जनपद कन्नौज के ग्राम फकीरपुर तथा
चन्दुआहार में मिनी ग्रिड योजना के तहत सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने को अभिनव प्रयास -पूर्व
राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने इन सौर ऊर्जा की योजनाओं
को लेकर कहा था कि इन दोनों गांवों के लिए मिनी ग्रिड परियोजना के माध्यम से
प्रदेश के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों को भी सौर ऊर्जा जैसी बिजली उपलब्ध कराई जा सकती
है ।
समाजवादी सरकार ने उत्तर प्रदेश में सौर
ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अनेक अभिनव प्रयोग किये, जो देश के अन्य किसी भी प्रदेश में नहीं
हो रहे थे। वर्ष 2017 तक समाजवादी सरकार 500 मेगावाट सौर विद्युत उत्पादन करने हेतु
तेजी से काम कर रही थी । समाजवादी पार्टी की सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर
ऊर्जा उत्पादन की विशाल सम्भावना को देखते हुए वहां अधिक से अधिक सौर ऊर्जा
विद्युत परियोजनाओं को स्थापित कराने का काम किया था ।
समाजवादी सरकार ने रूफटॉप सोलर
फोटोवोल्टाइक पावर प्लाण्ट नीति के तहत बड़े पैमाने पर सौर विद्युत उत्पादन को
बढ़ावा दिया था ।भारत सरकार को वर्ष 2022
तक 01 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करना है
तो उत्तर प्रदेश को 10 हजार मेगावाट से अधिक सौर विद्युत
उत्पादन करना होगा । इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए समाजवादी सरकार सौर ऊर्जा के
क्षेत्र में काम कर रही थी ।
1.
अतिरिक्त
ऊर्जा स्रोत की बढ़ोतरी के लिए समाजवादी सरकार ने ऊर्जा विभाग के बजट को तीन गुना
कर दिया था ।
2.
विजनरी
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ऊर्जा उत्पादन के लिए व्यक्तिगत रुचि लेते थे और उत्तर प्रदेश के दूर-दराज के गांवों के लिए
मिनी ग्रिड योजना, लोहिया आवास में सोलर पावर पैक तथा
ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट एवं स्कूलों में सोलर आरओ जैसी योजनाएं उनकी देन है । समाजवादी सरकार
ने लोहिया ग्रामीण आवास योजना के तहत बनाए जा रहे आवासों पर सोलर पावर पैक की
व्यवस्था की थी, जिसमें लाभार्थी को 2 एलईडी लाइट तथा 01 पंखे की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी ।
3.
समाजवादी
सरकार ने विभाग की वेबसाइट पर बायोमास पालिसी का ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए
डाला था । क्योंकि उत्तर प्रदेश में
बायोमास के माध्यम से विद्युत उत्पादन की काफी सम्भावनाएं हैं ।