जन सामान्य को उपलब्ध कराते हुए इनकी क्रियाशीलता सुनिश्चित किये जाने के
भी निर्देश दिये थे । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर भी पूर्ण
जानकारी प्रदान की जाए । स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों को निःशुल्क इलाज की व्यवस्था
प्रदेश के सभी चिकित्सालयों, केजीएमयू, पीजीआई तथा मेडिकल कॉलेजों में सुनिश्चित कराने का काम किया गया था । इस
बीमारी से ग्रसित मरीजों को स्थानीय स्तर पर इलाज मिल सके इसके लिए सभी शासकीय अस्पतालों
में दवा की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता भी सुनिश्चित किया जाये । उन्होंने कहा
कि वर्तमान में लैब टेस्ट की उपलब्धता लखनऊ स्थित पीजीआई, केजीएमयू
लैब तथा दिल्ली स्थित एनडीसी लैब में है । प्रदेश के विस्तार को देखते हुए यह
पर्याप्त नहीं हैं। इसलिए ऐसे लैबों की संख्या में वृद्धि किया जाना लाजमी है,
ताकि मरीजो को जानकारी तथा उनका उपचार समय से हो सके। उन्होंने
अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि स्वाइन फ्लू टेस्टिंग के लिए केजीएमयू एवं
पीजीआई लैब अवकाश के दिनों में खोली जाएं ताकि मरीजों का टेस्ट एवं रिर्पोट समय से
प्राप्त हो सके ।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा था कि
सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज/ संस्थान आगरा, मेरठ, झांसी, गोरखपुर, अम्बेडकर नगर
तथा सैफई-इटावा में कार्य योजना बनाकर शीघ्र स्वाइन फ्लू टेस्ट की सुविधा उपलब्ध
कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये । इस बीमारी के लक्षण, उससे
बचाव एवं उपचार की जानकारी विशेष अभियान चलाकर आम जन मानस तक पहुंचायी जाये । जिन
स्थानों/संस्थानों से स्वाइन फ्लू के मामले प्रकाश में आयें वहां पर विशेष तौर पर
चिकित्सकों की टीम भेजी जाये, जो स्थल पर जाकर लोगों को
आवश्यक जानकारी देते हुए उनको उचित परामर्श भी प्रदान करें । उन्होंने सभी शिक्षण
संस्थानों में कैम्प लगाये जाने के भी निर्देश दिये थे । इस बीमारी से ग्रसित
मरीजों के लिए सभी चिकित्सालयों में अलग से वार्ड की व्यवस्था की जाये तथा ऐसे
मरीजों का इलाज कर रहे चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाप को वीसंक्रमण से बचाने के
लिए उन्हें पीपीई किट, एन-95 मास्क
उपलब्ध करायी जायें साथ ही स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीजों के परिजनों/सम्पर्क में
आने वाले व्यक्तियों को वीसंक्रमण से बचाने के लिए भी आवश्यक चिकित्सीय व्यवस्था
सुनिश्चित की जाय तथा उनको काउन्सिलिंग/परामर्श प्रदान किया जाय । इस रोग के उपचार
के लिए बजट उपलब्ध है। अतिरिक्त बजट की आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उसकी व्यवस्था की
जाय । उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा था कि स्वाइन फ्लू का
इलाज समय से त्वरित निःशुल्क उपलब्ध करायी जाय । इसमें लापरवाही/ शिथिलता बरतने
वाले चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट uphealth.up.nic.in पर भी
पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी थी ।